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कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्तार अंसारी को भेजा गया बांदा जेल, भारी पुलिस बल तैनात

बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी को एंबुलेंस से कड़ी सुरक्षा में राजधानी लखनऊ लाया गया. लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में एक मामले में मुख्तार अंसारी की पेशी हुई. इसके बाद मुख्तार को लखनऊ से बांदा जेल वापस भेज दिया गया. मंडल कारागार के अंदर व बाहर सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है.

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मुख्तार अंसारी
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Published : Mar 28, 2022, 9:48 AM IST

Updated : Mar 28, 2022, 7:43 PM IST

लखनऊ/बांदा: बाहुबली मुख्‍तार अंसारी को शत्रु संपत्ति में अवैध कब्जे के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी के लिए बांदा जेल से लखनऊ लाया गया. मुख्तार अंसारी को लखनऊ की कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्तार अंसारी को लखनऊ से बांदा जेल के लिए भेज दिया गया. वहीं, इस मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी. सोमवार सुबह 7:30 बजे मुख्तार को एम्बुलेंस से पुलिस बांदा जेल से निकली थी. इस बीच मुख्‍तार के बेटे अब्‍बास अंसारी ने पिता के साथ किसी अनहोनी की आशंका जताई थी. अब्बास अंसारी ने एक ट्वीट करके आरोप लगाया कि उनके पिता को आधी रात को लखनऊ शिफ्ट करने के लिए एंबुलेंस बांदा जेल पहुंची. इसके पीछे साजिश है.

गौरतलब है कि लखनऊ के जियामऊ इलाके में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शत्रु संपत्ति हथियाने और अवैध निर्माण कराने का मुख्तार अंसारी आरोप है. इस मामले में मुख्तार अंसारी के साथ ही उनके बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी पर भी केस दर्ज किया गया था. 27 अगस्त 2020 को जियामऊ के लेखपाल सुरजन लाल ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. मुख्तार अंसारी और उसके दोनों बेटों पर आईपीसी की धारा 120 बी, 420, 467,468, 471 व सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 3 में केस दर्ज हुआ था.

एफआईआर के मुताबिक ग्राम जियामऊ, स्थित खसरा संख्या 93 भूमि पर मुख्तार अंसारी और उनके बेटों का कब्जा है. यह भूमि मोहम्मद वसीम के नाम दर्ज थी. लेकिन वसीम के पाकिस्तान चले जाने के बाद यह संपत्ति निष्क्रांत संपत्ति (शत्रु संपत्ति) के रूप में दर्ज हो गई थी. लेकिन मुख्तार व उनके बेटों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अपने ही साथी के नाम दर्ज करवा ली थी. इसके साथ ही षड्यंत्र रच कर इसका नक्शा पास करवाकर अवैध कब्जा कर लिया था. इसके बाद मुख्तार अंसारी ने जियामऊ इलाके में इसी जमीन पर अवैध दो मंजिला बिल्डिंग का निर्माण करा लिया था.

एंबुलेंस से मुख्तार अंसारी को लखनऊ ले जाते हुए अधिकारी

10 JCB ने जमींदोज कर दिया था मुख्तार का महल- मामले में अब्बास अंसारी व इसके दोनों बेटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद लखनऊ जिला प्रशासन व विकास प्राधिकरण ने जियामऊ में दो मंजिला आलीशान बिल्डिंग पर बुल्डोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था. इस ध्वस्तीकरण में 10 जीसीबी की मदद ली गई थी. यही नहीं इस कार्रवाई से पहले अधिकारियों ने बिल्डिंग के गेट का ताला तोड़कर सामान निकाला था.

CM योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर दी थी जानकारी- 27 अगस्त 2020 को लखनऊ में मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे पर चले बुल्डोजर की सूचना खुद सीएम योगी ने दी थी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि "उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है. यहां के शब्दकोष में अवैध, अनैतिक व अराजक जैसे शब्द नहीं हैं. मुख्तार अंसारी जैसा माफिया हो या कोई भी अन्य अपराधी, योगी सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इनके कुकृत्यों पर पूर्णविराम लगाने को प्रतिबद्ध है. जनभावनाओं के अनुरूप कार्रवाई जारी रहेगी."

यह भी पढ़ें- एंबुलेंस मामला: मुख्तार अंसारी सहित 13 के खिलाफ लगाया गया गैंगस्टर एक्ट

बांदा जेल में पूरी रात रही अफरा तफरी- शत्रु संपत्ति के एक मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी को लखनऊ लाने को लेकर रविवार की पूरी रात बांदा जेल में अफरा-तफरी रही. बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी के लखनऊ ले जाने को लेकर रात भर अधिकारियों की रही धमाचौकड़ी जारी रही. रात 3 बजे प्राईवेट इनोवा कार से जेल से पहुंचे डीएम और एसपी मीडिया के सवालों से बचते दिखे.

सुबह 4 बजे जेल में पहुंची एम्बुलेंस और वज्र वाहन के साथ पुलिस फोर्स सुबह करीब 7:40 पर जेल से बाहर निकली. STF के साथ मुख्तार के लखनऊ रवाना होने के बाद भी बांदा जेल में घंटों अफरातफरी मची रही है. करीब एक घंटे तक सुरक्षा दस्ता जेल में मौजूद रहा. मुख्तार अंसारी के वकील काजी शबीउर्रहमान ने रविवार को जेल अधीक्षक बांदा को पत्र लिखकर कहा था कि बीमारी के चलते मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश न करने की गुजारिश की थी.

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लखनऊ/बांदा: बाहुबली मुख्‍तार अंसारी को शत्रु संपत्ति में अवैध कब्जे के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी के लिए बांदा जेल से लखनऊ लाया गया. मुख्तार अंसारी को लखनऊ की कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्तार अंसारी को लखनऊ से बांदा जेल के लिए भेज दिया गया. वहीं, इस मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी. सोमवार सुबह 7:30 बजे मुख्तार को एम्बुलेंस से पुलिस बांदा जेल से निकली थी. इस बीच मुख्‍तार के बेटे अब्‍बास अंसारी ने पिता के साथ किसी अनहोनी की आशंका जताई थी. अब्बास अंसारी ने एक ट्वीट करके आरोप लगाया कि उनके पिता को आधी रात को लखनऊ शिफ्ट करने के लिए एंबुलेंस बांदा जेल पहुंची. इसके पीछे साजिश है.

गौरतलब है कि लखनऊ के जियामऊ इलाके में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शत्रु संपत्ति हथियाने और अवैध निर्माण कराने का मुख्तार अंसारी आरोप है. इस मामले में मुख्तार अंसारी के साथ ही उनके बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी पर भी केस दर्ज किया गया था. 27 अगस्त 2020 को जियामऊ के लेखपाल सुरजन लाल ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. मुख्तार अंसारी और उसके दोनों बेटों पर आईपीसी की धारा 120 बी, 420, 467,468, 471 व सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 3 में केस दर्ज हुआ था.

एफआईआर के मुताबिक ग्राम जियामऊ, स्थित खसरा संख्या 93 भूमि पर मुख्तार अंसारी और उनके बेटों का कब्जा है. यह भूमि मोहम्मद वसीम के नाम दर्ज थी. लेकिन वसीम के पाकिस्तान चले जाने के बाद यह संपत्ति निष्क्रांत संपत्ति (शत्रु संपत्ति) के रूप में दर्ज हो गई थी. लेकिन मुख्तार व उनके बेटों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अपने ही साथी के नाम दर्ज करवा ली थी. इसके साथ ही षड्यंत्र रच कर इसका नक्शा पास करवाकर अवैध कब्जा कर लिया था. इसके बाद मुख्तार अंसारी ने जियामऊ इलाके में इसी जमीन पर अवैध दो मंजिला बिल्डिंग का निर्माण करा लिया था.

एंबुलेंस से मुख्तार अंसारी को लखनऊ ले जाते हुए अधिकारी

10 JCB ने जमींदोज कर दिया था मुख्तार का महल- मामले में अब्बास अंसारी व इसके दोनों बेटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद लखनऊ जिला प्रशासन व विकास प्राधिकरण ने जियामऊ में दो मंजिला आलीशान बिल्डिंग पर बुल्डोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था. इस ध्वस्तीकरण में 10 जीसीबी की मदद ली गई थी. यही नहीं इस कार्रवाई से पहले अधिकारियों ने बिल्डिंग के गेट का ताला तोड़कर सामान निकाला था.

CM योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर दी थी जानकारी- 27 अगस्त 2020 को लखनऊ में मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे पर चले बुल्डोजर की सूचना खुद सीएम योगी ने दी थी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि "उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है. यहां के शब्दकोष में अवैध, अनैतिक व अराजक जैसे शब्द नहीं हैं. मुख्तार अंसारी जैसा माफिया हो या कोई भी अन्य अपराधी, योगी सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इनके कुकृत्यों पर पूर्णविराम लगाने को प्रतिबद्ध है. जनभावनाओं के अनुरूप कार्रवाई जारी रहेगी."

यह भी पढ़ें- एंबुलेंस मामला: मुख्तार अंसारी सहित 13 के खिलाफ लगाया गया गैंगस्टर एक्ट

बांदा जेल में पूरी रात रही अफरा तफरी- शत्रु संपत्ति के एक मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी को लखनऊ लाने को लेकर रविवार की पूरी रात बांदा जेल में अफरा-तफरी रही. बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी के लखनऊ ले जाने को लेकर रात भर अधिकारियों की रही धमाचौकड़ी जारी रही. रात 3 बजे प्राईवेट इनोवा कार से जेल से पहुंचे डीएम और एसपी मीडिया के सवालों से बचते दिखे.

सुबह 4 बजे जेल में पहुंची एम्बुलेंस और वज्र वाहन के साथ पुलिस फोर्स सुबह करीब 7:40 पर जेल से बाहर निकली. STF के साथ मुख्तार के लखनऊ रवाना होने के बाद भी बांदा जेल में घंटों अफरातफरी मची रही है. करीब एक घंटे तक सुरक्षा दस्ता जेल में मौजूद रहा. मुख्तार अंसारी के वकील काजी शबीउर्रहमान ने रविवार को जेल अधीक्षक बांदा को पत्र लिखकर कहा था कि बीमारी के चलते मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश न करने की गुजारिश की थी.

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Last Updated : Mar 28, 2022, 7:43 PM IST
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