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मौरंग खदान हादसाः आधी रात बाद शवों की सुपुर्दगी ले पाई पुलिस - पैलानी मौरंग खदान

बुंदेलखंड में लाल सोने के लुटेरों ने एक बार फिर 3 गरीब मजदूरों की जिंदगी छीन ली है. एक बार फिर केन नदी की तलहटी बेबस मजदूरों के खून से लाल हुई है. यहां वैध मौरंग खदानों की आड़ में अवैध खनन के बाजीगरों ने जीवनदायनी कही जाने वाली केन नदी को ही गरीबों की कब्रगाह बना दिया.

मौरंग खदान हादसा
मौरंग खदान हादसा
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Published : Mar 6, 2021, 5:01 PM IST

बांदाः बुंदेलखंड में लाल सोने के लुटेरों ने एक बार फिर 3 गरीब मजदूरों की जिंदगी छीन ली है. एक बार फिर केन नदी की तलहटी बेबस मजदूरों के खून से लाल हुई है. यहां वैध मौरंग खदानों की आड़ में अवैध खनन के बाजीगरों ने जीवनदायनी कही जाने वाली केन नदी को ही गरीबों की कब्रगाह बना दिया है. ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा जिले में शुक्रवार को सामने आया, जहां मौरंग खदान में मजदूरी कर रहे तीन युवा मजदूर रेत के टीले धंसने से जिंदा ही दफन हो गए.

पैलानी मौरंग खदान हादसा.

सड़क पर शव रखकर लगाया जाम
हादसे की खबर मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया और सैकड़ो ग्रामीणों ने शवों को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया. ग्रामीण मौरंग माफिया पर कार्रवाई की मांग करने लगे. मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे जिले के बड़े अधिकारियों ने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर तकरीबन 8 घंटे बाद रात लगभग 2 बजे आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतकों के शव को पुलिस को सुपुर्द किया और जाम को खत्म किया.

पैलानी क्षेत्र की एवी खदान में हुआ हादसा
पैलानी थाना क्षेत्र के एवी माइनिंग मौरंग खदान में शुक्रवार की शाम लगभग 5 बजे हादसा हुआ, जहां मौरंग खदान में ट्रैक्टर में मौरंग भरते समय अचानक टीला धंस गया जिसमें टीले की जड़ में काम कर रहे मजदूर बंटू, गजराज और रामशरण दब गए. मजदूरों की चीख सुनकर दूसरे मजदूर मौके पर पहुंचे और करीब घंटा भर की मशक्कत के बाद उन्हें निकालकर आनन-फानन में पैलानी सीएचसी पहुंचाया लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी.

3 की जगह 20 मीटर हो रही खुदाई
हादसे के बाद ही खदान का ठेकेदार फरार हो गया, जिससे ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने आक्रोशित होकर बांदा-हमीरपुर रोड पर ही शव रखकर जाम लगा दिया और प्रदर्शन शुरू कर दिया. बेकाबू हालात देखकर कई थानों की पुलिस के साथ एएसपी और एडीएम मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने में जुट गए. मृतक के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों का आरोप था कि मानक के खिलाफ खदान ठेकेदार और प्रशासन मिलकर खनन करा रहा है 3 मीटर के बजाय नदी में 20 मीटर गहरी खाइयां बनाकर मौरंग निकाली जा रही है, जिसके चलते टीले धंसने से मजदूरों की जान गई है.

यह भी पढ़ेंः-मौरंग की खदान में टीला ढहने से 3 मजदूरों की मौत

कार्रवाई का आश्वासन
मौके पर भारी पुलिस फोर्स के साथ मौजूद एडीएम और पुलिस अधिकारियों ने आक्रोशित लोगों को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन बिना कार्रवाई के लोग मानने को तैयार नहीं थे. 8 घंटे के बाद काफी समझाने के बाद और दोषियों पर कार्रवाई के वादे पर लोगों ने मृतकों के शव पुलिस को सौंपे और जाम खत्म किया. वहीं इस मामले में एक बार फिर मुआवजे के नाम पर मामले को दबाने और खनन माफियाओं को बचाने की कवायद प्रशासन ने शुरू कर दी है. एएसपी का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है और मुवावजा दिलाने की दिशा में बात की जा रही है साथ ही तहरीर मांगी गई है. तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

बांदाः बुंदेलखंड में लाल सोने के लुटेरों ने एक बार फिर 3 गरीब मजदूरों की जिंदगी छीन ली है. एक बार फिर केन नदी की तलहटी बेबस मजदूरों के खून से लाल हुई है. यहां वैध मौरंग खदानों की आड़ में अवैध खनन के बाजीगरों ने जीवनदायनी कही जाने वाली केन नदी को ही गरीबों की कब्रगाह बना दिया है. ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा जिले में शुक्रवार को सामने आया, जहां मौरंग खदान में मजदूरी कर रहे तीन युवा मजदूर रेत के टीले धंसने से जिंदा ही दफन हो गए.

पैलानी मौरंग खदान हादसा.

सड़क पर शव रखकर लगाया जाम
हादसे की खबर मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया और सैकड़ो ग्रामीणों ने शवों को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया. ग्रामीण मौरंग माफिया पर कार्रवाई की मांग करने लगे. मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे जिले के बड़े अधिकारियों ने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर तकरीबन 8 घंटे बाद रात लगभग 2 बजे आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतकों के शव को पुलिस को सुपुर्द किया और जाम को खत्म किया.

पैलानी क्षेत्र की एवी खदान में हुआ हादसा
पैलानी थाना क्षेत्र के एवी माइनिंग मौरंग खदान में शुक्रवार की शाम लगभग 5 बजे हादसा हुआ, जहां मौरंग खदान में ट्रैक्टर में मौरंग भरते समय अचानक टीला धंस गया जिसमें टीले की जड़ में काम कर रहे मजदूर बंटू, गजराज और रामशरण दब गए. मजदूरों की चीख सुनकर दूसरे मजदूर मौके पर पहुंचे और करीब घंटा भर की मशक्कत के बाद उन्हें निकालकर आनन-फानन में पैलानी सीएचसी पहुंचाया लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी.

3 की जगह 20 मीटर हो रही खुदाई
हादसे के बाद ही खदान का ठेकेदार फरार हो गया, जिससे ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने आक्रोशित होकर बांदा-हमीरपुर रोड पर ही शव रखकर जाम लगा दिया और प्रदर्शन शुरू कर दिया. बेकाबू हालात देखकर कई थानों की पुलिस के साथ एएसपी और एडीएम मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने में जुट गए. मृतक के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों का आरोप था कि मानक के खिलाफ खदान ठेकेदार और प्रशासन मिलकर खनन करा रहा है 3 मीटर के बजाय नदी में 20 मीटर गहरी खाइयां बनाकर मौरंग निकाली जा रही है, जिसके चलते टीले धंसने से मजदूरों की जान गई है.

यह भी पढ़ेंः-मौरंग की खदान में टीला ढहने से 3 मजदूरों की मौत

कार्रवाई का आश्वासन
मौके पर भारी पुलिस फोर्स के साथ मौजूद एडीएम और पुलिस अधिकारियों ने आक्रोशित लोगों को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन बिना कार्रवाई के लोग मानने को तैयार नहीं थे. 8 घंटे के बाद काफी समझाने के बाद और दोषियों पर कार्रवाई के वादे पर लोगों ने मृतकों के शव पुलिस को सौंपे और जाम खत्म किया. वहीं इस मामले में एक बार फिर मुआवजे के नाम पर मामले को दबाने और खनन माफियाओं को बचाने की कवायद प्रशासन ने शुरू कर दी है. एएसपी का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है और मुवावजा दिलाने की दिशा में बात की जा रही है साथ ही तहरीर मांगी गई है. तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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