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अपहरण और सामूहिक दुराचार के मामले में अभियुक्तों को 20-20 साल की सजा - अपहरण और सामूहिक दुराचार का मामला बाराबंकी

बाराबंकी की एक अदालत ने दो भाइयों सहित तीन आरोपियों को अपहरण और सामूहिक दुराचार के मामले में 20 साल कठोर कारावास के साथ 21-21 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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20 साल कठोर कारावास
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Published : Jun 29, 2022, 10:56 PM IST

बाराबंकी: सात साल पहले अपहरण और सामूहिक दुराचार के मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने दो भाइयों समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए 20-20 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 21-21 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने जुर्माने में से पीड़िता को 15 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में देने का भी आदेश दिया है. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट संख्या 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया है.


सहायक शासकीय अधिवक्ता शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि 1 फरवरी 2015 को कोठी थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले व्यक्ति ने बताया था कि उसकी बेटी शाम को खेत पर गई थी. काफी देर तक जब वह वापस नहीं आई तो उसकी खोजबीन शुरू हुई. इसी बीच गांव के कुछ लोगों ने बताया कि उसकी बेटी को रज्जन नाम का युवक जबरदस्ती उठा ले गया है.

इस पर पीड़िता के पिता ने रज्जन के घर जाकर शिकायत की तो रज्जन के पिता लक्ष्मीनारायण और उसका भाई रामसिंह आग बबूला हो गए. दोनों ने पीड़िता के पिता को मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां दी. गाली देने को मना करने पर दोनों लोगों ने उसे मारना पीटना शुरू कर दिया. पीड़िता का पिता जान बचाने के लिए किसी तरह अपने घर में गया तो लक्ष्मीनारायण और रामसिंह ने घर में घुसकर उसे बुरी तरह मारा पीटा.

पीड़िता के पिता ने इस मामले की तहरीर कोठी थाने पर दी, लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज किया गया. लिहाजा उसने अदालत की शरण ली और फिर अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ. विवेचना के आधार पर छह अभियुक्तों रज्जन, श्रीकेशन, रामसिंह, बउवा उर्फ हंसराज, लक्ष्मीनारायण और हरबादीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

यह भी पढ़ें:गुड़िया गैंगरेप मामला : दोनों आरोपियों को मिली 20-20 साल की सजा

तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद अभियुक्तगणों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों, पीड़िता के बयान और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त रज्जन, बउवा उर्फ हंसराज तथा श्रीकेशन को दोषी पाया तथा अभियुक्तगण रामसिंह,लक्ष्मीनारायण और हरबादीन को सन्देह के लाभ में दोषमुक्त करार दिया. अभियुक्त रज्जन और केशन दोनों सगे भाई हैं. कोर्ट ने दोषी अभियुक्तों को 20-20 साल की कैद और 21 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.


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बाराबंकी: सात साल पहले अपहरण और सामूहिक दुराचार के मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने दो भाइयों समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए 20-20 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 21-21 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने जुर्माने में से पीड़िता को 15 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में देने का भी आदेश दिया है. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट संख्या 45 अजय कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया है.


सहायक शासकीय अधिवक्ता शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि 1 फरवरी 2015 को कोठी थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले व्यक्ति ने बताया था कि उसकी बेटी शाम को खेत पर गई थी. काफी देर तक जब वह वापस नहीं आई तो उसकी खोजबीन शुरू हुई. इसी बीच गांव के कुछ लोगों ने बताया कि उसकी बेटी को रज्जन नाम का युवक जबरदस्ती उठा ले गया है.

इस पर पीड़िता के पिता ने रज्जन के घर जाकर शिकायत की तो रज्जन के पिता लक्ष्मीनारायण और उसका भाई रामसिंह आग बबूला हो गए. दोनों ने पीड़िता के पिता को मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां दी. गाली देने को मना करने पर दोनों लोगों ने उसे मारना पीटना शुरू कर दिया. पीड़िता का पिता जान बचाने के लिए किसी तरह अपने घर में गया तो लक्ष्मीनारायण और रामसिंह ने घर में घुसकर उसे बुरी तरह मारा पीटा.

पीड़िता के पिता ने इस मामले की तहरीर कोठी थाने पर दी, लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज किया गया. लिहाजा उसने अदालत की शरण ली और फिर अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ. विवेचना के आधार पर छह अभियुक्तों रज्जन, श्रीकेशन, रामसिंह, बउवा उर्फ हंसराज, लक्ष्मीनारायण और हरबादीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

यह भी पढ़ें:गुड़िया गैंगरेप मामला : दोनों आरोपियों को मिली 20-20 साल की सजा

तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद अभियुक्तगणों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों, पीड़िता के बयान और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त रज्जन, बउवा उर्फ हंसराज तथा श्रीकेशन को दोषी पाया तथा अभियुक्तगण रामसिंह,लक्ष्मीनारायण और हरबादीन को सन्देह के लाभ में दोषमुक्त करार दिया. अभियुक्त रज्जन और केशन दोनों सगे भाई हैं. कोर्ट ने दोषी अभियुक्तों को 20-20 साल की कैद और 21 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.


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