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बलरामपुर: तुलसीपुर में शुरू हुआ इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन, गर्भवती महिलाओं को मिलेगा लाभ - बलरामपुर खबर

यूपी के बलरामपुर जिला स्वास्थ्य विभाग ने एएफआरए यूनिट तुलसीपुर में इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन की शुरुआत की. इस ऑपरेशन के तहत गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवाकर प्रसूता और बच्चे की जान बचाई जा रही है.

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तुलसीपुर में शुरु हुआ इलेक्टिव ऑपरेशन.
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Published : Feb 4, 2020, 4:38 PM IST

बलरामपुर: जिला स्वास्थ्य विभाग ने एएफआरए यूनिट तुलसीपुर में ऑपरेशन थिएटर में इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन की शुरुवात की. इसके जरिए गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रजनन करवाकर प्रसूता और बच्चे की जान बचाई जा रही है. 30 जनवरी को सीएमओ की अध्यक्षता में गठित डॉक्टरों की एक टीम ने पहली बार जिले के किसी एएफआरए यूनिट पर इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देकर एक नवजात का जन्म करवाया. इसमें जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

तुलसीपुर में शुरू हुआ इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन.

क्या होता है इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन
इस तरह के ऑपरेशन में पहले यह देखा जाता है कि महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा किस स्थिति में है. यदि वह उलट गया है या टेढ़ा-मेढ़ा हो गया है और डिलीवरी का समय बीत रहा है, तो इसे पहले से प्लान करने के बाद फिर ऑपरेशन किया जाता है. इसमें मेजर ऑपरेशन के साथ नवजात को सुरक्षित गर्भ से बाहर निकाला जाता है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की जान सुरक्षित बच जाती है.

तुलसीपुर के अधीक्षक डॉ. सुमन सिंह चौहान ने बताया कि सीएमओ डॉ. घनश्याम सिंह के नेतृत्व में जिले के तुलसीपुर एफआरएल यूनिट पर एक टीम गठित की गई है. इसमें इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है. इस तरह का पहला ऑपरेशन हमने 30 जनवरी को किया था, जिसमें हमने जच्चा-बच्चा दोनों की जान बचा ली थी, जबकि वह बच्चा गर्भ में ही उलट गया था.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: धूमधाम से मनाया गया बलरामपुर अस्पताल का 151वां स्थापना दिवस

इस टीम में डॉक्टर राजेश कुमार सिंह, डॉक्टर सारिका साहू, डॉक्टर महेश वर्मा और मैं हूं. इस टीम के द्वारा पचपेड़वा, गैसड़ी, तुलसीपुर और आसपास के पीएससी से रेफर की जा रहीं गर्भवती महिलाओं का इलाज किया जाता है.
-डॉ. सुमंत सिंह चौहान, स्वास्थ्य अधीक्षक, तुलसीपुर

बलरामपुर: जिला स्वास्थ्य विभाग ने एएफआरए यूनिट तुलसीपुर में ऑपरेशन थिएटर में इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन की शुरुवात की. इसके जरिए गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रजनन करवाकर प्रसूता और बच्चे की जान बचाई जा रही है. 30 जनवरी को सीएमओ की अध्यक्षता में गठित डॉक्टरों की एक टीम ने पहली बार जिले के किसी एएफआरए यूनिट पर इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देकर एक नवजात का जन्म करवाया. इसमें जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

तुलसीपुर में शुरू हुआ इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन.

क्या होता है इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन
इस तरह के ऑपरेशन में पहले यह देखा जाता है कि महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा किस स्थिति में है. यदि वह उलट गया है या टेढ़ा-मेढ़ा हो गया है और डिलीवरी का समय बीत रहा है, तो इसे पहले से प्लान करने के बाद फिर ऑपरेशन किया जाता है. इसमें मेजर ऑपरेशन के साथ नवजात को सुरक्षित गर्भ से बाहर निकाला जाता है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की जान सुरक्षित बच जाती है.

तुलसीपुर के अधीक्षक डॉ. सुमन सिंह चौहान ने बताया कि सीएमओ डॉ. घनश्याम सिंह के नेतृत्व में जिले के तुलसीपुर एफआरएल यूनिट पर एक टीम गठित की गई है. इसमें इलेक्टिव सीजर ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है. इस तरह का पहला ऑपरेशन हमने 30 जनवरी को किया था, जिसमें हमने जच्चा-बच्चा दोनों की जान बचा ली थी, जबकि वह बच्चा गर्भ में ही उलट गया था.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: धूमधाम से मनाया गया बलरामपुर अस्पताल का 151वां स्थापना दिवस

इस टीम में डॉक्टर राजेश कुमार सिंह, डॉक्टर सारिका साहू, डॉक्टर महेश वर्मा और मैं हूं. इस टीम के द्वारा पचपेड़वा, गैसड़ी, तुलसीपुर और आसपास के पीएससी से रेफर की जा रहीं गर्भवती महिलाओं का इलाज किया जाता है.
-डॉ. सुमंत सिंह चौहान, स्वास्थ्य अधीक्षक, तुलसीपुर

Intro:
गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारजनों को जिले तक दौड़ न लगानी पड़े। गंभीर से गंभीर ऑपरेशन व इलाज स्थानीय स्तर पर मिल सके। इसलिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा एएफआरए यूनिट तुलसीपुर में एक पहल की गई है। इसके तहत एक ऑपरेशन थिएटर का निर्माण किया गया है और वहां पर अब एलेक्ट्रिव सीजर ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। इसके जरिए, गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रजनन करवाकर प्रसूता और बच्चे की जान बचाई जा रही है।
बीते 30 जनवरी को सीएमओ की अध्यक्षता में गठित डॉक्टरों की एक टीम ने पहली बार जिले के किसी एफआरए यूनिट पर इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देकर एक नवजात का जन्म करवाया। इसमें जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित है।Body:क्या होता है इलेक्टिव ऑपरेशन :-
इस तरह के ऑपरेशन में पहले यह देखा जाता है कि महिला के गर्भ में पल रहा है किस स्थिति में है। यदि वह उलट गया है। या टेढ़ा मेढ़ा हो गया है। या सिर नहीं निकल रहा है। या महिला को प्रसव पीड़ा नहीं हो रही है और डिलेवरी का समय बीत रहा है तो इसे पहले से प्लान करने के बाद फिर किया जाता है। जिसमें मेजर ऑपरेशन के साथ नवजात को सुरक्षित गर्भ से बाहर निकाला जाता है। जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की जान सुरक्षित बच जाती है। Conclusion:तुलसीपुर के अधीक्षक डॉ सुमन सिंह चौहान ने बताया कि सीएमओ डॉ घनश्याम सिंह के नेतृत्व में जिले के तुलसीपुर एफआरएल यूनिट पर एक टीम गठित की गई है जिसमें एलेक्ट्रिव ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है इस तरह का पहला ऑपरेशन हमने 30 जनवरी को किया था जिसमें हमने जच्चा बच्चा दोनों की जान बचा ली थी जबकि वह बच्चा गर्भ में ही उलट गया था।
उन्होंने बताया कि इस टीम में डॉक्टर राजेश कुमार सिंह, डॉक्टर सारिका साहू, डॉक्टर महेश वर्मा और मैं हूँ। इस टीम के द्वारा पचपेड़वा, गैसड़ी, तुलसीपुर व आसपास के पीएससी से रिफर किए जा रहे गर्भवती महिलाओं का इलाज किया जाता है।

बाईट :- डॉक्टर सुमंत सिंह चौहान, स्वास्थ्य अधीक्षक तुलसीपुर
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