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अटल जी को बेहद पसंद था दही और मट्ठा, सुनिए पुराने साथियों की जुबानी

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Published : Dec 25, 2019, 7:34 PM IST

यूपी के बलरामपुर में ईटीवी भारत ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने साथियों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि अटल जी को दही और मट्ठा बेहद पसंद था. इसके साथ ही गरिष्ठ भोजन भी उन्हें काफी पसंद था.

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ईटीवी भारत ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने साथियों से बातचीत की.

बलरामपुर: पूरा देश स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन मना रहा है. इस खास मौके पर ईटीवी भारत ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के उन पुराने साथियों से मुलाकात की, जिन्होंने उनके साथ वक्त बिताया था.

ईटीवी भारत ने स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने साथियों से की बातचीत.

भारतीय इंटर कॉलेज मथुरा बाजार के प्रबंधक और स्वर्गीय अटल जी के शागिर्द रहे शिव कुमार द्विवेदी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जब अटल जी की मृत्यु हुई तो हमने उनकी तेरहवीं और बरखी का आयोजन किया था. हमारे परिवार से वह इस तरह जुड़े हुए थे, जैसे कोई अभिन्न अंग. वह हर त्यौहार पर हम लोगों को शुभकामनाएं देना नहीं भूलते थे.

शिक्षा के क्षेत्र में रूचि
शिव कुमार द्विवेदी ने कहा कि अटल जी जब चुनाव का प्रचार कर रहे थे तो सन् 1957 के दौरान वह हमारे घर पर ही मथुरा बाजार में आकर रुकते थे. खाने-पीने के शौकीन पंडित अटल बिहारी वाजपेयी को मट्ठा काफी पसंद था. हमारे घर में उनके लिए विशेष तौर पर दही और मट्ठा बनाया जाता था, जिसे अटली जी बड़े चाव से खाते थे. इसके साथ ही गरिष्ठ भोजन भी उन्हें बहुत पसंद था. इसके अलावा अटल जी को शिक्षा और इस विषय में जागरूकता को लेकर बहुत रूचि थी. वह जिले को शिक्षा के मामले में आगे बढ़ाना चाहते थे. इसलिए संघ के कार्यकर्ता प्रताप नारायण तिवारी के साथ मिलकर उन्होंने उतरौला, मथुरा बाजार, पचपेड़वा और बलरामपुर में चार इंटर कॉलेजों की स्थापना करवाई थी.

बलरामपुर: पूरा देश स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन मना रहा है. इस खास मौके पर ईटीवी भारत ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के उन पुराने साथियों से मुलाकात की, जिन्होंने उनके साथ वक्त बिताया था.

ईटीवी भारत ने स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने साथियों से की बातचीत.

भारतीय इंटर कॉलेज मथुरा बाजार के प्रबंधक और स्वर्गीय अटल जी के शागिर्द रहे शिव कुमार द्विवेदी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जब अटल जी की मृत्यु हुई तो हमने उनकी तेरहवीं और बरखी का आयोजन किया था. हमारे परिवार से वह इस तरह जुड़े हुए थे, जैसे कोई अभिन्न अंग. वह हर त्यौहार पर हम लोगों को शुभकामनाएं देना नहीं भूलते थे.

शिक्षा के क्षेत्र में रूचि
शिव कुमार द्विवेदी ने कहा कि अटल जी जब चुनाव का प्रचार कर रहे थे तो सन् 1957 के दौरान वह हमारे घर पर ही मथुरा बाजार में आकर रुकते थे. खाने-पीने के शौकीन पंडित अटल बिहारी वाजपेयी को मट्ठा काफी पसंद था. हमारे घर में उनके लिए विशेष तौर पर दही और मट्ठा बनाया जाता था, जिसे अटली जी बड़े चाव से खाते थे. इसके साथ ही गरिष्ठ भोजन भी उन्हें बहुत पसंद था. इसके अलावा अटल जी को शिक्षा और इस विषय में जागरूकता को लेकर बहुत रूचि थी. वह जिले को शिक्षा के मामले में आगे बढ़ाना चाहते थे. इसलिए संघ के कार्यकर्ता प्रताप नारायण तिवारी के साथ मिलकर उन्होंने उतरौला, मथुरा बाजार, पचपेड़वा और बलरामपुर में चार इंटर कॉलेजों की स्थापना करवाई थी.

Intro:बलरामपुर जिले और इस लोकसभा क्षेत्र में पंडित अटल बिहारी वाजपेई को लेकर तमाम तरह की कहानियां उनके पुराने साथियों और उन साथियों के बच्चों के जेहन में आज भी तैरती रहती हैं। पंडित अटल बिहारी वाजपेई द्वारा यहां पर करवाए गए विकास कार्यों व लोगों से जुड़ाव के कारण उन्हें आज भी उसी श्रद्धा और उसी भाव से याद किया जाता है, जो उनके जीवित रहते या यहां से सांसद रहते वक्त किया जाता था। आज 25 दिसंबर के दिन अटल बिहारी वाजपेई के जन्म दिवस के कार्यक्रम के अवसर पर आज बलरामपुर जिले में कई जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। तो ऐसे में ईटीवी भारत ने अटल जी के उन पुराने साथियों से मुलाकात करने की। जिन्होंने उनके साथ थोड़ा बहुत वक्त बिताया था।


Body:भारतीय इंटर कॉलेज मथुरा बाजार के प्रबंधक व अटल जी के पहले चुनाव के समय में अपने पिता व अटल जी के शागिर्द रहे शिव कुमार द्विवेदी उन्हें याद करते हुए तमाम तरह के न केवल किस्से बताते हैं। बल्कि भावुक भी हो जाते हैं।
शिव कुमार द्विवेदी कहते हैं कि जब अटल जी की मृत्यु हुई तो हमने उनकी तेरहवीं और बरखी का आयोजन किया था। हमारे परिवार से वह इस तरह जुड़े हुए थे, जैसे मानो कोई अभिन्न अंग वह हर त्यौहार पर हम लोगों को शुभकामनाएं देना नहीं भूलते थे।
शिव कुमार द्विवेदी, अटल जी को याद करते हुए बताते हैं कि अटलजी जब चुनाव का प्रचार कर रहे थे तो सन 1957 के दौरान वह हमारे घर पर ही मथुरा बाजार में आकर रुकते थे। उस दौरान खाने-पीने के शौकीन पंडित अटल बिहारी वाजपेई को मट्ठा खाना बहुत पसंद था। तो घर में उनके लिए विशेष तौर पर दही और मट्ठा बनाया जाता था। उसे वह बहुत चाव से खाते थे। इसके साथ गरिष्ठ भोजन भी उन्हें बहुत पसंद था।
75 वर्षीय शिव कुमार कहते हैं कि अटल जी क शिक्षा और इस विषय में जागरूकता को लेकर बहुत रूचि थी। जिले को शिक्षा के मामले में आगे बढ़ना चाहते थे। इसलिए संघ के कार्यकर्ता प्रताप नारायण तिवारी जी के साथ मिलकर उन्होंने उतरौला, मथुरा बाजार, पचपेड़वा और बलरामपुर में चार इंटर कॉलेजों के स्थापना करवाई थी। तब से लेकर अब तक चल रहे हैं।


Conclusion:हम आपको बताते चलें कि पंडित अटल बिहारी वाजपेई बलरामपुर से सन 1957 सन 1967 में सांसद चुने गए थे। सन 1962 के चुनाव में सुभद्रा जोशी ने उन्हें काफी कम मतों से कांग्रेस के टिकट पर पटखनी दे दी थी। पंडित अटल बिहारी वाजपेई जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे। वो तीन बार भारत के प्रधानमंत्री भी रहे।
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