बलरामपुर: जिले में बीते 22 अप्रैल को एक कोरोना वायरस का संक्रमित मरीज पाया गया था, जो अब इलाज के बाद कोरोना से जंग जीत कर अपने घर जा चुका है. कलेक्ट्रेट परिसर बलरामपुर में कोरोना से लड़ाई जीत चुके युवक का भव्य स्वागत किया गया. उसके उत्साहवर्धन के लिए यहां पर तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने लाइन में खड़े होकर न केवल तालियां बजाई बल्कि उसे राशन सामग्री किट देकर हौसला अफजाई भी की.
कोरोना से जंग जीत चुके युवक से ईटीवी भारत ने बातचीत की. बातचीत में युवक ने बताया कि वह जब मुंबई से आया था तो पहले उसने घर जाने का सोचा. फिर उसने अपनी जांच कराना ज्यादा जरूरी समझा और पचपेड़वा स्थित एक क्वारंटाइन सेंटर गया, जहां उसे क्वारंटाइन करके उसका सैंपल लिया गया. सैंपल के बाद उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद युवक को पचपेड़वा से पडरी कृपाल गोण्डा स्थित कोविड-19 L-1 हॉस्पिटल में भेजा गया. यहां तकरीबन 15 दिनों तक उसका इलाज किया गया. 15 दिनों बाद उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है. कोरोना से जंग जीतने वाले युवक से जब गोण्डा स्थित L-1 हॉस्पिटल में उसके इलाज के दौरान के हालात के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि वहां उसकी न केवल बेहतर देखभाल की गई बल्कि समय-समय पर जांच और अन्य सुविधाएं भी दी गई.
युवक ने बताया कि सरकारी क्वारंटाइन सेंटरों में किसी तरह की असुविधा नहीं है, जो लोग भी बाहर से आ रहे हैं, उन्हें यहीं रुकना चाहिए न कि उन्हें अपने घर जाने के लिए लालायित होना चाहिए. युवक ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी से कोई भी व्यक्ति जंग जीत सकता है. उसे धैर्य और संयम के साथ-साथ साफ-सफाई भी रखनी चाहिए. कोरोना से बचने के लिए हाथ को बार-बार धुलना चाहिए. इसके साथ ही वह अन्य तमाम चीजों करनी चाहिए, जिससे हम अपने शरीर को ज्यादा से ज्यादा साफ रख सकते हैं.
युवक ने बताया कि मेरी तरह कोरोना से कोई भी जंग जीत सकता है. बस उसे सामाजिक दूरी बनाकर रखनी है और खुद को पृथकवास में रखना है, जो लोग भी बाहर से आ रहे हैं उन्हें संदेश देते हुए युवक ने कहा कि वह अपने घर न जाएं और परदेश से आने के बाद सीधे क्वारंटाइन सेंटर में जाएं, जहां पर उनकी अच्छी देखभाल की जाएगी.