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बांदा में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा, कई गावों का मुख्यालय से संपर्क टूटा - चंद्रावल नदी का जलस्तर बढ़ा

बांदा में नदियों का जलस्तर (rivers water level rise in Banda) तेजी से बढ़ रहा है. इससे कई गावों में बाढ़ का खतरा (Flood threat in Banda) बना हुआ है. वहीं, कई गावों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. प्रशासन ने बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है.

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Published : Aug 21, 2022, 2:30 PM IST

बांदा: जिले में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे (Flood threat in Banda) हालत बन गए हैं. कई गांव का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट चुका है. लोग एक से दूसरी जगह जाने के लिए मोहताज हैं. स्थानीय स्तर पर बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए एकमात्र सहारा नाव हैं.

बांदा में यमुना, केन और चंद्रावल नदी का जलस्तर (rivers water level rise in Banda) बढ़ने से कई गांवों के लोग मुसीबत से जूझ रहे हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ता देख जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे ग्रामीण प्रशासन की व्यवस्थाओं के दावों को नकार रहे हैं. जिले को प्रभावित करने वाली नदियों में मुख्य केन नदी है. इसके साथ ही चंद्रावल और यमुना नदी भी हैं, जिनमें जलस्तर बढ़ने से सीधे तौर पर बांदा जनपद के सैकड़ों की तादाद में गांव प्रभावित होते हैं.

बांदा में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा

मध्य प्रदेश में हुई बारिश के चलते बांदा में केन नदी का जलस्तर (rivers water level rise in Banda) तेजी से बढ़ रहा है. अभी यह नदी खतरे के निशान से करीब 5 मीटर नीचे ही है, लेकिन इसका जलस्तर बढ़ने से पैलानी तहसील के कई गांव बाढ़ से घिर चुके हैं. खपटिहा, पैलानी, नांदादेव, अदरी, पैलानी डेरा जैसे कई गांवों पर बाढ़ का खतरा बना हुआ हैं. इन गावों का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है और इन गांवों को पानी ने अपने घेरे में ले रखा है.

वहीं, चंद्रावल नदी भी उफान पर है, जिसके चलते पैलानी जसपुरा क्षेत्र के कई गांव का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट चुका है. इन गांव के ग्रामीण अस्पताल और अपनी जरूरत के लिए नदी को पार करने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन ने प्राइवेट नावों पर भी रोक लगा रखी थी, लेकिन हालात को देखते हुए अब प्राइवेट नाव चलाने की परमिशन दी गई है.

यह भी पढ़ें: वाराणसी में खतरे के निशान से महज 50 सेंमी दूर गंगा, नमो घाट जलमग्न

बांदा के डीएम अनुराग पटेल के ने बताया कि खपटिहा क्षेत्र में और बाढ़ग्रस्त (Flood threat in Banda) क्षेत्रों में प्रशासनिक देख -रेख में प्राइवेट नाव चलवाने का आदेश दे दिया गया है. इसके साथ ही बाढ़ से बचाव के लिए वाहनों के पुराने टायरों को हवा भरवा कर उनका भी इंतजाम नावों में किया गया है. ताकि जरूरत पड़ने पर वह जीवन रक्षक उपकरण के तौर पर काम आ सकें. डीएम का कहना है कि, उन्होंने बाढ़ चौकियों और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के राजस्व कर्मियों को अलर्ट मोड पर लगा रखा है, जिन किसानों की फसलें बाढ़ से नष्ट हो रही हैं. उनका मुआइना कर सरकारी मदद दिलवाने की भी व्यवस्था की जाएगी.

यह भी पढ़ें: जौनपुर के ग्रामीणों में तेंदुए की दहशत, अधिकारी बोले- वीडियो में कोई दूसरा जानवर है

बांदा: जिले में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे (Flood threat in Banda) हालत बन गए हैं. कई गांव का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट चुका है. लोग एक से दूसरी जगह जाने के लिए मोहताज हैं. स्थानीय स्तर पर बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए एकमात्र सहारा नाव हैं.

बांदा में यमुना, केन और चंद्रावल नदी का जलस्तर (rivers water level rise in Banda) बढ़ने से कई गांवों के लोग मुसीबत से जूझ रहे हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ता देख जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे ग्रामीण प्रशासन की व्यवस्थाओं के दावों को नकार रहे हैं. जिले को प्रभावित करने वाली नदियों में मुख्य केन नदी है. इसके साथ ही चंद्रावल और यमुना नदी भी हैं, जिनमें जलस्तर बढ़ने से सीधे तौर पर बांदा जनपद के सैकड़ों की तादाद में गांव प्रभावित होते हैं.

बांदा में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा

मध्य प्रदेश में हुई बारिश के चलते बांदा में केन नदी का जलस्तर (rivers water level rise in Banda) तेजी से बढ़ रहा है. अभी यह नदी खतरे के निशान से करीब 5 मीटर नीचे ही है, लेकिन इसका जलस्तर बढ़ने से पैलानी तहसील के कई गांव बाढ़ से घिर चुके हैं. खपटिहा, पैलानी, नांदादेव, अदरी, पैलानी डेरा जैसे कई गांवों पर बाढ़ का खतरा बना हुआ हैं. इन गावों का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है और इन गांवों को पानी ने अपने घेरे में ले रखा है.

वहीं, चंद्रावल नदी भी उफान पर है, जिसके चलते पैलानी जसपुरा क्षेत्र के कई गांव का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट चुका है. इन गांव के ग्रामीण अस्पताल और अपनी जरूरत के लिए नदी को पार करने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन ने प्राइवेट नावों पर भी रोक लगा रखी थी, लेकिन हालात को देखते हुए अब प्राइवेट नाव चलाने की परमिशन दी गई है.

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बांदा के डीएम अनुराग पटेल के ने बताया कि खपटिहा क्षेत्र में और बाढ़ग्रस्त (Flood threat in Banda) क्षेत्रों में प्रशासनिक देख -रेख में प्राइवेट नाव चलवाने का आदेश दे दिया गया है. इसके साथ ही बाढ़ से बचाव के लिए वाहनों के पुराने टायरों को हवा भरवा कर उनका भी इंतजाम नावों में किया गया है. ताकि जरूरत पड़ने पर वह जीवन रक्षक उपकरण के तौर पर काम आ सकें. डीएम का कहना है कि, उन्होंने बाढ़ चौकियों और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के राजस्व कर्मियों को अलर्ट मोड पर लगा रखा है, जिन किसानों की फसलें बाढ़ से नष्ट हो रही हैं. उनका मुआइना कर सरकारी मदद दिलवाने की भी व्यवस्था की जाएगी.

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