बलरामपुर: जिले के एमपीपी इंटर कॉलेज के बाहर की जमीन और छात्रावास के खेल ग्राउंड को दबंग अतिक्रमणकरियों ने अपने कब्जे में ले रखा है. कॉलेज के बाहर की जमीन पर बुकिंग के लिए प्राइवेट गाड़ियां खड़ी होती हैं जबकि छात्रावास के खेल ग्राउंड पर कुछ गाड़ी डेन्टरों ने कब्जा कर रखा है. मामले में तमाम शिकायतों व वास्तविक स्थिति को जानने के बावजूद अतिक्रमणकरियों पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
बेबस नजर आ रहे प्रिंसिपल
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के महाराजा पाटेश्वरी प्रसाद इंटर कॉलेज से जुड़ा हुआ है. यहां तैनात प्रिंसिपल जेपी तिवारी के बेबसी का आलम यह है कि उनके कॉलेज के बाहर की जमीन तो दबंग अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर ही रखी है, साथ ही कॉलेज के छात्रावास के खेल के मैदान पर भी अपना कब्जा जमा रखा है. कॉलेज की बाउंड्री के बाहर खाली पड़ी जमीन पर प्राइवेट गाड़ी चालकों ने कब्जा जमा रखा है. सुबह होते ही ये चालक अपनी प्राइवेट गाड़ी को गैर कानूनी तरीके से बुकिंग के लिए विद्यालय के बाहर जमा हो जाते हैं. इन गाड़ियों का जमावड़ा इतना ज्यादा होता है कि छात्रों को कॉलेज जाने व कॉलेज प्रबन्धन को अपनी गाड़ियों को बाहर निकालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
शिकायत करने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
छात्रावास के खेल ग्राउंड पर गाड़ी डेन्टरों का कब्जा है. ये डेन्टर इसी मैदान में करीब 6 गाड़ियां खड़ी करके उसके डेंटिंग-पेंटिंग का काम करते हैं. इस मामले में कई बार कॉलेज के प्रिंसिपल ने शासन व प्रशासन से कई बार लिखित शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
'पहले वादा किया हटेंगे, लेकिन बाद में हटे नहीं'
एमपीपी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल कैप्टन जेपी तिवारी ने बताया, 'मैं करीब 22 साल पहले उसी छात्रावास में रहा हूं. पहले लकड़ी का गेट हुआ करता था. मेरे द्वारा ही लोहे का गेट लगवाया गया था, जिससे छात्रावास में रहने वाले लड़के उसी में खेला करते थे. ग्राउंड में लोहे के रॉड, कूदने वाला व खेल की अन्य चीजें लगी हुई थी, जिसे ये लोग उखाड़ ले गए. आज भी वो छात्रावास चालू है. प्रशासन ने जब 2005 में अतिक्रमण हटवाया तो ये लोग सड़क से थोड़ा अंदर घुस गए. हमने मना किया तो वे लोग जल्द हटा लेने का हवाला देते रहे, लेकिन सबने वहां दुकान व अपना सामान बढ़ा लिया. वहां से हटे नहीं.'
'पुराने छात्र आकर धमकाते हैं'
प्रिंसिपल कैप्टन जेपी तिवारी ने बताया, 'डीएम हमारे कॉलेज के मैनेजमेंट का अध्यक्ष होता है. साल 2018 में जब हद हो गयी तो हम डीएम से मिले तो उन्होंने तत्कालीन एसडीएम कुमार हर्ष को एक लेटर जारी किया कि कब्जे को जल्द हटवाया जाए, लेकिन इसी बीच उनका तबादला हो गया. फिर मैंने एसडीएम डॉ. नागेंद्र नाथ यादव से सम्पर्क किया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.' प्रिंसिपल ने बताया कि उनके कॉलेज के पढ़े हुए पुराने छात्र ही कुछ अन्य लोगों के साथ आकर उन्हें धमकाते हैं और धन लेकर मामले को रफा दफा करने की बात कहते है. न मानने पर जान से मार डालने की धमकी भी देते हैं.
जिलाधिकारी ने दी सफाई
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया, 'इस कॉलेज के अतिक्रमण को हटाने के लिए पहले भी मैंने लेटर जारी किया है, लेकिन कुछ व्यस्तता के कारण यह काम हो नहीं पाया था. इस अतिक्रमण को हटवाने के लिए नगर निकाय के अधिकारियों व सदर एसडीएम को एक बार फिर निर्देशित किया गया है. इस मामले में कई लोगों को नोटिस भी दी जा चुकी है, जिनमें से कुछ का तो जवाब आया है. वहीं कुछ लोगों ने अपना जवाब नहीं भेजा है.
आखिर कब करेगा प्रशासन कार्रवाई
अब देखने वाली बात होगी कि पिछले 22 सालों से लगा यह अतिक्रमण का जाल कब हट पाता है. कब नेशनल हाईवे से जाम की समस्या खत्म होती है और कब एमपीपी छात्रावास के खेल मैदान को जिला प्रशासन खाली करवा पाता है. हम आपको बताते चलें कि पिछले 2.5 सालों से जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश बलरामपुर जिले में तैनात हैं और उनसे कई बार इस मामले को लेकर शिकायत की जा चुकी है, लेकिन छिटपुट कार्रवाई के अलावा कोई ठोस कार्रवाई इन अतिक्रमणकारियों पर कर पाने में जिला प्रशासन अभी तक नाकाम रहा है.