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दिव्यांग बेटी पैदा होने पर पति ने पत्नी को दिया तीन तलाक, देवर कर रहा हलाला की मांग

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक तीन तलाक का मामला प्रकाश में आया है. दिव्यांग बेटी पैदा होने व दहेज की मांग की मांग को लेकर ससुरालियों वाले महिला को प्रताड़ित करने लगे. ससुरालियों की मांग पूरी नहीं हुई तो पति ने तीन तलाक देकर महिला को मारपीट कर घर से निकाल दिया.

तीन तलाक
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Published : Aug 27, 2021, 5:43 PM IST

बलरामपुर : तलाक..तलाक..तलाक, शौहर के मुंह से निकले इन तीन शब्दों को सनते ही मानों महिला की जिंदगी ही लुट गई. चंद पलों में पति अपने दो मासूम बच्चों और पत्नी के लिए बेगाना हो गया. पत्नी बच्चों की दुहाई देकर गिड़गिड़ाती रही, लेकिन शौहर व सुसराल वालों का दिल नहीं पसीजा. दहेज व दिव्यांग बच्चों को जन्म देने का ताना देकर महिला को धक्के मारकर घर से निकाल दिया गया. क्रूरता की हद तो तब हो गई जब उसके देवर शारीरिक शोषण करने के लिए हलाला का दबाव बनाने लगे. अब पीड़िता न्याय की फरियाद लेकर दर-दर भटक रही है.

भले ही केंद्र की मोदी सरकार ने 'तीन तलाक' पर विशेष कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को उनके साथ हो रहे अन्याय से निजात दिलाने का काम किया हो. लेकिन आज भी मुस्लिम समाज के पुरुषों में इस कानून का कोई डर नजर नहीं आ रहा है. तभी तो आए दिन 'तीन तलाक' से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं के चेहरे सामने आते रहते हैं. ताजा मामला बलरामपुर जिले का है.

बलरामपुर में तलाक...तलाक...तलाक

आरोप के अनुसार, दिव्यांग बेटी पैदा होने व दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर पति ने तीन तलाक दे दिया, उसके बाद मारपीट कर घर से निकाल दिया. तीन तलाक के बाद घर से निकाली गई महिला, बलरामपुर स्थित ससुराल से तुलसीपुर स्थित अपने मायके आ गई और घरवालों को पूरी बात बताई. तीन तलाक पीड़िता की बातें सुनकर उसका परिवार सदमे में है. वहीं पीड़िता ने एसपी हेमंत कुटिया से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है.

जानकारी के मुताबिक, तुलसीपुर थाना क्षेत्र के जरवा रोड-लाल चौराहे की रहने वाली रफ्फत राबिया की शादी करीब 6 साल पहले बलरामपुर निवासी आदिल अहमद के साथ हुई थी. दोनों के दो बच्चे हैं. पीड़िता का आरोप है कि शादी में मिले दहेज से ससुराल वाले नाखुश थे. इसको लेकर आए दिन ससुरालीजन उसको प्रताड़ित करते थे. पीड़िता का यह भी कहना था कि उसने एक अपंग बच्ची को जन्म दिया, तब से पति व अन्य ससुरालजनों ने पीड़िता के साथ और ज्यादा दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. पीड़िता ने जब दूसरे बच्चे को जन्म दिया तो वो भी सुचारू रूप से बोलने में असमर्थ है. ससुराल वाले उसको निरंतर कम दहेज लाने का ताना देने के साथ ही, अपंग बच्चों को जन्म देने का ताना देने लगा और लगातार उसके साथ मारपीट करने लगे.

पीड़िता ने बताया कि 17 जुलाई 2021 को ससुराल वालों के कहने में आकर उसके पति ने उसकी इच्छा के विरुद्ध तीन तलाक दे दिया. उसके बाद दो दिव्यांग नाबालिग बच्चों के साथ घर से भगा दिया. पीड़िता ने यह भी बताया कि 25 अगस्त को ससुराल वाले उसके घर आए और अपशब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि तुम्हे तलाक दे दिया गया है, तुमसे हमारा कोई मतलब नहीं है.

इसे भी पढे़ं- चंद रुपयों के लिए सनकी जीजा ने साले का किया कत्ल, सनसनी

दूसरी तरफ तीन तलाक के बाद पति के भाइयों ने हलाला कराने की बात कहकर दोबारा निकाह कराने की बात कही है. इन सब बातों से तीन तलाक पीड़िता इस वक्त सदमे है और पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता ने एसपी से ससुरालजनों पर समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं इस पूरे मामले पर सीओ उदय राज सिंह ने बताया कि पीड़िता की शिकायत दर्ज की कर ली गई है. मामले की जांच करवाई जा रही है. आगे की कार्रवाई विधि अनुसार की जाएगी, जिससे पीड़िता को त्वरित न्याय मिल सके.

बलरामपुर : तलाक..तलाक..तलाक, शौहर के मुंह से निकले इन तीन शब्दों को सनते ही मानों महिला की जिंदगी ही लुट गई. चंद पलों में पति अपने दो मासूम बच्चों और पत्नी के लिए बेगाना हो गया. पत्नी बच्चों की दुहाई देकर गिड़गिड़ाती रही, लेकिन शौहर व सुसराल वालों का दिल नहीं पसीजा. दहेज व दिव्यांग बच्चों को जन्म देने का ताना देकर महिला को धक्के मारकर घर से निकाल दिया गया. क्रूरता की हद तो तब हो गई जब उसके देवर शारीरिक शोषण करने के लिए हलाला का दबाव बनाने लगे. अब पीड़िता न्याय की फरियाद लेकर दर-दर भटक रही है.

भले ही केंद्र की मोदी सरकार ने 'तीन तलाक' पर विशेष कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को उनके साथ हो रहे अन्याय से निजात दिलाने का काम किया हो. लेकिन आज भी मुस्लिम समाज के पुरुषों में इस कानून का कोई डर नजर नहीं आ रहा है. तभी तो आए दिन 'तीन तलाक' से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं के चेहरे सामने आते रहते हैं. ताजा मामला बलरामपुर जिले का है.

बलरामपुर में तलाक...तलाक...तलाक

आरोप के अनुसार, दिव्यांग बेटी पैदा होने व दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर पति ने तीन तलाक दे दिया, उसके बाद मारपीट कर घर से निकाल दिया. तीन तलाक के बाद घर से निकाली गई महिला, बलरामपुर स्थित ससुराल से तुलसीपुर स्थित अपने मायके आ गई और घरवालों को पूरी बात बताई. तीन तलाक पीड़िता की बातें सुनकर उसका परिवार सदमे में है. वहीं पीड़िता ने एसपी हेमंत कुटिया से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है.

जानकारी के मुताबिक, तुलसीपुर थाना क्षेत्र के जरवा रोड-लाल चौराहे की रहने वाली रफ्फत राबिया की शादी करीब 6 साल पहले बलरामपुर निवासी आदिल अहमद के साथ हुई थी. दोनों के दो बच्चे हैं. पीड़िता का आरोप है कि शादी में मिले दहेज से ससुराल वाले नाखुश थे. इसको लेकर आए दिन ससुरालीजन उसको प्रताड़ित करते थे. पीड़िता का यह भी कहना था कि उसने एक अपंग बच्ची को जन्म दिया, तब से पति व अन्य ससुरालजनों ने पीड़िता के साथ और ज्यादा दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. पीड़िता ने जब दूसरे बच्चे को जन्म दिया तो वो भी सुचारू रूप से बोलने में असमर्थ है. ससुराल वाले उसको निरंतर कम दहेज लाने का ताना देने के साथ ही, अपंग बच्चों को जन्म देने का ताना देने लगा और लगातार उसके साथ मारपीट करने लगे.

पीड़िता ने बताया कि 17 जुलाई 2021 को ससुराल वालों के कहने में आकर उसके पति ने उसकी इच्छा के विरुद्ध तीन तलाक दे दिया. उसके बाद दो दिव्यांग नाबालिग बच्चों के साथ घर से भगा दिया. पीड़िता ने यह भी बताया कि 25 अगस्त को ससुराल वाले उसके घर आए और अपशब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि तुम्हे तलाक दे दिया गया है, तुमसे हमारा कोई मतलब नहीं है.

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दूसरी तरफ तीन तलाक के बाद पति के भाइयों ने हलाला कराने की बात कहकर दोबारा निकाह कराने की बात कही है. इन सब बातों से तीन तलाक पीड़िता इस वक्त सदमे है और पुलिस अधीक्षक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता ने एसपी से ससुरालजनों पर समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं इस पूरे मामले पर सीओ उदय राज सिंह ने बताया कि पीड़िता की शिकायत दर्ज की कर ली गई है. मामले की जांच करवाई जा रही है. आगे की कार्रवाई विधि अनुसार की जाएगी, जिससे पीड़िता को त्वरित न्याय मिल सके.

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