बाराबंकी: लगभग सात वर्ष पूर्व एक लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में बाराबंकी की अदालत ने आरोपी को दोषसिद्ध करार देते हुए उसे 10 वर्ष की कठोर कारावास और 24 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) कोर्ट नम्बर-36 राकेश ने सुनाया है. एडीजीसी क्रिमिनल शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने अभियोजन कथानक का ब्योरा देते हुए बताया कि घुघटेर थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले वादी ने 23 अगस्त 2016 को घुघटेर थाने में तहरीर देकर बताया कि वादी 22 अगस्त को अपने खेत मे निराई करने गया था.
घर पर उसकी 18 वर्षीय पुत्री और वादी की मां थी. शाम को करीब 5 बजे वादी की बेटी शौच के लिए गई, लेकिन वापस नहीं लौटी. शाम को वादी खेत से जब घर आया तो उसकी पुत्री घर पर नहीं थी. उसने अपनी मां से जब बेटी की बाबत पूछा तो पता चला कि वह शौच को गई थी. वादी ने अपनी बेटी की खोजबीन शुरू की, तो वादी के भतीजे ने बताया कि उसकी बेटी आरोपी संदीप के साथ देखी गई थी. वादी ने आरोपी संदीप पुत्र लल्लू सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
पुलिस ने आरोपी संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए विवेचना की गई. विवेचना के बाद विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट फाइल की. अभियोजन ने मामले में ठोस गवाह प्रस्तुत किए. अभियोजन और बचाव पक्षों द्वारा पेश किए गए गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों द्वारा की गई बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) कोर्ट नम्बर 36 राकेश ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 24 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. साथ ही यह भी आदेश दिया कि दोषी अभियुक्त संदीप द्वारा अर्थदंड की रकम अदा किए जाने के बाद उसमें से दस हजार रुपये पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति अदा की जाएगी.
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