बलरामपुर: सरकार गरीबों को सुविधाएं देने और उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने के चाहे जितने भी वादे कर ले, लेकिन ये सभी वादे जमीन पर खरे नहीं उतर रहे हैं. जिले में तकरीबन 30% आबादी वृद्धों की है, जिनमें 70% लोग गरीबी रेखा के अंतर्गत आते हैं. सरकार ने लक्ष्य तय किया है कि अधिक से अधिक बुजुर्ग लोगों को वृद्धा पेंशन दिया जाए लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण सरकार की यह योजना खरी नहीं उतर रही है.
बलरामपुर जिले के तुलसीपुर ब्लॉक के मुजेहरा ग्रामसभा केप्रधान प्रतिनिधि जलालुद्दीन शाह साल 2016 से 97 लोगों कीवृद्धा पेंशन बनवाने के लिए दौड़ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी इस काम के लिएपैसे की डिमांड करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मैंने चार से पांच बार कार्यालय के बाबुओं को काम के लिए पैसे भी दिए, लेकिन बार-बार किसी न किसी बहाने उन्होंने काम को अनदेखा कर दिया. जलालुद्दीन शाह ने बताया कि 2016 में गांव के 97 लोगों ने वृद्धापेंशन के लिए अप्लाई किया था.
वृद्धा पेंशन के फार्म को संबंधित ब्लॉक के अधिकारीने समाज कल्याण विभाग के पास भेज दिया, लेकिन समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और बाबू वृद्धों के नाम को कंप्यूटर में नहीं फीड किया. जलालुद्दीन शाह ने बताया कि 97 लोगों में चार लोगों की वृद्धा पेंशन की राह देखते-देखते मौत भी हो गई, लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण आज कई बुजुर्गों ने पेंशन की आस छोड़ दी है. वहीं मामले को लेकर जब जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. मीडिया के माध्यम से मुझे यह जानकारी हो रही है. इसके लिए मैं समाज कल्याण अधिकारी से बात जल्द से जल्द पेंशन देने के लिए कहूंगा.