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...पराली को ऐसे करेंगे नष्ट तो बढ़ेगी खेत की उर्वरा शक्ति - पराली जलाने से वायु प्रदूषण

यूपी के बांदा में पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति कम हो रही है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उप कृषि निदेशक अरविंद कुमार ने कुछ विधि बताई है, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

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खेत में जल रही पराली.
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Published : Dec 20, 2019, 1:07 PM IST

बांदाः उप कृषि निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि खतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण बहुत तेजी से फैलता है. ऐसे में किसानों को चाहिए कि पराली न जलाएं और इसे नष्ट करने के अन्य उपाय को अपनाएं. उन्होंने बताया कि पराली को किसान गोशालाओं में दे सकते हैं, जिससे वह खाद के रूप में तब्दील हो सकेगी.

पराली को ऐसे करेंगे नष्ट तो बढ़ेगी खेत की उर्वरा शक्ति.


उप कृषि निदेशक ने बताया कि किसान आधुनिक यंत्र जैसे- श्रम मास्टर, मल्चर आदि का प्रयोग करके इसे खेतों में सड़ा सकते हैं. इससे खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी. इसके अलॉवा अगर नम खेत में 10 किलोग्राम यूरिया खाद को एक एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर दिया जाएगा तो यह जल्द ही उसमें सड़ जाएगा और खाद का काम करेगा.

इसे भी पढ़ेंः-गोरखपुर: 'प्लास्टिक मुक्त भारत' की ओर शिवम का कदम, प्लास्टिक से बनेगा ईंधन


उप कृषि निदेशक ने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल किसानों में जागरूकता बढ़ी है. हालांकि कुछ किसान ऐसे हैं, जो लापरवाही कर रहे हैं, जिसके चलते वायु प्रदूषण के साथ-साथ उनके खेतों की उर्वरा शक्ति भी खत्म हो रही है.

बांदाः उप कृषि निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि खतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण बहुत तेजी से फैलता है. ऐसे में किसानों को चाहिए कि पराली न जलाएं और इसे नष्ट करने के अन्य उपाय को अपनाएं. उन्होंने बताया कि पराली को किसान गोशालाओं में दे सकते हैं, जिससे वह खाद के रूप में तब्दील हो सकेगी.

पराली को ऐसे करेंगे नष्ट तो बढ़ेगी खेत की उर्वरा शक्ति.


उप कृषि निदेशक ने बताया कि किसान आधुनिक यंत्र जैसे- श्रम मास्टर, मल्चर आदि का प्रयोग करके इसे खेतों में सड़ा सकते हैं. इससे खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी. इसके अलॉवा अगर नम खेत में 10 किलोग्राम यूरिया खाद को एक एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर दिया जाएगा तो यह जल्द ही उसमें सड़ जाएगा और खाद का काम करेगा.

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उप कृषि निदेशक ने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल किसानों में जागरूकता बढ़ी है. हालांकि कुछ किसान ऐसे हैं, जो लापरवाही कर रहे हैं, जिसके चलते वायु प्रदूषण के साथ-साथ उनके खेतों की उर्वरा शक्ति भी खत्म हो रही है.

Intro:SLUG- खेतों में पराली को न जलाकर अगर ऐसे करेंगे नष्ट तो बढ़ेगी खेत की उर्वराशक्ति
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 18.12.19
एंकर- धान की पराली खेतों में जलाने के मामले में जहां कई किसानों पर मुकदमे व गिरफ्तारी की खबरें जगह-जगह से सामने आई है तो वहीं पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है । साथ ही सबसे बड़ा प्रभाव इसका यह है कि इससे वायु प्रदूषण फैल रहा है । ऐसे में अब कृषि अधिकारी किसानों से पराली न जलाने व इसे नष्ट करने के कुछ उपाय अपनाने की सलाह दे रहे हैं।Body:वीओ- आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के मामले में बुंदेलखंड के बांदा समेत कई जगह किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं व गिरफ्तारियां भी हुई है। बांदा में लगभग 2 दर्जन किसानों के ऊपर पराली जलाने के मामले में एफआईआर हो चुकी है वहीं कुछ किसानों की गिरफ्तारी की भी बात पूर्व में सामने आ चुकी है। किसान भी नहीं चाहता कि उस पर कोई कार्यवाही हो लेकिन पराली को कैसे नष्ट किया जाए इसके लिए उसे ठीक से उपाय भी नहीं पता। अभी भी बांदा में सैकड़ों किसान है ऐसे हैं जिनके खेतों में पराली है। ऐसे में किसानों के लिए उप कृषि निदेशक अरविंद कुमार ने कुछ तकनीक अपनाने की बात कही है। उनका दावा है कि अगर किसान इन बातों को ध्यान में रखकर काम करेगा तो जहां एक तरफ पराली भी नष्ट हो जाएगी साथ ही खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी क्योंकि पराली जलाने से खेतों की उर्वशी लगातार कम हो रही है।Conclusion:वीओ- उप कृषि निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि पराली जलाने से कई नुकसान है । जैसे जब किसान खेतों में पराली को जलाता है तो खेतों में पाए जाने वाले मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं और इससे खेतों की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। वही इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि इससे वायु प्रदूषण फैलता है। उप कृषि निदेशक ने बताया कि हमारे जिले में कई गौशालाएं हैं किसान चाहे तो उन गौशालाओं में पराली को दे सकता है। वहीं अगर किसानों के पास आधुनिक यंत्र है जैसे- श्रम मास्टर, मल्चर आदि का प्रयोग करके इसे खेतों में सड़ा सकते हैं। जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी इसके साथ साथ अगर नम खेत मे 10 किलोग्राम यूरिया खाद को 1 एकड़ के हिसाब से उसमें छिड़काव कर दिया जाएगा तो यह जल्द ही उसमें सड़ जाएगा और खाद का काम करेगा। वहीं उप कृषि निदेशक ने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं जिससे पिछले वर्ष के अपेक्क्षा इस साल किसानों में जागरूकता बढ़ी है। लेकिन कुछ किसान ऐसे हैं जो जानबूझकर लापरवाही कर रहे हैं। जिसके चलते वायु प्रदूषण के साथ-साथ उनके खेतों की उर्वरा शक्ति भी खत्म हो रही है।

बाइट: अरविंद कुमार, उप कृषि निदेशक

ANAND TIWARI
BANDA
9795000076
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