बांदा: शहर में कई पार्क ऐसे हैं जो बदहाल हैं. इन बदहाल पार्कों की सूरत अमृत योजना भी नहीं बदल सकी है. वहीं जिस उद्देश्य के साथ करोड़ों रुपये खर्च कर इन पार्कों को बनाया गया था, उसका लाभ शहर के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. कई साल पहले बनाए गए ये पार्क उपेक्षा का शिकार हैं. अमृत योजना में इन पार्कों का चयन होने के बाद भी इनकी हालत बदहाल है. हालाकिं जब इन पार्कों के सम्बंध में जिम्मेदारों से बात की गई तो उन्होंने इन पार्कों को जल्द से जल्द दुरुस्त कराने की बात कही है.
शहर के बदहाल पार्कों पर एक रिपोर्ट कांशीराम उपवन पार्क बदहालशहर के किनारे सन 2008 में कांशीराम उपवन पार्क लगभग 10 करोड रुपये की लागत से बनवाया गया था, तब से यह पार्क बदहाली का शिकार है. आलम यह है कि इस पार्क के अंदर बड़े-बड़े पेड़ पौधे उग आए हैं. यह पार्क जंगल में तब्दील होता जा रहा है. तीन साल पहले इस पार्क को नगरपालिका के अधीन कर दिया गया था. शहर के किनारे सन 2008 में कांशीराम उपवन पार्क लगभग 10 करोड रुपये की लागत से बनवाया गया था वहीं इस पार्क को अमृत योजना के तहत भी लिया गया था. इस पार्क के कायाकल्प के लिए अमृत योजना के तहत 86 लाख रुपये का बजट भी आवंटित हुआ, लेकिन सिर्फ 29 लाख रुपये ही इस पार्क में अभी तक खर्च हो सके. यह पार्क अभी भी अपनी बदहाली का दंश झेल रहा है.
बसपा सरकार में बनवाए गए इस पार्क को लेकर यह मंशा थी कि लगभग सौ बीघे में फैले इस पार्क में आकर लोग कुछ समय बिता सकेंगे बसपा सरकार में बनवाए गए इस पार्क को लेकर यह मंशा थी कि लगभग सौ बीघे में फैले इस पार्क में आकर लोग कुछ समय बिता सकेंगे और यहां आकर शुद्ध हवा ले सकेंगे. मगर आजतक पार्क बनने के बाद यहां एक भी शहर का व्यक्ति नहीं पहुंचा, क्योंकि इस पार्क में ना तो बैठने लायक ही कहीं जगह है और ना ही घूमने लायक.इस पार्क के कायाकल्प के लिए 55 लाख रुपये का बजट आया था,लेकिन सिर्फ 38 लाख रुपये ही इस पार्क में खर्च हो पाया है. अवस्थी पार्क भी अव्यवस्थित
वहीं शहर के अवस्थी पार्क को भी अमृत योजना के तहत लिया गया था, जिसमें कई काम कराए जाने थे. इस पार्क के कायाकल्प के लिए 55 लाख रुपये का बजट आया था,लेकिन सिर्फ 38 लाख रुपये ही इस पार्क में खर्च हो पाया है. हालांकि शहर के बीचो-बीच स्थित इस पार्क में व्यवस्थाएं ठीक हैं. लेकिन यहां पर जहां एक तरफ झूले टूट गए हैं, वहीं फव्वारे और स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं यानी कि अंधेरा होने पर इस पार्क में आया नहीं जा सकता .
शहर के अवस्थी पार्क को भी अमृत योजना के तहत लिया गया था, जिसमें कई काम कराए जाने थे. जल्द इन पार्कों का कराया जाएगा कायाकल्प अमृत योजना में चयन होने के बाद भी बदहाली का शिकार पार्कों के बारे में जब नगर पालिका के अध्यक्ष मोहन साहू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि तीन साल पहले ही शहर के कांशी राम उपवन पार्क को नगरपालिका के अधीन किया गया है. तब से हम इसमें काम करा रहे हैं. साथ ही अन्य जो पार्क अमृत योजना के तहत चयनित हैं उनका भी कायाकल्प कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मैंने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इन पार्कों में होने वाले कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. ये पार्क जल्दी ही बदहाली से मुक्त हो जाएंगे.