बांदा: जिले में सोमावार को अभिभावक संघ के बैनर तले कई संख्या में अभिभावकों ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया. इसके साथ ही डीएम को मुख्यमंत्री से संबोधित ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से अभिभावकों ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि इस लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के बावजूद भी स्कूल प्रबंधन फीस की मांग कर रहे हैं जो कि गलत है. अभिभावकों ने कहा कि फीस को माफ किया जाए, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
अभिभावकों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
सोमवार दोपहर काफी संख्या में अभिभावक संघ ने जिलाधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. अभिभावकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि लॉकडाउन में रोजगार बंद होने के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल भी बंद हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन की तरफ से मनमानी फीस बिल भेजी जा रही है. अभिभावकों ने कहा कि फीस देने में असमर्थ हैं, इसलिए बच्चों की स्कूल फीस को माफ की जाए.
अभिभावकों ने दिया ‘नो स्कूल नो फीस’ का नारा
फीस की समस्या को लेकर ज्ञापन देने आए अभिभावकों का नारा है कि ‘नो स्कूल नो फीस’. ऐसा इसीलिए क्योंकि लॉकडाउन की वजह से सभी के व्यापार बंद हो गए हैं और ऐसे में लोगों के सामने कई समस्याएं हैं. स्कूल प्रबंधन जबरजस्ती फीस की मांग कर रहे हैं. हमारी मुख्यमंत्री से मांग है कि लॉकडाउन के समय की फीस को पूरी तरह माफ की जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके.
प्राइवेट स्कूलों में कॉपी, किताबों और अन्य सामानों से अभिभावकों से वसूली की जाती है. कई स्कूलों में अलग-अलग सिलेबस की किताबें दी जाती हैं, जो गलत है. हमारी मांग है कि एक ही सिलेबस की किताबें हर जगह चलनी चाहिए, जिससे कि यह किताबें लोगों के उपयोग में दोबारा आ सके.