बलरामपुर: जिले के सोहेलवा वन क्षेत्र से सटे जंगल के किनारे बसे गांवों में पिछले दो माह से आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर तेंदुए को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है. वन विभाग की तरफ से जाल बिछाया गया था. तेंदुआ जैसे बकरे का शिकार करने पहुंचा तो जाल में फंस गया.
बताया जा रहा है कि मंगलवार को बेलवा गांव के पास ड्रोन कैमरे में तेंदुए का लोकेशन मिला था. जिसको देखते हुए वन विभाग की टीम ने आदमखोर को पकड़ने के लिए जंगल किनारे झाड़ियों में जाल बिछाया और बकरे को बांधा. बुधवार को जब बकरे की गंध से तेंदुआ आया और उसे झपटकर भागने की कोशिश की तभी छिपे बैठे वन विभाग की टीम ने उसे जाल में फंसा लिया. इसके बाद तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर पिंजड़े में कैद कर लिया.
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क्षेत्रीय वनाधिकारी एम बी सिंह ने बताया की तेंदुए की आयु करीब 5 वर्ष है और यह मादा है. उन्होंने बताया कि पकड़े गए तेंदुए को लखनऊ या गोरखपुर चिड़िया घर भेजना है. विभागीय अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है. निर्देश मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि सोहेलवा वन क्षेत्र से सटे गांवों में आदमखोर तेंदुए का जबरदस्त आतंक है. पिछले 2 माह में आदमखोर तेंदुआ बेलवा गांव सहित आस पास के क्षेत्रों में 6 मासूम बच्चों को अपना निवाला बना चुका था. तेंदुए के हमले में करीब 6 से अधिक लोग घायल हो चुके है. तेंदुए को पकड़ने के लिए दिल्ली ,कोलकाता से आए विशेषज्ञों सहित 4 टीमें लगी हुई थी. लेकिन तेंदुआ लगातार टीमों को चकमा दे कर निकल जा रहा था. लेकिन बुधवार को आखिरकार तेंदुए को पकड़ लिया गया.
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