बलरामपुर: बेरोजगार फार्मासिस्टों को स्वास्थ्य विभागों में नियुक्ति एवं निजी व सरकारी कार्य स्थलों में कार्यरत फार्मासिस्टों का अविलम्ब 50 लाख रुपये का जीवन बीमा कराने की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश फार्मेसी एंड फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेश यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. वहीं, 15 दिनों में मागें न माने जाने पर ड्यूटी कर रहे फर्मासिस्टों ने कार्य स्थगित करने की चेतावनी दी है.
यह भी पढ़ें: 63 कोरोना संक्रमित मिले, दो महिला सहित चार की मौत
फार्मासिस्टों का है विशेष योगदान
जिलाध्यक्ष राजेश यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि प्रदेश में फार्मासिस्ट चिकित्सा क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी हैं. इसे सरकार अनदेखा कर रही है. दवा की खोज से लेकर दवा का रख-रखाव व मरीजों तक दवा पहुंचाने और उनको दवा के बारे में सही जानकारी देने में फार्मासिस्टों का विशेष योगदान है. इसके बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा फार्मासिस्टों को अनदेखा किया जा रहा है. प्रदेश में इनकी संख्या डेढ़ लाख होने के बावजूद पैरामेडिकल स्टॉफ की भर्ती की जा रही है.
स्थगित कर दी जाएंगी सेवाएं
जिलाध्यक्ष ने कहा कि इस कोविड महामारी में तत्काल बेरोजगार फर्मासिस्टों को सीएचसी, पीएचसी, कोविड वार्ड, जनरल वार्ड, टीकाकरण में नियुक्ति करने की मांग की गई है. कई जगहों पर निजी व सरकारी सेक्टर और अस्पताल में जहां फार्मासिस्ट मरीजों के साथ दवा का वितरण व काउन्सलिंग कर रहे हैं, वहां वो लोग कोरोना महामारी के शिकार हो गए और कुछ की मृत्यु भी हो गई है. जिन फर्मासिस्टों की मृत्यु हो गई है, सरकार उन्हें शहीद का दर्जा और 50 लाख रुपये तक का बीमा दे. मांगों को सरकार नहीं मानती है तो 15 दिन बाद फार्मासिस्ट द्वारा समस्त चिकित्सा सेवाएं स्थगित कर दी जाएंगी.