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नगरपालिका ने कुछ यूं उड़ाया सरकारी धन, लाखों की मशीनें बनी कबाड़ - यूपी सरकार

पांच साल पहले बांदा नगरपालिका ने इन्हें इसलिए खरीदा था ताकि सफाईकर्मियों को नाले-नालियों की गंदगी में न उतरना पड़े. मशीनें खरीदने के तीन या चार दिन बाद ही इनमें खराबी आ गई और तब से यह कबाड़ में पड़ी हैं.

लाखों की मशीनें बनीं कबाड़
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Published : Feb 2, 2019, 8:02 PM IST

बांदा : सरकारी विभागों में धन का दुरुपयोग कोई नई बात नहीं है, लेकिन बांदा नगरपालिका में जिस तरह सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है ऐसा शायद ही किसी विभाग में हुआ होगा. यहां सफाई के लिए लाई गई लाखों रुपए की मशीनें कबाड़ में पड़ी हैं.

नगरपालिका ने किया सरकारी धन का दुरुपयोग
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मामला बांदा नगरपालिका का है, जहां लाखों रुपये की मशीनें कबाड़ में पड़ी हैं. पांच साल पहले बांदा नगरपालिका ने इन्हें इसलिए खरीदा था ताकि सफाईकर्मियों को नाले-नालियों की गंदगी में न उतरना पड़े. मशीनें खरीदने के तीन या चार दिन बाद ही इनमें खराबी आ गई और तब से यह कबाड़ में पड़ी हैं.

इनमें एक मशीन की कीमत तो 7 लाख रुपये से भी अधिक है. यहां कई ऐसी मशीनें हैं, जो खरीदने के बाद कभी उपयोग में ही नहीं लाई गईं. इसी तरह नगरपालिका बांदा में लाखों की कीमत की कई मशीनें और सफाई के उपकरण कबाड़ में पड़े हैं. इनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. इस कारण मजदूरों को आज भी नाले में उतरकर सफाई करनी पड़ रही है.

वर्तमान में नगरपालिका अध्यक्ष मोहन साहू ने पुरानी मशीनों को सही कराने की बात कही है. उन्होंने यह भी माना है कि यहां पूर्व में सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है. पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विनोद जैन ने कई मशीनें खरीदी थीं जो कि विभाग के लिए उपयोगी नहीं हैं. जब सफाई के लिए लाए गए उपकरण खराब हुए तो उन्हें बनवाया भी नहीं गया. उल्टा उन्हें कबाड़ में फेंक दिया गया और उसके बदले नए उपकरण या मशीनें खरीद ली गईं.

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बांदा : सरकारी विभागों में धन का दुरुपयोग कोई नई बात नहीं है, लेकिन बांदा नगरपालिका में जिस तरह सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है ऐसा शायद ही किसी विभाग में हुआ होगा. यहां सफाई के लिए लाई गई लाखों रुपए की मशीनें कबाड़ में पड़ी हैं.

नगरपालिका ने किया सरकारी धन का दुरुपयोग
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मामला बांदा नगरपालिका का है, जहां लाखों रुपये की मशीनें कबाड़ में पड़ी हैं. पांच साल पहले बांदा नगरपालिका ने इन्हें इसलिए खरीदा था ताकि सफाईकर्मियों को नाले-नालियों की गंदगी में न उतरना पड़े. मशीनें खरीदने के तीन या चार दिन बाद ही इनमें खराबी आ गई और तब से यह कबाड़ में पड़ी हैं.

इनमें एक मशीन की कीमत तो 7 लाख रुपये से भी अधिक है. यहां कई ऐसी मशीनें हैं, जो खरीदने के बाद कभी उपयोग में ही नहीं लाई गईं. इसी तरह नगरपालिका बांदा में लाखों की कीमत की कई मशीनें और सफाई के उपकरण कबाड़ में पड़े हैं. इनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. इस कारण मजदूरों को आज भी नाले में उतरकर सफाई करनी पड़ रही है.

वर्तमान में नगरपालिका अध्यक्ष मोहन साहू ने पुरानी मशीनों को सही कराने की बात कही है. उन्होंने यह भी माना है कि यहां पूर्व में सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है. पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विनोद जैन ने कई मशीनें खरीदी थीं जो कि विभाग के लिए उपयोगी नहीं हैं. जब सफाई के लिए लाए गए उपकरण खराब हुए तो उन्हें बनवाया भी नहीं गया. उल्टा उन्हें कबाड़ में फेंक दिया गया और उसके बदले नए उपकरण या मशीनें खरीद ली गईं.

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Intro:SLUG- सरकारी विभागों में इस तरह होता है सरकारी धन का दुरुपयोग
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 02.02.19
ANCHOR- सरकारी विभागों में धन का दुरुपयोग हो ना कोई नई बात नहीं है। लेकिन बांदा नगरपालिका में जिस सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ शायद ही किसी विभाग में हुआ हो । यहां सफाई के लिए लाई गई लाखों रुपए की कीमत की मशीनें कबाड़ में पड़ी हुई है जिनका कोई पुरसाहाल नहीं है । बड़ी बात तो यह है कि एक मशीन जिसकी कीमत 7 लाख रुपये से अधिक है इसे 5 साल पहले इसलिए खरीदा गया था की सफाई कर्मियों को नाले नालियों की गंदगी में ना जाना पड़े । लेकिन जब यह मशीन खरीदी गई उसके तीन या चार दिन बाद ही मशीन खराब हो गई और तब से यह कबाड़ में पड़ी है ।

V/O- आपको बता दें कि नगरपालिका बांदा में लाखों की कीमत की कई मशीनें और सफाई के उपकरण कबाड़ में पड़े हैं। जिनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। यहां कई ऐसी मशीनें हैं जो खरीदने के बाद कभी उपयोग में ही नहीं लाई गई। पूर्व में नगर पालिका अध्यक्ष विनोद जैन द्वारा कई मशीने खरीदी गई और सरकारी धन का खूब दुरुपयोग हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि सफाई के लिए लाए गए उपकरण जब खराब हुए तो उन्हें बनवाया नहीं गया और कबाड़ में फेंक दिया गया। उसके बदले नए उपकरण या मशीनें खरीद ली गई।

वीओ- हालांकि वर्तमान में नगर पालिका अध्यक्ष मोहन साहू ने पुरानी मशीनों को सही कराने की बात कही है और उन्होंने भी माना है कि यहां पूर्व में सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है।

BYTE- मोहन साहू, नगरपालिका चेयरमैन

ANAND TIWARI
BANDA
9795000076
8543896179


Body:SLUG- सरकारी विभागों में इस तरह होता है सरकारी धन का दुरुपयोग
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 02.02.19
ANCHOR- सरकारी विभागों में धन का दुरुपयोग हो ना कोई नई बात नहीं है। लेकिन बांदा नगरपालिका में जिस सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ शायद ही किसी विभाग में हुआ हो । यहां सफाई के लिए लाई गई लाखों रुपए की कीमत की मशीनें कबाड़ में पड़ी हुई है जिनका कोई पुरसाहाल नहीं है । बड़ी बात तो यह है कि एक मशीन जिसकी कीमत 7 लाख रुपये से अधिक है इसे 5 साल पहले इसलिए खरीदा गया था की सफाई कर्मियों को नाले नालियों की गंदगी में ना जाना पड़े । लेकिन जब यह मशीन खरीदी गई उसके तीन या चार दिन बाद ही मशीन खराब हो गई और तब से यह कबाड़ में पड़ी है ।

V/O- आपको बता दें कि नगरपालिका बांदा में लाखों की कीमत की कई मशीनें और सफाई के उपकरण कबाड़ में पड़े हैं। जिनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। यहां कई ऐसी मशीनें हैं जो खरीदने के बाद कभी उपयोग में ही नहीं लाई गई। पूर्व में नगर पालिका अध्यक्ष विनोद जैन द्वारा कई मशीने खरीदी गई और सरकारी धन का खूब दुरुपयोग हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि सफाई के लिए लाए गए उपकरण जब खराब हुए तो उन्हें बनवाया नहीं गया और कबाड़ में फेंक दिया गया। उसके बदले नए उपकरण या मशीनें खरीद ली गई।

वीओ- हालांकि वर्तमान में नगर पालिका अध्यक्ष मोहन साहू ने पुरानी मशीनों को सही कराने की बात कही है और उन्होंने भी माना है कि यहां पूर्व में सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है।

BYTE- मोहन साहू, नगरपालिका चेयरमैन

ANAND TIWARI
BANDA
9795000076
8543896179


Conclusion:SLUG- सरकारी विभागों में इस तरह होता है सरकारी धन का दुरुपयोग
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 02.02.19
ANCHOR- सरकारी विभागों में धन का दुरुपयोग हो ना कोई नई बात नहीं है। लेकिन बांदा नगरपालिका में जिस सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ शायद ही किसी विभाग में हुआ हो । यहां सफाई के लिए लाई गई लाखों रुपए की कीमत की मशीनें कबाड़ में पड़ी हुई है जिनका कोई पुरसाहाल नहीं है । बड़ी बात तो यह है कि एक मशीन जिसकी कीमत 7 लाख रुपये से अधिक है इसे 5 साल पहले इसलिए खरीदा गया था की सफाई कर्मियों को नाले नालियों की गंदगी में ना जाना पड़े । लेकिन जब यह मशीन खरीदी गई उसके तीन या चार दिन बाद ही मशीन खराब हो गई और तब से यह कबाड़ में पड़ी है ।

V/O- आपको बता दें कि नगरपालिका बांदा में लाखों की कीमत की कई मशीनें और सफाई के उपकरण कबाड़ में पड़े हैं। जिनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। यहां कई ऐसी मशीनें हैं जो खरीदने के बाद कभी उपयोग में ही नहीं लाई गई। पूर्व में नगर पालिका अध्यक्ष विनोद जैन द्वारा कई मशीने खरीदी गई और सरकारी धन का खूब दुरुपयोग हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि सफाई के लिए लाए गए उपकरण जब खराब हुए तो उन्हें बनवाया नहीं गया और कबाड़ में फेंक दिया गया। उसके बदले नए उपकरण या मशीनें खरीद ली गई।

वीओ- हालांकि वर्तमान में नगर पालिका अध्यक्ष मोहन साहू ने पुरानी मशीनों को सही कराने की बात कही है और उन्होंने भी माना है कि यहां पूर्व में सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है।

BYTE- मोहन साहू, नगरपालिका चेयरमैन

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