बलरामपुर: जिला बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से हर साल दो-दो हाथ करता है. इस प्राकृतिक आपदा को रोकने की कवायद जिला प्रशासन, प्रदेश सरकार का बाढ़ नियंत्रण विभाग और सिंचाई विभाग करता है. बाढ़ से जनित समस्याओं औऱ बाढ़ को रोकने के लिये किये गये कार्यों की प्रगति जानने के लिए मंगलवार को प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह बलरामपुर जिले के दौरे पर पहुंचे.
डॉ. महेंद्र सिंह ने राप्ती नदी पर बने बेल्हा-चरनगहिया तटबंध का निरीक्षण किया. महेंद्र सिंह बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा किये गये कार्यों से संतुष्ट दिखे. उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए जिस तरह का काम चार से पांच महीनों में होना चाहिये, वह हमने लॉकडाउन के दौरान 1 से 2 महीने में कर दिखाया. हम आज बाढ़ जैसी आपदा के दौरान उत्तर प्रदेश को सुरक्षित जोन में ले जाने में कामयाब हुए हैं. बेल्हा-चरनगहिया तटबंध पर डॉ. महेंद्र सिंह ने पहले तटबंध पर ही राप्ती नदी का पूजन-अर्चन किया. इसके बाद अधिकारियों और विधायकों के साथ उन्होंने राप्ती का कटान रोकने के लिए बनाये गये नोज और तटबंध का निरीक्षण किया. अधिकारियों और नेताओं से जिले के बाढ़ के हालात के बारे में जायजा लेते हुए उन्होंने किये जा रहे कार्यों पर संतोष जताया. उन्होंने अधिकारियों को नदी और नालों के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखने को कहा. इस दौरान जनता को किसी तरह की समस्या न हो, इस बात को अक्षरशः लागू करने की बात कही.
बहराइच और श्रावस्ती का हवाई सर्वेक्षण
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि आज बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए मैं देवीपाटन मंडल और सीतापुर के दौरे पर हूं. यहां आने से पहले बहराइच और श्रावस्ती का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में इस बार बाढ़ बचाव को लेकर ऐतिहासिक काम हुआ है. लॉकडाउन के बावजूद भी हमारे कर्मियों ने इस काम को एक-दो महीने में पूरा किया. उसी का परिणाम था कि समय से पहले मानसून आने के बावजूद भी हम लोग आज भी सुरक्षित जोन में हैं. जलशक्ति मंत्री ने कहा कि इस बार मुझे यह कहते बहुत खुशी हो रही है कि काम में तेजी और पारदर्शिता के कारण ही हम लोग आज बेल्हा-चरनगहिया तटबंध पर खड़े हैं.
उन्होंने कहा कि इस तटबंध के तेजी से बन जाने के कारण इधर की सड़कें और लगभग 55-56 हजार की जनसंख्या अब राहत की सांस ले रही हैं. नदी का कटान रुका है, जिसके कारण ग्रामीणों को समस्या कम हुई है. जलशक्ति मंत्री डॉ. सिंह ने बांधों की सुरक्षा और लोगों को बाढ़ से बचाने की कवायद के बारे में जानकरी देते हुए कहा कि इस बार हमने न केवल ऐतिहासिक काम किया है, बल्कि हम कोशिश कर रहे हैं कि अति संवेदनशील जगहों और बांधों पर कैमरे लगाए जाएं. कार्यों की वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी भी करवा रहे हैं. 100 प्रतिशत एक्यूमेंटेशन भी करवा रहे हैं, जिससे कार्यो में पारदर्शिता बनी रहे. इसके अलावा बांधों की सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरों के जरिए भी काम करवाया जा रहा है. बलरामपुर जिले के दौरे के बाद डॉ. महेंद्र सिंह गोंडा के लिए रवाना हो गए.