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बलरामपुर :9 लेखपालों को सर्विस ब्रेक नोटिस, लेखपालों ने कहा जारी रहेगा धरना - बलरामपुर समाचार

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में 10 दिसंबर से लेखपाल अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. जिला प्रशासन ने लेखपालों पर कार्रवाई करते हुए 8 लेखपालों को सर्विस ब्रेक नोटिस जारी कर दिया है. जबकि 9 लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है.

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लेखपालों का धरना जारी.
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Published : Dec 21, 2019, 10:53 PM IST

बलरामपुर: पूरे जिले के 251 लेखपाल अभी भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. सभी लेखपाल पिछले 10 दिसंबर से कलेक्ट्रेट गेट के सामने कलम बंद हड़ताल पर बैठे हुए हैं और धरना दे रहे हैं. जिला प्रशासन ने इन लेखपालों पर कार्रवाई करते हुए अब तक आठ के खिलाफ सर्विस ब्रेक नोटिस जारी कर दिया है. जबकि कुल 9 लेखपालों को निलंबित भी कर दिया गया है. प्रशासन की सख्ती को देखते हुए कुल 4 लेखपाल शुक्रवार से ही काम पर लौट आए हैं, लेकिन अभी भी 251 लेखपाल हड़ताल पर जमे हुए हैं.

मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता
इस मामले पर लेखपालों का कहना है कि सभी मांगे जायज है. हम सरकार से उन मांगों को पूरा करने की बात कह रहे हैं, जो पिछली सरकार ने पूरा करने का वादा किया था. इस सरकार ने भी यही वादा किया है, लेकिन अभी तक इस पर इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका है. हम निलंबन या सर्विस ब्रेक की कार्रवाई से बिल्कुल भय खाने वाले नहीं हैं. हमारा शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा.

हमें बर्खास्त किया जा रहा है. हमें डराया जा रहा है. हमें धमकियां दी जा रही हैं. लेकिन हम इस बार न तो झुकने वाले हैं और न ही डरने वाले हैं. जब तक हमारी 8 सूत्रीय मांगों को नहीं माना जाता तब तक हम हड़ताल पर जमे रहेंगे. जिले के सभी तहसीलों के लेखपाल यहां पर एकत्रित है. हम सभी शांतिपूर्ण धरना इसी तरह मांगे पूरी होने तक देते रहेंगे.

अमित तिवारी, तहसील अध्यक्ष

नौ लेखपालों को निलंबित किया गया है जबकि निलंबित लेखपालों में ही 8 के खिलाफ सर्विस ब्रेक का आदेश भी जारी कर दिया गया है. इन सब के बाद कुछ लेखपाल काम पर लौटे हैं. अगर यह लोग हमारी बातों को नहीं मानते है तो सख्ती से निपटा जाएगा. इनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी

बलरामपुर: पूरे जिले के 251 लेखपाल अभी भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. सभी लेखपाल पिछले 10 दिसंबर से कलेक्ट्रेट गेट के सामने कलम बंद हड़ताल पर बैठे हुए हैं और धरना दे रहे हैं. जिला प्रशासन ने इन लेखपालों पर कार्रवाई करते हुए अब तक आठ के खिलाफ सर्विस ब्रेक नोटिस जारी कर दिया है. जबकि कुल 9 लेखपालों को निलंबित भी कर दिया गया है. प्रशासन की सख्ती को देखते हुए कुल 4 लेखपाल शुक्रवार से ही काम पर लौट आए हैं, लेकिन अभी भी 251 लेखपाल हड़ताल पर जमे हुए हैं.

मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता
इस मामले पर लेखपालों का कहना है कि सभी मांगे जायज है. हम सरकार से उन मांगों को पूरा करने की बात कह रहे हैं, जो पिछली सरकार ने पूरा करने का वादा किया था. इस सरकार ने भी यही वादा किया है, लेकिन अभी तक इस पर इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका है. हम निलंबन या सर्विस ब्रेक की कार्रवाई से बिल्कुल भय खाने वाले नहीं हैं. हमारा शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा.

हमें बर्खास्त किया जा रहा है. हमें डराया जा रहा है. हमें धमकियां दी जा रही हैं. लेकिन हम इस बार न तो झुकने वाले हैं और न ही डरने वाले हैं. जब तक हमारी 8 सूत्रीय मांगों को नहीं माना जाता तब तक हम हड़ताल पर जमे रहेंगे. जिले के सभी तहसीलों के लेखपाल यहां पर एकत्रित है. हम सभी शांतिपूर्ण धरना इसी तरह मांगे पूरी होने तक देते रहेंगे.

अमित तिवारी, तहसील अध्यक्ष

नौ लेखपालों को निलंबित किया गया है जबकि निलंबित लेखपालों में ही 8 के खिलाफ सर्विस ब्रेक का आदेश भी जारी कर दिया गया है. इन सब के बाद कुछ लेखपाल काम पर लौटे हैं. अगर यह लोग हमारी बातों को नहीं मानते है तो सख्ती से निपटा जाएगा. इनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी

Intro:पूरे जिले के 251 लेखपाल अभी भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. ये सभी लेखपाल पिछले 10 दिसंबर से कलेक्ट्रेट गेट के सामने कलम बंद हड़ताल पर बैठे हुए हैं और धरना दे रहे हैं. जिला प्रशासन ने इन लेखपालों पर कार्रवाई करते हुए अब तक आठ के खिलाफ सर्विस ब्रेक नोटिस जारी कर दिया है. जबकि कुल 9 लेखपालों को निलंबित किया गया है. प्रशासन की सख्ती को देखते हुए कुल 4 लेखपाल शुक्रवार से ही काम पर लौट आए हैं. लेकिन अभी भी 251 लेखपाल हड़ताल पर जमे हुए हैं.



Body:उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि लेखपालों की सभी मांगे जायज है. हम सरकार से उन मांगों को पूरा करने की बात कर रहे हैं, जो पिछली सरकार ने पूरा करने का वादा किया था. और इस सरकार ने भी यही वादा किया है. लेकिन अभी तक इस पर इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि हम निलंबन या सर्विस ब्रेक की कार्रवाई से बिल्कुल भय खाने वाले नहीं हैं. हमारा शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा.
तुलसीपुर तहसील के अध्यक्ष अमित तिवारी ने कहा कि हमें बर्खास्त किया जा रहा है. हमें डराया जा रहा है. हमें धमकियां दी जा रही हैं. लेकिन हम इस बार ना तो झुकने वाले हैं और ना ही डरने वाले हैं. जब तक हमारा समान वेतन और सामान कार्य के प्रस्ताव को मान नहीं दिया जाता. जब तक हमारे साइकिल भत्ते को मोटरसाइकिल भत्ते में कन्वर्ट नहीं कर दिया जाता. या जब तक हमारे 8 सूत्रीय मांगों को नहीं मान जाता तब तक हम हड़ताल पर जमे रहेंगे. उन्होंने कहा कि जिले के सभी तहसीलों के लेखपाल यहां पर एकत्रित है. हम सभी शांतिपूर्ण धरना इसी तरह मांगे पूरी होने तक देते रहेंगे.


Conclusion:वहीं, लेखपालों के हड़ताल पर बात करते हुए जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि नौ लेखपालों को निलंबित किया गया है. जबकि निलंबित लेखपालों में ही 8 के खिलाफ सर्विस ब्रेक का आदेश भी जारी कर दिया गया है. इस सब के बाद कुछ लेखपाल काम पर लौटे हैं. अगर यह लोग हमारी बातों को नहीं मानते तो और सख्ती से निपटा जाएगा. इनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
हम आपको बताते चलें कि नवंबर माह में भी लेखपालों ने इसी तरह शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया था. लेकिन तब भी सरकार द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी गई थी. इस माह के 10 तारीख से प्रदेश भर के लेखपाल धरने पर बैठे हुए हैं. लेकिन सरकार और प्रशासन द्वारा उनकी मांगों पर ना कोई विचार किया जा रहा है. बल्कि उनके ऊपर कठोर कार्रवाई की जा रही है. इस सबके बीच जनता पिस रही है क्योंकि लगातार 11 दिनों से सारे काम ठप पड़े हुए हैं.
बाईट क्रमशः :-
01 :- कृष्ण कुमार, जिलाध्यक्ष
02 :- अमित तिवारी, तहसील अध्यक्ष
03 :- कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी
वॉक थ्रू :- योगेंद्र त्रिपाठी, 9839325432
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