बांदा:22 मार्च को गांव में दबिश देने गई पुलिस के ग्रामीणों को पीटने का मामला अब तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है. इसको लेकर ग्रामीण बड़ी संख्या मेंपुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक को यह चेतावनी दी कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो लोकसभा चुनाव का सभी ग्रामीण बहिष्कार करेंगे. ग्रामीणों की मानें तो 22 मार्च की घटना में पुलिस ने महिलाओं तक को नहीं छोड़ा और कई लोगों से मारपीट की थी. साथ ही मामले में कई निर्दोष लोगों को भी पुलिस पकड़ ले गई थी.
पूरा मामला देहात कोतवाली क्षेत्र के जमालपुर गांव का है. जहां पर 22 मार्च को शराब के नशे में एक युवक गांव में बवाल मचा रहा था. तभी गांव के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से की. मौके पर पहुंची पुलिस पर युवक ने पथराव कर दिया, जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस वहां पहुंच गई. इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच काफी कहासुनी व धक्का-मुक्की भी हुई. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने कई ग्रामीणों की बेवजह पिटाई कर दी और लगभग 30 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्जकर 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था.
ग्रामीणों का कहना है कि शराब के नशे में जिस युवक ने पुलिस से अभद्रता और पथराव किया था, पुलिस को उसे गिरफ्तार करना चाहिए था. मगर जब वह वहां से भाग गया तो पुलिस निर्दोष लोगों को अपने साथ पकड़ लाई और निर्दोष लोगों के साथ मारपीट की.
ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक से मिल यह चेतावनी दी है कि अगर निर्दोष लोगों को छोड़ा नहीं जाता है और उनके मुकदमे वापस नहीं लिए जाते हैं साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों पर अगर कार्रवाई नहीं की जाती तो लोकसभा चुनाव का सभी ग्रामीण बहिष्कार करेंगे और कोई भी ग्रामीण मतदान करने नहीं जाएगा.
वहीं इस पूरे मामले में जब पुलिस अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया. हालांकि मौखिक रूप से उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन दोषियों को भी छोड़ा नहीं जाएगा.