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बाराबंकी: चार महीने के अंदर काल के मुंह में समा चुकी हैं 100 लोगों की जिंदगियां - डॉ. एस के सिंह मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

यूपी के बाराबंकी में जनवरी 2019 से अब तक कुल 7546 लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं. पिछले 4 महीने में 1991 दुर्घटना के केस दर्ज किए गए हैं. औसतन 550 से 650 दुर्घटनाग्रस्त मरीज प्रत्येक माह में पहुंचते हैं.

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जिले में जनवरी 2019 से अब तक हुए 7546 सड़क हादसे
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Published : Nov 30, 2019, 12:58 PM IST

बाराबंकी: जिला अस्पताल में जनवरी 2019 से अब तक 1022 लोगों का पोस्टमार्टम किया गया है. करीब 50% लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के चलते हो चुकी है. जिले भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में औसतन हर रोज एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. पिछले 4 महीने में करीब 100 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो चुकी है.

जिले में जनवरी 2019 से अब तक हुए 7546 सड़क हादसे

जानें क्या है पूरा मामला-

  • जनवरी 2019 से अब तक कुल 7546 लोग सड़क हादसे का शिकार होकर जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं.
  • जिला अस्पताल में जनवरी 2019 से अब तक 1022 लोगों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है.
  • भारी और हल्के व्यवसायिक वाहनों में अब स्पीड नियंत्रण की व्यवस्था की जा रही है.
  • अब भारी और व्यवसायिक वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकेगी.
  • फिलहाल 2018 की तुलना में इस वर्ष जिले में सड़क हादसे में 4% की कमी आई है.

सड़क दुर्घटना न केवल बाराबंकी बल्कि पूरे भारत और उत्तर प्रदेश के लिए समस्या का कारण बना है. अगर बाराबंकी जिले की बात की जाए तो जनवरी 2019 से लेकर अब तक कुल 7546 सड़क दुर्घटना के मामले जिला अस्पताल में पहुंच चुके हैं. इनमें से भी यदि हम पिछले 4 महीनों का आंकड़ा देखें तो अब तक 1991 सड़क दुर्घटना के मामले सामने आए हैं.

औसतन लगभग महीने भर में 30 से 35 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो जाती है. इस प्रकार अगर एक अनुमान लगाए तो हर रोज एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है. कुछ ऐसे मामले भी होते हैं जो जिला अस्पताल पहुंचते ही नहीं है. 550 से 650 मामले हर महीने सड़क दुर्घटना के आ रहे हैं.
-डॉ. एस के सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

जागरूकता के माध्यम से लगातार लोगों को बताया जाता है कि वह ओवरस्पीडिंग, स्टंटिंग और और लोडिंग से बचें. साथ ही साथ सुरक्षा मानकों का पालन करें. जिससे जान और माल दोनों की क्षति को बचाया जा सके. इसके लिए युवाओं के बीच हम लगातार जाकर प्रयास कर रहे हैं. फिलहाल 2018 की तुलना में इस वर्ष सड़क दुर्घटना के मामले में 4% की कमी आई है.
-पंकज सिंह, आरटीओ

बाराबंकी: जिला अस्पताल में जनवरी 2019 से अब तक 1022 लोगों का पोस्टमार्टम किया गया है. करीब 50% लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के चलते हो चुकी है. जिले भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में औसतन हर रोज एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. पिछले 4 महीने में करीब 100 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो चुकी है.

जिले में जनवरी 2019 से अब तक हुए 7546 सड़क हादसे

जानें क्या है पूरा मामला-

  • जनवरी 2019 से अब तक कुल 7546 लोग सड़क हादसे का शिकार होकर जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं.
  • जिला अस्पताल में जनवरी 2019 से अब तक 1022 लोगों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है.
  • भारी और हल्के व्यवसायिक वाहनों में अब स्पीड नियंत्रण की व्यवस्था की जा रही है.
  • अब भारी और व्यवसायिक वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकेगी.
  • फिलहाल 2018 की तुलना में इस वर्ष जिले में सड़क हादसे में 4% की कमी आई है.

सड़क दुर्घटना न केवल बाराबंकी बल्कि पूरे भारत और उत्तर प्रदेश के लिए समस्या का कारण बना है. अगर बाराबंकी जिले की बात की जाए तो जनवरी 2019 से लेकर अब तक कुल 7546 सड़क दुर्घटना के मामले जिला अस्पताल में पहुंच चुके हैं. इनमें से भी यदि हम पिछले 4 महीनों का आंकड़ा देखें तो अब तक 1991 सड़क दुर्घटना के मामले सामने आए हैं.

औसतन लगभग महीने भर में 30 से 35 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो जाती है. इस प्रकार अगर एक अनुमान लगाए तो हर रोज एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है. कुछ ऐसे मामले भी होते हैं जो जिला अस्पताल पहुंचते ही नहीं है. 550 से 650 मामले हर महीने सड़क दुर्घटना के आ रहे हैं.
-डॉ. एस के सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

जागरूकता के माध्यम से लगातार लोगों को बताया जाता है कि वह ओवरस्पीडिंग, स्टंटिंग और और लोडिंग से बचें. साथ ही साथ सुरक्षा मानकों का पालन करें. जिससे जान और माल दोनों की क्षति को बचाया जा सके. इसके लिए युवाओं के बीच हम लगातार जाकर प्रयास कर रहे हैं. फिलहाल 2018 की तुलना में इस वर्ष सड़क दुर्घटना के मामले में 4% की कमी आई है.
-पंकज सिंह, आरटीओ

Intro: बाराबंकी 29 नवंबर। जनवरी 2019 से अब तक कुल 7546 लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर पहुंच चुके हैं जिला अस्पताल. पिछले 4 महीने में 1991 दुर्घटना के केस दर्ज किए गए हैं. औसतन 550 से 650 दुर्घटना ग्रस्त मरीज प्रत्येक माह में पहुंचते हैं जिला अस्पताल बाराबंकी. जनवरी 2019 से अब तक 1022 लोगों का पोस्टमार्टम किया गया है जिसमें से करीब 50% लोगों की मौत का कारण सड़क दुर्घटना है. जिलेभर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में औसतन हर रोज एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. पिछले 4 महीने में करीब 100 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हुई है. भारी एवं हल्के व्यवसायिक वाहनों में अब स्पीड नियंत्रण की व्यवस्था की जा रही है, और इनकी स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा अब नहीं बढ़ाई जा सकेगी.


Body:सड़क दुर्घटना न केवल बाराबंकी बल्कि पूरे भारत और उत्तर प्रदेश के लिए समस्या का कारण है. लेकिन हम यदि अकेले बाराबंकी जिले की बात करें तो , यहां पर जनवरी 2019 से लेकर अब तक कुल 7546 सड़क दुर्घटना के मामले रफी अहमद किदवई जिला अस्पताल में पहुंचे हैं. इनमें से भी यदि हम पिछले 4 महीने का आंकड़ा देखें तो अब तक 1991 सड़क दुर्घटना के मामले सामने आए हैं.
जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस के सिंह का कहना है कि औसतन लगभग महीने भर में 30 से 35 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो जाती है . इस प्रकार अगर एक अनुमान लगाए तो और रोज एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना से होती है. कुछ ऐसे मामले भी होते हैं जो जिला अस्पताल पहुंचते ही नहीं है. यह बात तो बिल्कुल सही है कि 550 से 650 मामले हर महीने सड़क दुर्घटना के आ रहे हैं, जो चिंता का कारण है.
जिले के एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह का कहना है कि, जागरूकता के माध्यम से लगातार लोगों को बताया जाता है कि, वह ओवरस्पीडिंग, स्टंटिंग और और लोडिंग से बचें. साथ ही साथ सुरक्षा मानकों को पालन करें, जिससे जान और माल दोनों की क्षति को बचाया जा सके. इसके लिए युवाओं के बीच हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि, उन्हें तमाम प्रतियोगिताओं के माध्यम से बताया जाए कि, उनका जीवन बहुमूल्य है, उनके परिवार और समाज दोनों के लिए. फिलहाल 2018 की तुलना में इस वर्ष 4% की कमी बाराबंकी जिले में सड़क दुर्घटनाओं के मामले में आई है. लेकिन अभी भी स्थिति चिंताजनक है, जागरूकता के द्वारा ही इससे बचा जा सकता है. भारी व्यवसायिक वाहन और छोटे व्यवसायिक वाहनों में अब स्पीड को नियंत्रित करने की व्यवस्था की जा रही है , जिससे वह 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा तेज नहीं चल पाएंगे.

एक बात तो बिल्कुल सही है कि जिस प्रकार से सड़क दुर्घटना हो रही है यह चिंता का विषय है. इससे सावधानी के द्वारा ही बचा जा सकता है . यदि हम ठीक प्रकार से नियमों का पालन करें तो इनमें कमी आ सकती है.



Conclusion:bite .

1- डॉ एस के सिंह , मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल बाराबंकी.

2- पंकज सिंह, आरटीओ बाराबंकी.




रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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