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पिछली बार अतीक को खदेड़ने के लिए मैदान में था, इस बार कौम को बचाना है : रिजवान जहीर - balrampur news

राजनीति में वापसी करने वाले रिजवान जहीर ने कहा कि वह इस बार अपनी कौम को बचाने के लिए राजनीति में आ रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इस देश से सामंतवादी ताकतों को भगाना है.

जनसभा को संबोधित करते रिजवान जहीर.
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Published : Apr 21, 2019, 11:20 PM IST

बलरामपुर: 35 साल तक राजनीति से दूर रहे रिजवान जहीर ने एक बार फिर चुनाव में शामिल होकर राजनीतिक पासा पलट दिया. रिजवान जहीर ने एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी में वापसी कर ली है. इस दौरन उन्होंने कहा कि अगर सामंतवादी ताकतों को इस देश से भगाना है, तो हमें आप को एकजुट होकर गठबंधन को वोट करना होगा.

जनसभा को संबोधित करते रिजवान जहीर.

बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद रिजवान जहीर ने कहा कि इस बार अगर भाजपा को हराना है और मोदी के कहर से इस कौम को बचाना है, तो हम जैसे लोगों को गठबंधन को समर्थन देना ही होगा. उन्होंने कहा कि सामंतवादी ताकतों को हराने के लिए मैं कांग्रेस में रहकर यह लड़ाई नहीं लड़ सकता था.

उन्होंने कहा कि मेरे खून में गद्दारी नहीं है. मैं किसी के साथ रहकर उसके आंतरिक मसलों को जानते हुए उसकी बुराई नहीं कर सकता, इसलिए मैंने कांग्रेस छोड़कर बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन की है. आगे उन्होंने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि 35 साल के राजनीतिक जीवन में मैं कोई चुनाव नहीं लड़ रहा हूं. मैंने विधायकी से लेकर सांसदी तक के चुनाव को लड़ा है.

बलरामपुर: 35 साल तक राजनीति से दूर रहे रिजवान जहीर ने एक बार फिर चुनाव में शामिल होकर राजनीतिक पासा पलट दिया. रिजवान जहीर ने एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी में वापसी कर ली है. इस दौरन उन्होंने कहा कि अगर सामंतवादी ताकतों को इस देश से भगाना है, तो हमें आप को एकजुट होकर गठबंधन को वोट करना होगा.

जनसभा को संबोधित करते रिजवान जहीर.

बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद रिजवान जहीर ने कहा कि इस बार अगर भाजपा को हराना है और मोदी के कहर से इस कौम को बचाना है, तो हम जैसे लोगों को गठबंधन को समर्थन देना ही होगा. उन्होंने कहा कि सामंतवादी ताकतों को हराने के लिए मैं कांग्रेस में रहकर यह लड़ाई नहीं लड़ सकता था.

उन्होंने कहा कि मेरे खून में गद्दारी नहीं है. मैं किसी के साथ रहकर उसके आंतरिक मसलों को जानते हुए उसकी बुराई नहीं कर सकता, इसलिए मैंने कांग्रेस छोड़कर बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन की है. आगे उन्होंने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि 35 साल के राजनीतिक जीवन में मैं कोई चुनाव नहीं लड़ रहा हूं. मैंने विधायकी से लेकर सांसदी तक के चुनाव को लड़ा है.

Intro:35 साल से बलरामपुर जिले की राजनीतिक दूरी रहे रिज़वान ज़हीर ने एक बार फिर इस लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पासा पलट दिया। रिज़वान ज़हीर ने सभी को चौंकाते हुए। अटकलों पर विराम लगाते हुए एक बार फिर अपने पुराने घर यानी बहुजन समाज पार्टी में वापसी कर ली है। इसके लिए बाकायदा उन्होंने तुलसीपुर स्थित अपनी कोठी पर एक मजमा सजाया। इस समारोह में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता और सपा बसपा गठबंधन के नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने ₹50 की रसीद कटवा कर बसपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान उनके साथ क्षेत्रीय विधायक व देवीपाटन मंडल के कोऑर्डिनेटर त्रिभुवन दत्त तक मौजूद रहे। समर्थकों के सामने उन्होंने कई राजनीतिक बातों पर अपने मत को स्पष्ट किया। इस दौरान रिज़वान ज़हीर ने श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र से बसपा के प्रत्याशी राम शिरोमणि वर्मा का मंच से समर्थन करते हुए कहा कि अगर समाजवादी ताकतों को इस देश से भगाना है तो हमें आप को एकजुट होकर गठबंधन को वोट करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सारे वादे धराशाई हो चुके हैं। अब देश में केवल सांप्रदायिकता कटुता और सहनशीलता फैलाई जा रही है।


Body:सपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अपने आवास पर ही आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रिज़वान ज़हीर व बसपा के मंडल कोऑर्डिनेटर त्रिभुवन दत्त ने कई बातों को स्पष्ट किया। त्रिभुवन दत्त ने मीडिया के एक सवाल पर कहा कि बसपा सुप्रीमो बहन मायावती के आदेशानुसार एक बार फिर रिज़वान ज़हीर ने बहुजन समाज पार्टी में घर वापसी करने का फैसला किया है। रिज़वान ज़हीर के आने के कारण बसपा का हाथ मजबूत हुआ है। हम इस चुनावों में विरोधियों को परास्त करके जनता के लिए एक सुव्यवस्थित ढंग से चलने वाली सरकार को बनाने का काम करेंगे।
फिर वही मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व विधायक, पूर्व सांसद व कई दलों में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके बाहुबली नेता रिज़वान ज़हीर ने कहा कि शुरू से स्पष्ट था कि मैं समानता बादी ताकतों के खिलाफ लड़ाई मेरी 35 साल की राजनीति में ऐसा कभी नहीं हुआ कि मैंने चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन इस बार अगर भाजपा को हराना है और मोदी के कहर से इस कौम को बचाना है। तो हम जैसे लोगों को गठबंधन को समर्थन देना ही होगा।
उन्होंने कहा कि सामंतवादी ताकतों को हराने के लिए मैं कांग्रेस में रहकर या लड़ाई नहीं लड़ सकता था। कांग्रेस में अब एक नई तरीके की भाजपा का जन्म हो रहा है। 15 दिन पूर्व भाजपा ही रहे एक नेता को (धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू के लिए) टिकट दे देना कितना वाजिब है? क्या यह लोग जो दावा कर रहे हैं। वह अपनी मानसिकता में सफल हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरे खून में गद्दारी नहीं है। ना किसी के साथ रहकर उसके आंतरिक मसलों को जानते हुए। उसकी बुराई नहीं कर सकता, इसलिए मैंने कांग्रेस छोड़कर बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन की है।


Conclusion:35 साल में पहली बार चुनाव ना लड़ने के फैसले पर जवाब देते हुए पूर्व सांसद रिजवान जहीर ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि 35 साल के राजनीतिक जीवन में मैं कोई चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मैंने विधायकी से लेकर संसदी तक के चुनाव को लड़ा है और 1 लाख मतों को देकर जनता ने मुझे संसद भेजने की कोशिश की है। लेकिन वह काम नहीं हो पाया लेकिन मैं जनता का आभारी हूं। उन्होंने कहा कि सामंतवादी ताकतों से निपटने के लिए मैं इस बार चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैं बसपा उम्मीदवार राम शिरोमणि वर्मा का समर्थन करता हूं।
बाईट - त्रिभुवन दत्त, मंडल कोऑर्डिनेटर, बसपा
बाईट - रिज़वान ज़हीर, पूर्व सांसद, बलरामपुर लोकसभा
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