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बाराबंकी: 56 वर्षों के इतिहास में 10वीं वाहिनी पीएसी के नाम हैं कई उपलब्धियां

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित 10वीं वाहिनी पीएसी के 57वें स्थापना दिवस को बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान परिसर में एक मेले का भी आयोजन किया गया.

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मनाया गया 57वां स्थापना दिवस.
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Published : Jan 18, 2020, 5:28 AM IST

बाराबंकी: 10वीं वाहिनी पीएसी के 57वें स्थापना दिवस को बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान परिसर में एक मेले का भी आयोजन किया गया, जिसमें जवानों और उनके परिवार को सस्ते दरों पर सामान उपलब्ध कराया गया. सुबह वाहिनी क्वार्टर गार्ड पर सेनानायक, उप सेना नायक और सहायक सेना नायक द्वारा पूरे विधि विधान से शस्त्र पूजन किया गया.

मनाया गया 57वां स्थापना दिवस.
साल 1963 में 10वीं वाहिनी पीएसी जिले के जहांगीराबाद महल में स्थापित की गई थी. साल 1998 में वाहिनी अपने नए भवन बाराबंकी-गोंडा मार्ग पर स्थित नवीन मंडी के पास आ गई. पीएसी की इस वाहिनी के 56 वर्षों का बहुत ही शानदार इतिहास रहा है. बटालियन ने न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि देश के जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड और तमिलनाडु समेत कई प्रांतों में भी अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं.

इस वाहिनी ने कई महत्वपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराए हैं. आपदा राहत, दंगा नियंत्रण, रामजन्म भूमि सुरक्षा और नक्सल क्षेत्रों की सुरक्षा में इस बटालियन का खासा योगदान है. नए रिक्रूटों के लिए यहां स्थाई ट्रेनिंग सेंटर है. यहां प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताएं भी होती हैं. यही नहीं जल्द ही यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हाकी ग्राउंड बनाए जाने की भी योजना है. यहां एक कम्पनी आरआरएफ यानी रैपिड रिस्पांस फोर्स के रूप में रिजर्व है. यहां के कई जवान एसडीआरएफ में भी चयनित हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- मुंबई बम ब्लास्ट का आरोपी यूपी में गिरफ्तार, पैरोल में जेल से निकला और हो गया था फरार

मेले के आयोजन के पीछे अधिकारियों की मंशा है कि जवान और उनके परिवार के लोग पीएसी के बारे में जानें, जिससे उनका भावनात्मक जुड़ाव बढ़े.
-राजेश कृष्णा, सेनानायक, 10वीं वाहिनी, पीएसी

बाराबंकी: 10वीं वाहिनी पीएसी के 57वें स्थापना दिवस को बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान परिसर में एक मेले का भी आयोजन किया गया, जिसमें जवानों और उनके परिवार को सस्ते दरों पर सामान उपलब्ध कराया गया. सुबह वाहिनी क्वार्टर गार्ड पर सेनानायक, उप सेना नायक और सहायक सेना नायक द्वारा पूरे विधि विधान से शस्त्र पूजन किया गया.

मनाया गया 57वां स्थापना दिवस.
साल 1963 में 10वीं वाहिनी पीएसी जिले के जहांगीराबाद महल में स्थापित की गई थी. साल 1998 में वाहिनी अपने नए भवन बाराबंकी-गोंडा मार्ग पर स्थित नवीन मंडी के पास आ गई. पीएसी की इस वाहिनी के 56 वर्षों का बहुत ही शानदार इतिहास रहा है. बटालियन ने न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि देश के जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड और तमिलनाडु समेत कई प्रांतों में भी अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं.

इस वाहिनी ने कई महत्वपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराए हैं. आपदा राहत, दंगा नियंत्रण, रामजन्म भूमि सुरक्षा और नक्सल क्षेत्रों की सुरक्षा में इस बटालियन का खासा योगदान है. नए रिक्रूटों के लिए यहां स्थाई ट्रेनिंग सेंटर है. यहां प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताएं भी होती हैं. यही नहीं जल्द ही यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हाकी ग्राउंड बनाए जाने की भी योजना है. यहां एक कम्पनी आरआरएफ यानी रैपिड रिस्पांस फोर्स के रूप में रिजर्व है. यहां के कई जवान एसडीआरएफ में भी चयनित हो चुके हैं.

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मेले के आयोजन के पीछे अधिकारियों की मंशा है कि जवान और उनके परिवार के लोग पीएसी के बारे में जानें, जिससे उनका भावनात्मक जुड़ाव बढ़े.
-राजेश कृष्णा, सेनानायक, 10वीं वाहिनी, पीएसी

Intro:बाराबंकी ,17 जनवरी । 10 वीं वाहिनी पीएसी के 57 वें स्थापना दिवस की बड़ी ही धूमधाम से शुरुआत की गई । इस दौरान परिसर में एक मेले का भी आयोजन किया गया । जिसमें जवानों और उनके परिवार को सस्ते दरों पर देशी-विदेशी तमाम सामान उपलब्ध कराया गया । इससे पहले प्रातःकाल वाहिनी क्वार्टर गार्ड पर सेनानायक,उप सेना नायक और सहायक सेना नायक द्वारा पूरे विधि विधान से शस्त्र पूजन किया गया ।दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में जवानों और उनके परिवार के कल्याण के लिए कई आयोजन किए जाएंगे ।


Body:वीओ - मेले के आयोजन के पीछे अधिकारियों की मंशा है कि जवान और उनके परिवार के लोग पीएसी के बारे में जानें जिससे उनका भावनात्मक जुड़ाव बढ़े ।
बाईट - राजेश कृष्णा , सेनानायक, 10वीं वाहिनी पीएसी बाराबंकी

वीओ - वर्ष 1963 में ये वाहिनी जिले के जहांगीराबाद महल में स्थापित की गई थी । वर्ष 1998 में वाहिनी अपने नए भवन बाराबंकी-गोण्डा मार्ग पर स्थित नवीन मंडी के पास आ गई । तब से ये रोज ब रोज प्रगति के पथ पर है । पीएसी की इस वाहिनी के 56 वर्षों का बहुत ही शानदार इतिहास रहा है । बटालियन ने न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि देश के जम्मू कश्मीर,पश्चिम बंगाल,त्रिपुरा,नागालैंड और तमिलनाडु समेत कई प्रांतों में भी अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं । कई महत्वपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराए हैं । आपदा राहत ,दंगा नियंत्रण, रामजन्म भूमि सुरक्षा और नक्सल क्षेत्रों की सुरक्षा में इस बटालियन का खासा योगदान है । नए रिक्रूटों के लिए यहां स्थाई ट्रेनिंग सेंटर है तो आर्चरी, क्रिकेट,बॉक्सिंग, भारोत्तोलन जैसे कई खेलों के प्लेटफार्म भी हैं जहां प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताएं होती हैं । यही नही जल्द ही यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हाकी ग्राउंड बनाये जाने की भी योजना है । यहां एक कम्पनी आरआरएफ यानी रैपिड रिस्पांस फोर्स के रूप में रिजर्व है तो यहां के कई जवान एसडीआरएफ में भी चयनित हो चुके हैं ।
बाईट - एनपी सिंह , उप सेना नायक , 10वी वाहिनी पीएसी बाराबंकी


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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