ETV Bharat / state

भक्तों की श्रद्धा पर बेअसर कोरोना, देवीपाटन शक्तिपीठ पर श्रद्धालुओं की भीड़

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में 51 शक्तिपीठों में से एक देवीपाटन शक्तिपीठ मंदिर में कोरोना काल में भी भारी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली है. वहीं भक्त शाम को नवमी लगते ही लोगों में कन्या भोज और हवन करवाने पहुंचे.

मंदिर में भक्तों की भीड़
मंदिर में भक्तों की भीड़
author img

By

Published : Oct 25, 2020, 1:10 AM IST

बलरामपुर: जिले से तकरीबन 28 किलोमीटर की दूरी पर तुलसीपुर तहसील में स्थित मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक देवीपाटन शक्तिपीठ का अपना ही महत्व है. शारदीय और चैत्र नवरात्र के दौरान यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु मां पाटेश्वरी के दर्शन के लिए आते हैं. कोरोना महामारी के बीच भी भक्तों की भीड़ यहां उमड़ी. दुर्गा अष्टमी के दिन लोग मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे. शाम को नवमी लगते ही लोगों में कन्या भोज और हवन करवाने की होड़ लग गई. इस दौरान मंदिर में हजारों श्रद्धालु दिखाई दिए.

मंदिर में भक्तों की भीड़
मंदिर में रही भक्तों की भीड़
शनिवार की भोर 4 बजे से ही शक्तिपीठ देवीपाटन में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. यहां ट्रेन से आवागमन की सुविधा बंद होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग अपने वाहनों और सार्वजनिक वाहनों से मंदिर में पहुंचे. देवीपाटन शक्तिपीठ के पीठाधीश्वर मिथलेश नाथ योगी ने सुबह ही मां पाटेश्वरी की विशेष पूजा अर्चना की. पुरोहितों ने तकरीबन 5 घंटे हवन और पूजन कराया. इस दौरान संसार से कोविड महामारी के अंत की कामना मां पटेश्वरी से की गई.
क्या बोले श्रद्धालु
दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने ईटीवी भारत को बताया कि दुर्गा नवमी और दुर्गा अष्टमी का दिन एक साथ पड़ रहा है. इस कारण मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ नजर आ रही है. दुर्गा अष्टमी के पूजन के लिए मंदिर में पहुंच रहे हैं. दूर-दूर से आए श्रद्धालु यहां आकर अपने 9 दिन का व्रत खोलकर कन्याओं को भोज करा रहे हैं. इस वजह से मंदिर में भीड़ नजर आ रही है.
एक अन्य भक्त ने बताया कि वे लोग लखनऊ से यहां आए हैं. मां भगवती के दर्शन करने के बाद वे यहां पर हवन पूजन करेंगे. भक्तों ने बताया कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.
गुरु गोरक्षनाथ से जुड़ा है मंदिर
बताते दें कि देवीपाटन शक्तिपीठ आदियोगी महासभा (पूर्वांचल) की ओर से संचालित किया जाता है. इसके आदि पीठाधीश्वर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है. यह मंदिर गुरु गोरक्षनाथ सहित अंगदेश के सम्राट कर्ण और अन्य लोगों की तपोभूमि भी माना जाता है. इसके साथ ही यहां पर मां पाटेश्वरी की भव्य मूर्ति स्थापित है. बताया जाता है कि यहां पर माता सती के शव के विच्छेद के दौरान उनका पट सहित वाम स्कंद गिरा था. इसी कारण से इस मंदिर नाम माता पटेश्वरी शक्तिपीठ है.

बलरामपुर: जिले से तकरीबन 28 किलोमीटर की दूरी पर तुलसीपुर तहसील में स्थित मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक देवीपाटन शक्तिपीठ का अपना ही महत्व है. शारदीय और चैत्र नवरात्र के दौरान यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु मां पाटेश्वरी के दर्शन के लिए आते हैं. कोरोना महामारी के बीच भी भक्तों की भीड़ यहां उमड़ी. दुर्गा अष्टमी के दिन लोग मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे. शाम को नवमी लगते ही लोगों में कन्या भोज और हवन करवाने की होड़ लग गई. इस दौरान मंदिर में हजारों श्रद्धालु दिखाई दिए.

मंदिर में भक्तों की भीड़
मंदिर में रही भक्तों की भीड़
शनिवार की भोर 4 बजे से ही शक्तिपीठ देवीपाटन में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. यहां ट्रेन से आवागमन की सुविधा बंद होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग अपने वाहनों और सार्वजनिक वाहनों से मंदिर में पहुंचे. देवीपाटन शक्तिपीठ के पीठाधीश्वर मिथलेश नाथ योगी ने सुबह ही मां पाटेश्वरी की विशेष पूजा अर्चना की. पुरोहितों ने तकरीबन 5 घंटे हवन और पूजन कराया. इस दौरान संसार से कोविड महामारी के अंत की कामना मां पटेश्वरी से की गई.
क्या बोले श्रद्धालु
दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने ईटीवी भारत को बताया कि दुर्गा नवमी और दुर्गा अष्टमी का दिन एक साथ पड़ रहा है. इस कारण मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ नजर आ रही है. दुर्गा अष्टमी के पूजन के लिए मंदिर में पहुंच रहे हैं. दूर-दूर से आए श्रद्धालु यहां आकर अपने 9 दिन का व्रत खोलकर कन्याओं को भोज करा रहे हैं. इस वजह से मंदिर में भीड़ नजर आ रही है.
एक अन्य भक्त ने बताया कि वे लोग लखनऊ से यहां आए हैं. मां भगवती के दर्शन करने के बाद वे यहां पर हवन पूजन करेंगे. भक्तों ने बताया कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.
गुरु गोरक्षनाथ से जुड़ा है मंदिर
बताते दें कि देवीपाटन शक्तिपीठ आदियोगी महासभा (पूर्वांचल) की ओर से संचालित किया जाता है. इसके आदि पीठाधीश्वर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है. यह मंदिर गुरु गोरक्षनाथ सहित अंगदेश के सम्राट कर्ण और अन्य लोगों की तपोभूमि भी माना जाता है. इसके साथ ही यहां पर मां पाटेश्वरी की भव्य मूर्ति स्थापित है. बताया जाता है कि यहां पर माता सती के शव के विच्छेद के दौरान उनका पट सहित वाम स्कंद गिरा था. इसी कारण से इस मंदिर नाम माता पटेश्वरी शक्तिपीठ है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.