बांदा : सरकारी विभागों में धन का दुरुपयोग कोई नई बात नहीं है, लेकिन बांदा नगरपालिका में जिस तरह सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है ऐसा शायद ही किसी विभाग में हुआ होगा. यहां सफाई के लिए लाई गई लाखों रुपए की मशीनें कबाड़ में पड़ी हैं.
मामला बांदा नगरपालिका का है, जहां लाखों रुपये की मशीनें कबाड़ में पड़ी हैं. पांच साल पहले बांदा नगरपालिका ने इन्हें इसलिए खरीदा था ताकि सफाईकर्मियों को नाले-नालियों की गंदगी में न उतरना पड़े. मशीनें खरीदने के तीन या चार दिन बाद ही इनमें खराबी आ गई और तब से यह कबाड़ में पड़ी हैं.
इनमें एक मशीन की कीमत तो 7 लाख रुपये से भी अधिक है. यहां कई ऐसी मशीनें हैं, जो खरीदने के बाद कभी उपयोग में ही नहीं लाई गईं. इसी तरह नगरपालिका बांदा में लाखों की कीमत की कई मशीनें और सफाई के उपकरण कबाड़ में पड़े हैं. इनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. इस कारण मजदूरों को आज भी नाले में उतरकर सफाई करनी पड़ रही है.
वर्तमान में नगरपालिका अध्यक्ष मोहन साहू ने पुरानी मशीनों को सही कराने की बात कही है. उन्होंने यह भी माना है कि यहां पूर्व में सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है. पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विनोद जैन ने कई मशीनें खरीदी थीं जो कि विभाग के लिए उपयोगी नहीं हैं. जब सफाई के लिए लाए गए उपकरण खराब हुए तो उन्हें बनवाया भी नहीं गया. उल्टा उन्हें कबाड़ में फेंक दिया गया और उसके बदले नए उपकरण या मशीनें खरीद ली गईं.