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बलरामपुर: मुस्लिम मतदाताओं का नाम सूची से गायब, प्रशासन के खिलाफ जताई नाराजगी - voting for shravasti lok sabha constituency in balrampur

श्रावस्ती लोकसभा सीट के लिए जिले में मतदान जारी है. लोगों में मतदान को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं मुस्लिम मतदाताओं ने सूची में नाम न होने पर नाराजगी जताई है.

मतदाता सूची में नाम न होने से मुस्लिम मतदाता हुए नाराज.
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Published : May 12, 2019, 12:11 PM IST

बलरामपुर : श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के लिए जिले में सुबह 7 बजे से ही मतदान जारी है. मुस्लिम मतदाता भी वोटिंग के लिए बड़ी संख्या में मतदान बूथों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायत है कि उन्हें बैरंग ही वापस लौटना पड़ रहा है क्योंकि उनका नाम वोटिंग लिस्ट से गायब है.

मतदाता सूची में नाम न होने से मुस्लिम मतदाता बुए नाराज.

जानें, क्या कहा मुस्लिम मतदाताओं ने

  • शहमीर खान ने कहा कि मेरी बहू का वोटिंग लिस्ट में नाम नहीं है. वोटिंग लिस्ट में जब हम अपना नाम खोजते हैं तो वह मिल ही नहीं रहा है. इसलिए हम लोग मतदान नहीं कर पा रहे हैं.
  • उन्होंने कहा कि मेरे परिवार में छह लोग हैं, लेकिन उनमें से दो लोगों का नाम मतदाता सूची से गायब है.

मेरे घर में 13 वोट हैं, जिनमें से पांच लोगों का नाम वोटिंग लिस्ट में आया है और आठ नाम गायब है . पहले हमेशा हम लोगों का नाम वोटिंग लिस्ट में आता रहता था. कई बार हमने शिकायत करने की कोशिश की. लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है.
-शकील अहमद, मतदाता

तीन साल पहले प्रशासन ने मुझे मृत घोषित कर दिया है, जबकि मैं अभी भी जिंदा हूं. कई लोगों से शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
-मुसीबत अली, मतदाता


वहीं, मतदान केंद्र से बैरंग वापस लौटी नूरजहां ने कहा कि मैं अपनी पर्ची लेकर आधार कार्ड के साथ मतदान केंद्र तक गई थी, लेकिन वहां बैठे अधिकारियों ने हमें भगा दिया और कहा कि तुम्हारा नाम ही नहीं है. जब नूरजहां से नकाब खोलकर पहचान बताने की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि हमसे न तो नकाब खोलने के लिए कहा गया और न ही मैंने नकाब खोला, जबकि जिस आधार कार्ड को मैं लेकर गई थी, उसमें मेरा ही नाम है, फिर भी वोट नहीं डालने दिया गया.

बलरामपुर : श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के लिए जिले में सुबह 7 बजे से ही मतदान जारी है. मुस्लिम मतदाता भी वोटिंग के लिए बड़ी संख्या में मतदान बूथों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायत है कि उन्हें बैरंग ही वापस लौटना पड़ रहा है क्योंकि उनका नाम वोटिंग लिस्ट से गायब है.

मतदाता सूची में नाम न होने से मुस्लिम मतदाता बुए नाराज.

जानें, क्या कहा मुस्लिम मतदाताओं ने

  • शहमीर खान ने कहा कि मेरी बहू का वोटिंग लिस्ट में नाम नहीं है. वोटिंग लिस्ट में जब हम अपना नाम खोजते हैं तो वह मिल ही नहीं रहा है. इसलिए हम लोग मतदान नहीं कर पा रहे हैं.
  • उन्होंने कहा कि मेरे परिवार में छह लोग हैं, लेकिन उनमें से दो लोगों का नाम मतदाता सूची से गायब है.

मेरे घर में 13 वोट हैं, जिनमें से पांच लोगों का नाम वोटिंग लिस्ट में आया है और आठ नाम गायब है . पहले हमेशा हम लोगों का नाम वोटिंग लिस्ट में आता रहता था. कई बार हमने शिकायत करने की कोशिश की. लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है.
-शकील अहमद, मतदाता

तीन साल पहले प्रशासन ने मुझे मृत घोषित कर दिया है, जबकि मैं अभी भी जिंदा हूं. कई लोगों से शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
-मुसीबत अली, मतदाता


वहीं, मतदान केंद्र से बैरंग वापस लौटी नूरजहां ने कहा कि मैं अपनी पर्ची लेकर आधार कार्ड के साथ मतदान केंद्र तक गई थी, लेकिन वहां बैठे अधिकारियों ने हमें भगा दिया और कहा कि तुम्हारा नाम ही नहीं है. जब नूरजहां से नकाब खोलकर पहचान बताने की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि हमसे न तो नकाब खोलने के लिए कहा गया और न ही मैंने नकाब खोला, जबकि जिस आधार कार्ड को मैं लेकर गई थी, उसमें मेरा ही नाम है, फिर भी वोट नहीं डालने दिया गया.

Intro: श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सुबह 7:00 बजे से ही भारी संख्या में वोटिंग चल रही है मुस्लिम मतदाता भी वोटिंग के लिए बड़ी संख्या में मतदान बूथों पर पहुंच रहे हैं लेकिन मुस्लिम मतदाताओं की शिकायत है कि उन्हें बैरंग ही वापस लौटना पड़ रहा है कारण यह है कि उनका वोटिंग लिस्ट में नाम तक नहीं है।


Body:शहमीर खान ने हमसे बात करते हुए कहा कि मेरी बहू का वोटिंग लिस्ट में नाम नहीं है मेरे यहां 6 परिवार है लेकिन उनमें से केवल 2 लोगों का नाम है। वोटिंग लिस्ट में जब हम अपना नाम खोजते हैं। तो वह मिल ही नहीं रहा है इसलिए हम लोग मतदान नहीं कर पा रहे हैं।
शकील अहमद ने कहा कि मेरे घर में 13 वोट हैं जिनमें से 5 आया है और आज गायब है। जबकि पहले हमेशा हम लोगों का नाम वोटिंग लिस्ट में आता रहता था। किसी से शिकायत करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई बार हमने शिकायत करने की कोशिश की लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है।
वही मुसीबत अली ने हमसे बात करते हुए कहा कि 3 साल पहले प्रशासन ने मुझे मृत घोषित कर दिया है। जबकि मैं अभी भी जिंदा हूं कई लोगों से शिकायत की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। चुनावों में खेल करने का काम किया जा रहा है।
वहीं मतदान केंद्र से बैरंग वापस लौटी नूरजहां ने हमसे बात करते हुए कहा कि मैं अपनी पर्ची लेकर अपने आधार कार्ड के साथ मतदान केंद्र तक गई थी। लेकिन वहां बैठे अधिकारियों ने हमें भगा दिया और कहा कि तुम्हारा नाम ही नहीं है।
जब हमने उनसे नकाब खोलकर पहचान बताने की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि हमसे ना तो नकाब खोलने के लिए कहा ही गया और ना ही मैंने नकाब खोला। जबकि जिस आधार कार्ड को मैं लेकर गई थी, उसमें मेरा ही नाम है। फिर भी वोट नहीं डालने दिया जा रहा है।


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