बांदा: कोरोना वायरस को लेकर पूरा देश लॉकडाउन है. इसके बाद लोग घरों में बंद हो गए हैं. गरीब तबके के लोग रोज कमाने खाने वाले थे, उनके सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. किसी भी तरह का रोजी और रोजगार न होने के चलते बच्चों के पेट भरने की समस्या पैदा हो गई है.
हालांकि सरकार ऐसे लोगों के लिए फ्री में राशन बंटवा रही हैं. इनके खातों में पैसे भी भेज रही है. मगर कई लोग अभी भी लाभ पाने से वंचित हैं. कहीं भी समाजसेवियों या अन्य मददगार लोग खाना बांटते हैं तो, भूखे पेट रहने वाले लोग भोजन लेने के लिए दौड़ जाते हैं.
बुंदेलखंड के बांदा में किसी भी तरह का रोजी रोजगार का बड़ा साधन या उद्योग नहीं है. ऐसे में ज्यादातर लोग यहां रोजमर्रा का काम कर पेट पालने वाले हैं. लॉकडाउन के वजह से लोगों के सामने बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. कई लोग तो ऐसे हैं जो खानाबदोश जीवन सड़कों के किनारे जी रहे हैं, जिनका सरकारी दस्तावेजों में नाम नहीं है.
सरकार मजदूरों के खातों में पैसे तो भेज रही है मगर ज्यादातर मजदूर ऐसे हैं, जिनका श्रम विभाग में पंजीकरण नहीं है. इसके चलते उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे हालात में अब इनके सामने अपने परिवार का पेट भरने का कोई विकल्प नहीं बचा है.
रोज कमाने खाने वाले लोगों ने बताया कि लॉकडाउन के वजह से रोजी रोजगार बंद हो गया है. उन्हें अब अपने पेट भरने के लिए कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा. कुछ लोगों के उन्हें राशन व खाना दे देते हैं. उतने खाना में पेट नहीं भर पा रहा क्योंकि परिवार काफी बड़ा है. उन लोगों ने बताया कि अब इन्हें समझ नहीं आ रहा क्या करें.