बलरामपुर: जिले के सदर ब्लॉक में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत तीन ग्राम सभाओं में राजकीय नर्सरी का निर्माण कार्य तीन माह पहले ही पूरा किया गया. इस नर्सरी के निर्माण से सरकार और उद्यान विभाग का लक्ष्य था कि वह किसानों के लिए बेहतर पौध तैयार करके उनकी आय को बढ़ाने का काम करेगी, लेकिन जिस कार्यदायी संस्था को तीनों ग्रामसभाओं के पौधशालाओं का निर्माण करवाना था, वह किसानों की हित से जुड़ी इस योजना पर पलीता लगाती नजर आई.
पौधशालाओं के निर्माण में न तो नियमों का अनुपालन किया गया और न ही निर्माण के उच्च स्तर को स्थापित किया जा सका. इसका नतीजा ये रहा कि निर्माण में न केवल शुरुआती तौर पर खामियां नजर आने लगीं, बल्कि निर्माण की रफ्तार भी बेहद धीमी रही.
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ईटीवी भारत की खबर पर जागा प्रशासन
जिले के सदर ब्लॉक के चकवा और सेखुईकला में नई पौधशाला का निर्माण के लिए बजट एक साल पहले जारी किया गया था. जबकि त्रिलोकपुर में पहले से बनी जर्जर पौधशाला की मरम्मत करवाया जाना था. जब ईटीवी भारत ने 12 फरवरी 2019 को इससे सम्बन्धित खबर की तो जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने इस पर तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हर्ष कुमार के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बैठा दी.
कार्यदायी संस्था से की जाएगी रिकवरी
जांच का परिणाम अब आया है. निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन अब कार्यदायी संस्था से रिकवरी करने की बात कही जा रही है. असल में, इन पौधशालाओं का निर्माण और मरम्मत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत किया जा रहा था. इसकी लागत उद्यान विभाग के अनुसार 1.8 करोड़ रुपये शासन द्वारा सुनिश्चित की गई थी, लेकिन कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश कॉर्पोरेशन द्वारा बेहद घटिया किस्म की सामग्री से निर्माण करवाया गया.
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राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सदर ब्लॉक के तीन स्थानों पर राजकीय पौधशालाओं का निर्माण करवाया जा रहा था, जिसमें शुरुआती जांच में कमियां पाई गई हैं. कार्यदायी संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है. अगर आवश्यकता पड़ती है तो हम कार्यदायी संस्था से रिकवरी करवाने के लिए भी तैयार है.
-कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी, बलरामपुर