बलरामपुर: जिले के सोहेलवा वन क्षेत्र के धर्मपुर गांव में तेंदुए के हमले में हुई पोते की मौत का सदमा दादा बर्दास्त नहीं कर सका. सदमे से दादा की मौत हो गई. पोते और दादा की हुई मौत से पूरे गांव में मातम पसार गया है. परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है.
दरअसल, हरैया थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव में सोमवार की शाम बच्चों के साथ बकरी चराने गए 10 वर्षीय समीर को आदमखोर तेंदुआ जबड़े में भर कर उठा ले गया था. कुछ देर बाद बच्चे का शव गांव के पास झाड़ियों में मिला था. तेंदुए द्वारा पोते समीर को मारे जाने की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया. पारवरिक सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को पोते समीर का शव देखकर दादा मोहर्रम अली (52) की तबीयत बिगड़ गई और वह गस खाकर गिर गए. होश आने पर अपने पोते समीर का नाम लेकर जोर-जोर से रोने लगे. गांव वालों ने मोहर्रम को किसी तरीके से समझा बुझकर शांत कराया और चारपाई पर लिटा दिया. इसके बाद रिश्तेदार और ग्रामीण समीर के शव को पोस्टमार्टम लेकर चले गए.
हरैया विकास खंड के पूर्व ब्लाक प्रमुख विजय यादव ने बताया कि मंगलवार को जब रिश्तेदार मोहर्रम अली की जगाने के लिए पहुंचे तो देखा उनकी मृत्यु हो चुकी थी. पोते समीर की मौत के बाद दादा मोहर्रम अली की मौत की खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम छा गया. मोहर्रम अली का पुत्र शरीफ मुंबई मजदूरी करता है.बेटे और पिता की हुई मौत के बाद तकलीफों का बोझ लिए शरीफ बलरामपुर के लिए निकल चुका है. दूसरी तरफ समीर की मां रुकसाना का रो-रो कर बुरा हाल है. बेटे और ससुर की एक साथ हुई मौत से टूट गई है. रुखसाना का कहना है की बेटे और ससुर की हुई मौत के बाद अपने पति की क्या जवाब दूंगी. एक ही दिन में पोते और दादा की लाश उठने से पूरा गांव में मातम का माहौल है.