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सात STF जवानों के नरसंहार का मामला : 15 साल बाद कोर्ट ने 13 मुल्जिमों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा - Eight STF jawans killed

सात एसटीएफ के जवानों की हत्या करने के मामले में बांदा की स्पेशल कोर्ट ने 13 मुल्जिमों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने यह फैसला करीब 15 साल बाद सुनाया है.

आठ STF जवानों के नरसंहार का मामला
आठ STF जवानों के नरसंहार का मामला
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Published : Jun 30, 2022, 3:55 PM IST

Updated : Jun 30, 2022, 7:56 PM IST

बांदा : ठोकिया गैंग द्वारा एसटीएफ के जवानों की हत्या करने के मामले में 15 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने इस मामले में 13 मुल्जिमों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है. यह फैसला विशेष न्यायाधीश ने सुनाया है. एसटीएफ के जवानों की हत्या के मामले में 3 आरोपियों की अब तक मौत हो चुकी है.

गौरतलब है कि 22 जुलाई 2007 को फतेहगंज के बघोलन गांव में दस्यु अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया गैंग ने एसटीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था. हमले के समय एसटीएफ के जवान जंगल मे कांबिंग कर रहे थे. तभी पहाड़ पर घात लगाए बैठे डकैतों ने कांबिंग कर रहे एसटीएफ के काफिले की गाड़ियों पर फायरिंग कर दी. बदमाशों के हमले में 7 एसटीएफ के जवानों की मौत हो गई थी, जबकि 8 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना के बाद 16 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया था.

सात STF जवानों के नरसंहार का मामला

इस वारदात के सभी हत्यारोपी डकैतों में 2 नाबालिग और 14 अन्य लोगों को चिन्हित किया गया था. जिसमें डकैत अंबिका पटेल की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो चुकी है. वहीं 2 नाबालिगों का केस चित्रकूट में चल रहा है. इसके अलावा 13 मुल्जिमों को काफी लंबे समय के बाद गुरुवार को बांदा में विशेष न्यायधीश ने सजा सुनाई है.

साढ़े छह लाख रुपये का ईनामी था दस्यु गैंग का सरगना
एसटीएफ के जवानों का नरसंहार करने वाले दस्यु उर्फ ठोकिया गैंग का सरगना अंबिका पटेल साढ़े छह लाख रुपये का ईनामी बदमाश था. एसटीएफ पर हमले की वारदात से पहले ही पुलिस ने ठोकिया गैंग के सरगना अंबिका पटेल का एनकाउंटर कर दिया था. बदमाश अंबिका पटेल की हत्या हो जाने के बाद उसके गैंग के लोगों ने एसटीएफ के काफिले को निशाना बनाया था.

इस केस से जुड़े अधिवक्ता को मिल चुकी है धमकी
कोर्ट ने आज एसटीएफ के जवानों के नरसंहार मामले में अहम फैसला सुनाया है. इस मामले से जुड़े अधिवक्ता को गैंग की तरफ से धमकी मिल चुकी है. शासकीय अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि इस केस से हटने के लिए उन्हें बांदा के नरैनी इलाके के निवासी अनीश नाम के व्यक्ति के कई धमकियां दी थीं. आरोपी अनीश ने शासकीय अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी से कहा था कि दस्यु केस से न हटने पर वह प्रमोद द्विवेदी के परिवार को जान माल का नुकसान पहुंचा देगा. शासकीय अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि धमकी मिलने के बावजूद भी उन्होंने केस की पैरवी की.

इसे पढ़ें- Udaipur murder case : प्रदेश भर में हुआ घटना का विरोध, आरोपियों को फांसी देने की मांग का मुद्दा गर्माया

बांदा : ठोकिया गैंग द्वारा एसटीएफ के जवानों की हत्या करने के मामले में 15 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने इस मामले में 13 मुल्जिमों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है. यह फैसला विशेष न्यायाधीश ने सुनाया है. एसटीएफ के जवानों की हत्या के मामले में 3 आरोपियों की अब तक मौत हो चुकी है.

गौरतलब है कि 22 जुलाई 2007 को फतेहगंज के बघोलन गांव में दस्यु अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया गैंग ने एसटीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था. हमले के समय एसटीएफ के जवान जंगल मे कांबिंग कर रहे थे. तभी पहाड़ पर घात लगाए बैठे डकैतों ने कांबिंग कर रहे एसटीएफ के काफिले की गाड़ियों पर फायरिंग कर दी. बदमाशों के हमले में 7 एसटीएफ के जवानों की मौत हो गई थी, जबकि 8 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना के बाद 16 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया था.

सात STF जवानों के नरसंहार का मामला

इस वारदात के सभी हत्यारोपी डकैतों में 2 नाबालिग और 14 अन्य लोगों को चिन्हित किया गया था. जिसमें डकैत अंबिका पटेल की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो चुकी है. वहीं 2 नाबालिगों का केस चित्रकूट में चल रहा है. इसके अलावा 13 मुल्जिमों को काफी लंबे समय के बाद गुरुवार को बांदा में विशेष न्यायधीश ने सजा सुनाई है.

साढ़े छह लाख रुपये का ईनामी था दस्यु गैंग का सरगना
एसटीएफ के जवानों का नरसंहार करने वाले दस्यु उर्फ ठोकिया गैंग का सरगना अंबिका पटेल साढ़े छह लाख रुपये का ईनामी बदमाश था. एसटीएफ पर हमले की वारदात से पहले ही पुलिस ने ठोकिया गैंग के सरगना अंबिका पटेल का एनकाउंटर कर दिया था. बदमाश अंबिका पटेल की हत्या हो जाने के बाद उसके गैंग के लोगों ने एसटीएफ के काफिले को निशाना बनाया था.

इस केस से जुड़े अधिवक्ता को मिल चुकी है धमकी
कोर्ट ने आज एसटीएफ के जवानों के नरसंहार मामले में अहम फैसला सुनाया है. इस मामले से जुड़े अधिवक्ता को गैंग की तरफ से धमकी मिल चुकी है. शासकीय अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि इस केस से हटने के लिए उन्हें बांदा के नरैनी इलाके के निवासी अनीश नाम के व्यक्ति के कई धमकियां दी थीं. आरोपी अनीश ने शासकीय अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी से कहा था कि दस्यु केस से न हटने पर वह प्रमोद द्विवेदी के परिवार को जान माल का नुकसान पहुंचा देगा. शासकीय अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने बताया कि धमकी मिलने के बावजूद भी उन्होंने केस की पैरवी की.

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Last Updated : Jun 30, 2022, 7:56 PM IST
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