बलरामपुर: जिले की आधी आबादी को भले ही सुरक्षित और स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय मुहैया करवाने के लिए मोदी सरकार ने साल 2014 में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की शुरुआत की हो. लेकिन बलरामपुर जिले के चार नगर निकाय तुलसीपुर, पचपेड़वा (नगर पंचायत), बलरामपुर और उतरौला (नगर पालिका) क्षेत्रों में तकरीबन छह सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण तो कराया गया है. किसी में ताले लटकते दिखाई देते हैं, तो किसी का निर्माण ही अभी अधूरा पड़ा है.
शौचालय न होने से हो रही समस्या:
- नगर पालिका परिषद बलरामपुर में 5 सीटों वाला पिंक टॉयलेट बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालय में बना है.
- इस शौचालय के लिए अभी तक इस शौचालय का गड्ढा तक नहीं बनाया जा सका है.
- जिला मुख्यालय के बलरामपुर नगर पालिका परिषद के अंतर्गत कुल 60 सीटों के साथ 8 शौचालयों का निर्माण करवाया गया है.
- उतरौला नगर पालिका परिषद क्षेत्र में कुल 8 सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करवाया गया है, जिनमें 35 सीटें हैं.
- पचपेड़वा नगर पंचायत परिषद में एक पिंक टॉयलेट के साथ साथ 12 शौचालयों का निर्माण करवाया गया है, जिनमें 69 सीटें हैं.
- तुलसीपुर नगर पंचायत परिषद में कुल 8 टॉयलेट है, जिनमें 44 सीटें हैं.
- इसके बावजूद जिले के नगरीय क्षेत्रों में आने वाली महिलाओं के लिए शौचालय संबंधी दिक्कतों का समस्या करना पड़ता है.
स्थानीय महिला रुचि अग्रवाल ने बताया कि शहर में एक शौचालय जो सड़क पर दिखाई देता है. वह भी अक्सर बंद ही रहता हैं. वहीं, अगर वह खुले भी मिल जाए तो उन में गंदगी की प्रॉब्लम होने की वजह से लोग नहीं जाते हैं. अगर हम आउट ऑफ सिटी ट्रेवल कर रहे हैं तो भी पेट्रोल पंप पर ही शौचालयों का प्रयोग करती हैं, क्योंकि वहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक ठाक रहती है. नगर पालिका परिषद द्वारा संचालित किए जाने वाले सार्वजनिक शौचालयों में साफ-सफाई की बहुत ज्यादा समस्या है.
जहां पर साफ-सफाई की दिक्कतें हैं. उन शौचालयों को हम तत्काल ठीक करवा देंगे. हम आपकी शिकायत पर जांच भी करवा लेंगे. अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जहां तक रही, शौचालयों के न खुले रहने की बात तो कुछ शौचालयों को 8 घंटे तो कुछ शौचालयों को चार-चार घंटे की शिफ्ट में बांटकर खोला जा रहा है, जबकि कुछ शौचालय 24 घंटे खुले रहते हैं.
-राकेश कुमार जायसवाल, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद