बांदा: जिले में अन्ना प्रथा उन्मूलन के लिए सरकार तमाम काम कर रही है. अब सरकार जिले के किसानों को अन्ना जानवरों से निजात दिलाने के लिए अस्थाई गौशाला बनाने जा रही है. इससे अन्ना जानवरों से लोगों को छुटकारा मिलने की उम्मीद है तो वहीं इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
क्या है पूरा मामला-
- सरकार जिले में अन्ना प्रथा उंमूलन के लिए तमाम कार्य कर रही है.
- सरकार अन्ना जानवरों की रोकथाम के लिए अस्थाई गौशाला बनाने की बात कही है.
- सरकार द्वारा यह कहा गया है कि अब एक गाय के संरक्षण करने पर 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाएगा.
- सरकार के इस योजना से लोग गायों को आवारा न छोड़कर इन्हें घर में बांधेंगे.
- सरकार पशुपालन विभाग को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस योजना के बारे में बताई है.
वहीं बांदा के लोगों का कहना है कि सरकार का यह कदम सराहनीय है, लेकिन 30 रुपये कम है क्योंकि एक जानवर पर प्रतिदिन 50 रुपये तक का खर्च आता है. अगर सरकार 30 रुपये से बढ़ाकर 50 या 60 रुपये कर दे तो यह बेहतर होगा.
सरकार द्वारा यह जानकारी मिली है कि अस्थाई गौशालाओं के माध्यम से अन्ना प्रथा पर रोक लगाई जाएगी. इसमें बताया गया है कि प्रति गाय प्रतिदिन के हिसाब से 30 रुपये दिया जाना है और एक पशुपालक को अधिकतम 5 गायें दी जाएंगी, जिसके बदले पशुपालक से एफिडेविट लिया जाएगा, जिसमें यह बात लिखी जाएगी कि पशुपालक अपनी गायों को न तो आवारा छोड़ेंगे और न ही किसी दूसरे को देंगे.
-डॉ. राजीव धीर, उपमुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी