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बलरामपुर: कूड़ा निस्तारण में फिसड्डी है उतरौला आदर्श नगर पालिका - उतरौला आदर्श नगर पालिका

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में नगर से सटे इलाकों में कूड़ा डंप किया जा रहा है. उदासीनता का आलम ये है कि एनजीटी के तमाम आदेशों के बाद भी नगर पालिका परिषद कूड़ा डंप करने के लिए जमीन तक नहीं चिन्हित कर सका है.

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कूड़ा निस्तारण में फिसड्डी नगर पालिका.
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Published : Jan 17, 2020, 5:30 AM IST

बलरामपुर: जिले के चार नगर निकायों से रोजाना 100 टन से ज्यादा कूड़ा निकलता है. निस्तारण के लिए कहने को तो तमाम तरह की कागजी व्यवस्थाएं हैं, लेकिन कूड़े से जुड़ी जमीनी हकीकत में लोग बीमारियों और दुर्गंध से घिरे रहते हैं.

कूड़ा निस्तारण में फिसड्डी नगर पालिका.

बलरामपुर जिले के नगर निकाय नगर पालिका परिषद उतरौला की आबादी करीब 60 हजार है. यहां पर करीब 32 हजार वोटर हैं, जिनके लिए सड़कों, नालियों और अन्य स्थानों के साफ-सफाई और कूड़ा निस्तारण का जिम्मा नगर पालिका परिषद संभालता है. साफ-सफाई के काम में अव्वल आकर नगर पालिका परिषद उतरौला के सिर अब आदर्श नगर पालिका का ताज तो सज गया, लेकिन जमीन पर कूड़ा बटोरने से लेकर निस्तारण तक की स्थिति बदरंग नजर आती है.

ये भी पढ़ें- लखनऊ को मिलेगा एक और ट्रॉमा सेंटर, दो पीएचसी के लिए भी भेजा गया प्रस्ताव

बीमारियों को दे रहे बढ़ावा
नगर के जिन जगहों पर कूड़ा डंप किया जाता है. वह न केवल आबादी से सटे हुए हैं बल्कि उन्हें कर्मियों द्वारा जला भी दिया जाता है, जो एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन है. कूड़ा जलने के कारण तमाम तरह की बीमारियां लोगों को हो रही है. दूषित वातावरण के कारण होने वाली तमाम बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. इस तरह नगर पालिका परिषद ने केवल अपने ही नागरिकों के स्वास्थ्य से खेलने का काम कर रहा है बल्कि स्वच्छ आबोहवा मुहैया करवाने के अपने ही दावे पर फेल होता भी नजर आ रहा है.

नहीं होती सुनवाई
इस मामले पर कई बार शिकायत कर चुके जीवन लाल यादव कहते हैं कि नगर पालिका परिषद के पास न तो कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था है और न ही इनके पास पर्याप्त कुशल कर्मी हैं.

ये भी पढ़ें- बलिया में पिता-पुत्र की मौत, तीन बेटियों की बिगड़ी हालत

क्या बोले अधिषाशी अधिकारी
इस मामले पर उतरौला के अधिशासी अधिकारी कहते हैं कि एनजीटी के आदेशों और नियमों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है. हमारे यहां कहीं भी कूड़ा जलाने की घटना नहीं हो रही है. यदि ऐसे कुछ होता है तो हम उसे तत्काल सही भी करवाते हैं. वह नगरीय निकाय क्षेत्र में कूड़ा डंप करने की बात पर कहते हैं कि नगर पालिका परिषद के पास अपनी जमीन तक नहीं है. ऐसे में हम जमीन चिन्हित कर रहे हैं. जैसे ही कहीं खाली जमीन मिलती है. नगर क्षेत्र से दूर फिर कूड़ा डंप करके निस्तारित करने का काम होगा.

बलरामपुर: जिले के चार नगर निकायों से रोजाना 100 टन से ज्यादा कूड़ा निकलता है. निस्तारण के लिए कहने को तो तमाम तरह की कागजी व्यवस्थाएं हैं, लेकिन कूड़े से जुड़ी जमीनी हकीकत में लोग बीमारियों और दुर्गंध से घिरे रहते हैं.

कूड़ा निस्तारण में फिसड्डी नगर पालिका.

बलरामपुर जिले के नगर निकाय नगर पालिका परिषद उतरौला की आबादी करीब 60 हजार है. यहां पर करीब 32 हजार वोटर हैं, जिनके लिए सड़कों, नालियों और अन्य स्थानों के साफ-सफाई और कूड़ा निस्तारण का जिम्मा नगर पालिका परिषद संभालता है. साफ-सफाई के काम में अव्वल आकर नगर पालिका परिषद उतरौला के सिर अब आदर्श नगर पालिका का ताज तो सज गया, लेकिन जमीन पर कूड़ा बटोरने से लेकर निस्तारण तक की स्थिति बदरंग नजर आती है.

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बीमारियों को दे रहे बढ़ावा
नगर के जिन जगहों पर कूड़ा डंप किया जाता है. वह न केवल आबादी से सटे हुए हैं बल्कि उन्हें कर्मियों द्वारा जला भी दिया जाता है, जो एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन है. कूड़ा जलने के कारण तमाम तरह की बीमारियां लोगों को हो रही है. दूषित वातावरण के कारण होने वाली तमाम बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. इस तरह नगर पालिका परिषद ने केवल अपने ही नागरिकों के स्वास्थ्य से खेलने का काम कर रहा है बल्कि स्वच्छ आबोहवा मुहैया करवाने के अपने ही दावे पर फेल होता भी नजर आ रहा है.

नहीं होती सुनवाई
इस मामले पर कई बार शिकायत कर चुके जीवन लाल यादव कहते हैं कि नगर पालिका परिषद के पास न तो कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था है और न ही इनके पास पर्याप्त कुशल कर्मी हैं.

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क्या बोले अधिषाशी अधिकारी
इस मामले पर उतरौला के अधिशासी अधिकारी कहते हैं कि एनजीटी के आदेशों और नियमों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है. हमारे यहां कहीं भी कूड़ा जलाने की घटना नहीं हो रही है. यदि ऐसे कुछ होता है तो हम उसे तत्काल सही भी करवाते हैं. वह नगरीय निकाय क्षेत्र में कूड़ा डंप करने की बात पर कहते हैं कि नगर पालिका परिषद के पास अपनी जमीन तक नहीं है. ऐसे में हम जमीन चिन्हित कर रहे हैं. जैसे ही कहीं खाली जमीन मिलती है. नगर क्षेत्र से दूर फिर कूड़ा डंप करके निस्तारित करने का काम होगा.

Intro:
जिले के चार नगर निकायों से रोज़ाना 100 टन से ज़्यादा कूड़ा निकलता है। इनके निस्तारण के लिए कहने को तो तमाम तरह की कागज़ी व्यवस्थाएं हैं। लेकिन कूड़े से जुड़ी ज़मीनी हक़ीक़त में लोग बीमारियों और दुर्गंध से घिरे रहते हैं।
बलरामपुर जिले के दूसरे सबसे नगर निकाय नगर पालिका परिषद उतरौला की आबादी तकरीबन 60 हजार है। यहां पर तकरीबन 32 हजार वोटर हैं। जिनके लिए सड़कों, नालियों और अन्य स्थानों के साफ सफाई और कूड़ा निस्तारण का जिम्मा नगर पालिका परिषद संभालता है। साफ-सफाई के काम में अव्वल आकर नगर पालिका परिषद उतरौला के सिर अब आदर्श नगर पालिका का ताज तो सज गया लेकिन जमीन पर कूड़ा बटोरने से लेकर निस्तारण तक की स्थिति बदरंग नज़र आती है।Body:उदासीनता का आलम ये है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के तमाम आदेशों के बाद भी नगर पालिका परिषद कूड़ा डंप करने के लिए जमीन तक नहीं चिन्हित कर सका है।
नगर के जिन जगहों पर कूड़ा डंप किया जाता है। वह ना केवल आबादी से सटे हुए हैं। बल्कि उन्हें कर्मियों द्वारा जला भी दिया जाता है। जो सरासर एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन है।

कूड़ा जलने के कारण तमाम तरह की बीमारियां लोगों को हो रही है। लोग स्वास, दमा, लंग और दूषित वातावरण के कारण होने वाली तमाम बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इस तरह नगर पालिका परिषद ने केवल अपने ही नागरिकों के स्वास्थ्य से खेलने का काम कर रहा है। बल्कि स्वच्छ आबोहवा मुहैया करवाने के अपने ही दावे पर फेल होता भी नज़र आ रहा है।Conclusion:इस मामले पर कई बार शिकायत कर चुके जीवन लाल यादव कहते हैं कि नगर पालिका परिषद के पास न तो कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था है। और न ही इनके पास पर्याप्त कुशल कर्मी।
वह कहते हैं कि नगर पालिका परिषद के कर्मी नगर से सटे इलाकों में कूड़ा डंप करते हैं और उन्हें जला भी दिया करते हैं। जिससे न केवल लोग बीमार हो रहे हैं। बल्कि थोड़ी सी बारिश के बाद उन जगहों से बदबू के कारण गुजरना भी मुश्किल हो जाता है।

इस मामले पर उतरौला के अधिशासी अधिकारी कहते हैं कि एनजीटी के आदेशों और नियमों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। हमारे यहां कहीं भी कूड़ा जलाने की घटना नहीं हो रही है। यदि ऐसे कुछ होता है तो हम उसे तत्काल सही भी करवाते हैं।
वह नगरीय निकाय क्षेत्र में कूड़ा डंप करने की बात पर कहते हैं कि नगर पालिका परिषद के पास अपनी जमीन तक नहीं है। ऐसे में हम जमीन चिन्हित कर रहे हैं। जैसे ही कहीं खाली जमीन मिलती है। नगर क्षेत्र से दूर फिर वहीं कूड़ा डंप करके निस्तारित करने का काम होगा।


बाईट :- जीवन लाल यादव, स्थानीय
बाईट :- अवधेश वर्मा, अधिशाषी अधिकारी
पीटीसी :- योगेंद्र त्रिपाठी, 9839325432
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