ETV Bharat / state

बलरामपुर गैंगरेप केस: आरोपी पक्ष की इन बातों से और उलझ रहा मामला

बलरामपुर गैंगरेप केस उलझता जा रहा है. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. एक तरफ जहां पीड़ित पक्ष के लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि उनकी बेटी का रेप करने वाले दो से ज्यादा लोग हैं. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. आरोपी की बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता है. वहीं आरोपी पक्ष के लोगों का कहना है कि उनके बेटे बेकसूर हैं, उन्हें जबरन फंसाया जा रहा है.

conversation with accused family in balrampur gangrape case
बलरामपुर गैंगरेप मामले में आरोपी पक्ष के परिजनों से खास बातचीत.
author img

By

Published : Oct 10, 2020, 9:51 PM IST

बलरामपुर: हाथरस से तकरीबन 500 किलोमीटर दूर बलरामपुर में भी गैंगरेप के बाद मौत का मामला 29 सितंबर 2020 को सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने प्रथम दृष्टया परिजनों के बयान पर मुख्य आरोपी शाहिद और उसके भांजे को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस द्वारा एससी-एसटी एक्ट के न्यायाधीश जमशेद अली से 20 घंटे का रिमांड बुधवार को लिया गया था, जिसमें कई अहम खुलासे होते नजर आ रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने अभियुक्त पक्ष से बातचीत की और उनसे जानकारी लेने की कोशिश की. ईटीवी भारत ने अभियुक्त की बहन, चाची और पत्नी से बात की, जिसमें उन्होंने कई खुलासे किए.

देखें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

क्या है पीड़ित परिवार का आरोप
22 वर्षीय मृतक लड़की का परिवार लगातार यह आरोप लगा रहा है कि उनकी बेटी का रेप करने वाले 2 से ज्यादा लोग हो सकते हैं. उनका कहना है कि जो बातें अभियुक्त ने कही हैं, उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है. मुझे लगता है कि इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं. जबकि पुलिस केवल उसी की बात पर ध्यान दे रही है. पीड़ित परिवार का कहना है कि इस मामले में नार्को टेस्ट होना चाहिए और सीबीआई जांच भी होनी चाहिए.

क्या कहता है आरोपी पक्ष
मुख्य आरोपी 25 वर्षीय शाहिद और उसके 16 वर्षीय भतीजे के घर वालों का कहना है कि उनके दोनों बच्चे बेकसूर हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. हमारे लोगों ने ही उस लड़की की दवाई कार्रवाई. उसको नाश्ता करवाया और जो भी सहयोग हो सकता था, किया.

क्या कहती है आरोपी की पत्नी-
मुख्य आरोपी शाहिद की पत्नी जेबा कहती है कि मेरा पति बिलकुल निर्दोष है. उसने तो लड़की की मदद की है. न कि उसे मारा है. मेरे पति और लड़की का पहले से प्रेम सम्बन्ध था. फिर वह उसके साथ गलत काम क्यों करेगा या उसे क्यों मारेगा.

'12 साल का भांजा वही था' :-
अगर आरोपी पक्ष की माने तो शाहिद का 12 वर्षीय का भांजा घटना के दिन दोपहर के समय खाना देने गया था. तब उस लड़की की तबीयत सही थी. वह दुकान में बैठी बात कर रही थी.

'सुबह आयी थी युवती'
मामले में आरोपी शाहिद के परिवार का कहना है कि सुबह पीड़ित युवती दुकान पर आई थी और शाहिद के साथ अपने कॉलेज में एडमिशन कराने गई थी. उसके बाद वह शाहिद के साथ दुकान के पीछे बने कमरे में मौजूद थी. परिवार का यह भी आरोप है कि लड़की ने शाहिद को बताया कि उसकी मां उसे पिछले 2 दिन से पीट रही है और खाना भी नहीं दे रही है. उसने उसके खाने का इंतजाम किया. चाय और बिस्किट मंगवाया. उसने खाया, फिर उसे पेट में दर्द होने लगा.

'युवती ने कहा था दवा दिलवाओ'
शाहिद की बहन ने यह आरोप लगाया है कि लड़की ने ही शाहिद से दवा दिलाने को कहा था. शाहिद ने वहीं दुकान के पास बैठने वाले डॉक्टर जियाउर रहमान को लड़की को इलाज के लिए बुलवाया, लेकिन डॉक्टर ने लड़की की खराब हालत देखकर इलाज करने से मना कर दिया.

'कम्पाउंडर ने किया था इलाज'
जब डॉक्टर ने लड़की का इलाज करने से मना कर दिया तो शाहिद ने पड़ोस के एक कम्पाउंडर लड़के को बुलाया, जो उसका दोस्त भी था. उसी ने लड़की को ग्लूकोज चढ़ाया व दवाइयां दी. इसके बाद भी जब लड़की की हालत में बहुत सुधार नहीं हुआ तो शाहिद ने उसे भांजे के साथ एक रिक्शे पर रवाना कर दिया.

'गलत नियत होती तो नहीं भेजता घर'
परिवार का कहना है कि शाहिद ने अगर लड़की के साथ कोई अपराध किया होता तो वह उसे घर क्यों भेजता? उसका इलाज क्यों करवाता? परिवार वालों का यह भी दावा है कि लड़की के नाना ने रिक्शा वाले को ₹10 देकर रवाना भी किया था. परिवार के लोग रोते हुए कहते हैं कि इस तरह से तो कोई किसी की मदद नहीं करेगा. शाहिद ने लड़की की केवल मदद की है.

'शाहिद से पहले से मिलती थी लड़की'
आरोपी शाहिद के परिवार का आरोप है कि लड़की उससे मिलती-जुलती रहती थी. वह अक्सर शाहिद की दुकान पर आया करती थी. वह उससे प्रेम करती थी. वहीं, शाहिद की मां बताती है कि उसका मरहूम पति और लड़की के नाना का बहुत अच्छा सम्बन्ध था. दोनों एक दूसरे के दोस्त थे. जब से उनका इन्तकाल हुआ, तब से इन लोगों ने घर आना जाना बंद कर दिया.

शाहिद ने अपने बयान में क्या कहा
आरोपी परिवार और सूत्रों के मुताबिक अपने बयान में शाहिद ने कहा कि लड़की से उसके सम्बन्ध थे और वे अक्सर फोन पर बात किया करते थे. यह बात लड़की के फोन कॉल रिकॉर्ड से साबित भी होती है. इसके अलावा शाहिद लड़की के लिए रोज ₹200 अलग जमा किया करता था, जो कुल मिलाकर अब 32 हजार रुपये हो चुके थे.

सूत्रों के मुताबिक, शाहिद ने यह भी बताया कि लड़की पहले से बीमार चल रही थी और उसका लखनऊ में इलाज कराया जा रहा था. उसने दावा किया कि कुछ दिन पहले लड़की अपनी मां के साथ भी इलाज के लिए लखनऊ गई थी.

हम लोग मामले की लगातार छानबीन कर रहे हैं. पूछताछ की जा रही है, लेकिन जो आरोपी पक्ष होता है, वह इस तरह की बातें करता रहता है, जिसमें किसी तरह की सत्यता नहीं होती. हम दोनों पक्षों में तथ्यों को टटोल रहे हैं. साक्ष्यों को इकट्ठा किया जा रहा है और उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

देवरंजन वर्मा, पुलिस अधीक्षक

बाकी हैं कई सवाल-जवाब
कुल मिलाकर इस दरिंदगी की घटना में कौन सही है और कौन गलत, इसका पता तो गहनता से जांच होने के बाद ही चल सकेगा, लेकिन पीड़ित परिवार के जो आरोप हैं, वो आरोपी पक्ष की दलीलों से मेल नहीं खाते. पीड़ित परिवार और आरोपी पक्ष दोनों इस मामले में सीबीआई जांच और नारको टेस्ट की मांग कर रहे हैं. वहीं, बलरामपुर गैंगरेप मामले में अब तक जो चीजें खुली हैं, वह बेहद उलझी सी लग रही है, जिसके कारण स्थिति को स्पष्ट कर पाना मुश्किल सा नजर आता है.

बलरामपुर: हाथरस से तकरीबन 500 किलोमीटर दूर बलरामपुर में भी गैंगरेप के बाद मौत का मामला 29 सितंबर 2020 को सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने प्रथम दृष्टया परिजनों के बयान पर मुख्य आरोपी शाहिद और उसके भांजे को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस द्वारा एससी-एसटी एक्ट के न्यायाधीश जमशेद अली से 20 घंटे का रिमांड बुधवार को लिया गया था, जिसमें कई अहम खुलासे होते नजर आ रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने अभियुक्त पक्ष से बातचीत की और उनसे जानकारी लेने की कोशिश की. ईटीवी भारत ने अभियुक्त की बहन, चाची और पत्नी से बात की, जिसमें उन्होंने कई खुलासे किए.

देखें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

क्या है पीड़ित परिवार का आरोप
22 वर्षीय मृतक लड़की का परिवार लगातार यह आरोप लगा रहा है कि उनकी बेटी का रेप करने वाले 2 से ज्यादा लोग हो सकते हैं. उनका कहना है कि जो बातें अभियुक्त ने कही हैं, उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है. मुझे लगता है कि इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं. जबकि पुलिस केवल उसी की बात पर ध्यान दे रही है. पीड़ित परिवार का कहना है कि इस मामले में नार्को टेस्ट होना चाहिए और सीबीआई जांच भी होनी चाहिए.

क्या कहता है आरोपी पक्ष
मुख्य आरोपी 25 वर्षीय शाहिद और उसके 16 वर्षीय भतीजे के घर वालों का कहना है कि उनके दोनों बच्चे बेकसूर हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. हमारे लोगों ने ही उस लड़की की दवाई कार्रवाई. उसको नाश्ता करवाया और जो भी सहयोग हो सकता था, किया.

क्या कहती है आरोपी की पत्नी-
मुख्य आरोपी शाहिद की पत्नी जेबा कहती है कि मेरा पति बिलकुल निर्दोष है. उसने तो लड़की की मदद की है. न कि उसे मारा है. मेरे पति और लड़की का पहले से प्रेम सम्बन्ध था. फिर वह उसके साथ गलत काम क्यों करेगा या उसे क्यों मारेगा.

'12 साल का भांजा वही था' :-
अगर आरोपी पक्ष की माने तो शाहिद का 12 वर्षीय का भांजा घटना के दिन दोपहर के समय खाना देने गया था. तब उस लड़की की तबीयत सही थी. वह दुकान में बैठी बात कर रही थी.

'सुबह आयी थी युवती'
मामले में आरोपी शाहिद के परिवार का कहना है कि सुबह पीड़ित युवती दुकान पर आई थी और शाहिद के साथ अपने कॉलेज में एडमिशन कराने गई थी. उसके बाद वह शाहिद के साथ दुकान के पीछे बने कमरे में मौजूद थी. परिवार का यह भी आरोप है कि लड़की ने शाहिद को बताया कि उसकी मां उसे पिछले 2 दिन से पीट रही है और खाना भी नहीं दे रही है. उसने उसके खाने का इंतजाम किया. चाय और बिस्किट मंगवाया. उसने खाया, फिर उसे पेट में दर्द होने लगा.

'युवती ने कहा था दवा दिलवाओ'
शाहिद की बहन ने यह आरोप लगाया है कि लड़की ने ही शाहिद से दवा दिलाने को कहा था. शाहिद ने वहीं दुकान के पास बैठने वाले डॉक्टर जियाउर रहमान को लड़की को इलाज के लिए बुलवाया, लेकिन डॉक्टर ने लड़की की खराब हालत देखकर इलाज करने से मना कर दिया.

'कम्पाउंडर ने किया था इलाज'
जब डॉक्टर ने लड़की का इलाज करने से मना कर दिया तो शाहिद ने पड़ोस के एक कम्पाउंडर लड़के को बुलाया, जो उसका दोस्त भी था. उसी ने लड़की को ग्लूकोज चढ़ाया व दवाइयां दी. इसके बाद भी जब लड़की की हालत में बहुत सुधार नहीं हुआ तो शाहिद ने उसे भांजे के साथ एक रिक्शे पर रवाना कर दिया.

'गलत नियत होती तो नहीं भेजता घर'
परिवार का कहना है कि शाहिद ने अगर लड़की के साथ कोई अपराध किया होता तो वह उसे घर क्यों भेजता? उसका इलाज क्यों करवाता? परिवार वालों का यह भी दावा है कि लड़की के नाना ने रिक्शा वाले को ₹10 देकर रवाना भी किया था. परिवार के लोग रोते हुए कहते हैं कि इस तरह से तो कोई किसी की मदद नहीं करेगा. शाहिद ने लड़की की केवल मदद की है.

'शाहिद से पहले से मिलती थी लड़की'
आरोपी शाहिद के परिवार का आरोप है कि लड़की उससे मिलती-जुलती रहती थी. वह अक्सर शाहिद की दुकान पर आया करती थी. वह उससे प्रेम करती थी. वहीं, शाहिद की मां बताती है कि उसका मरहूम पति और लड़की के नाना का बहुत अच्छा सम्बन्ध था. दोनों एक दूसरे के दोस्त थे. जब से उनका इन्तकाल हुआ, तब से इन लोगों ने घर आना जाना बंद कर दिया.

शाहिद ने अपने बयान में क्या कहा
आरोपी परिवार और सूत्रों के मुताबिक अपने बयान में शाहिद ने कहा कि लड़की से उसके सम्बन्ध थे और वे अक्सर फोन पर बात किया करते थे. यह बात लड़की के फोन कॉल रिकॉर्ड से साबित भी होती है. इसके अलावा शाहिद लड़की के लिए रोज ₹200 अलग जमा किया करता था, जो कुल मिलाकर अब 32 हजार रुपये हो चुके थे.

सूत्रों के मुताबिक, शाहिद ने यह भी बताया कि लड़की पहले से बीमार चल रही थी और उसका लखनऊ में इलाज कराया जा रहा था. उसने दावा किया कि कुछ दिन पहले लड़की अपनी मां के साथ भी इलाज के लिए लखनऊ गई थी.

हम लोग मामले की लगातार छानबीन कर रहे हैं. पूछताछ की जा रही है, लेकिन जो आरोपी पक्ष होता है, वह इस तरह की बातें करता रहता है, जिसमें किसी तरह की सत्यता नहीं होती. हम दोनों पक्षों में तथ्यों को टटोल रहे हैं. साक्ष्यों को इकट्ठा किया जा रहा है और उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

देवरंजन वर्मा, पुलिस अधीक्षक

बाकी हैं कई सवाल-जवाब
कुल मिलाकर इस दरिंदगी की घटना में कौन सही है और कौन गलत, इसका पता तो गहनता से जांच होने के बाद ही चल सकेगा, लेकिन पीड़ित परिवार के जो आरोप हैं, वो आरोपी पक्ष की दलीलों से मेल नहीं खाते. पीड़ित परिवार और आरोपी पक्ष दोनों इस मामले में सीबीआई जांच और नारको टेस्ट की मांग कर रहे हैं. वहीं, बलरामपुर गैंगरेप मामले में अब तक जो चीजें खुली हैं, वह बेहद उलझी सी लग रही है, जिसके कारण स्थिति को स्पष्ट कर पाना मुश्किल सा नजर आता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.