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शव से अमानवीय व्यवहार मामले का DM ने लिया संज्ञान, 7 निलंबित - डीएम ने की कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. दरअसल एक शव को पुलिस ने सफाईकर्मियों को बुलाकर नगर पालिका की कूड़ा गाड़ी पर लदवाकर कोतवाली ले गए. मामले में कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने 3 पुलिसकर्मियों और 4 सफाई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.

शव से अमानवीय व्यवहार मामले में कार्रवाई.
शव से अमानवीय व्यवहार मामले में कार्रवाई.
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Published : Jun 11, 2020, 11:07 PM IST

बलरामपुर: जिले में अधेड़ व्यक्ति के शव के साथ अमानवीयता का मामला सामने आया है. दरअसल उतरौला क्षेत्र में तहसील के गेट पर एक शख्स की तबीयत खराब होने से मौत हो गई. इस मामले की सूचना जब अधिकारियों को हुई तो मेडिकल टीम ने मृतक की कोरोना जांच के लिए उसका सैम्पल लिया गया. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में नगर पालिकाकर्मी अधेड़ की लाश को कूड़ा ढोने वाली गाड़ी में लादकर कोतवाली ले गए. इस घटना में जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए 3 पुलिसकर्मियों और 4 सफाई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.

शव से अमानवीय व्यवहार मामले में कार्रवाई.

दरअसल 10 जून को सादुल्लाह नगर थाना क्षेत्र के सहजौरा गांव का रहने वाला 45 वर्षीय अनवर अली उर्फ झिनकन तहसील के काम से उतरौला आया था. शाम करीब 5 बजे तहसील गेट पर ही अचानक उसकी तबीयत खराब हुई और वह फुटपाथ पर ही लेट गया, जहां थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई. इसके बाद स्थानीय लोगों से मिली सूचना पर पहुंची पुलिस ने मेडिकल टीम को बुलाकर जांच के लिए सैंपल भिजवाया.

जांच के लिए सैंपल लेने के बाद पुलिस ने नगर पालिका की कूड़ा गाड़ी को बुलाकर बड़े ही अमानवीय तरीके से शव को कूड़ा गाड़ी पर लादकर कोतवाली पहुंचाया. कोतवाली में परिवारजनों के सामने पंचनामा करके लाश को पत्नी शाहबे के सुपुर्द कर दिया गया. इस घटना में कोतवाली के अधिकारियों ने पोस्टमार्टम कराने की जहमत तक नहीं उठाई.

इस पूरी घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी और एसपी ने कार्रवाई की है. वीडियो में दिख रहे पुलिस के उपनिरीक्षक रविन्द्र कुमार रमन, 2 आरक्षी शुभम पटेल और शैलेन्द्र शर्मा इसके अतिरिक्त नगर पालिका के चार कर्मचारियों सहित सात को प्रथमदृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित किया गया है. डीएम कृष्णा करुणेश और एसपी देवरंजन वर्मा ने मामले को संज्ञान में लेते हुए इसकी संयुक्त जांच एसडीएम उतरौला और सीओ उतरौला को दी गई है.

इस तरह के मामले को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. शव को भेजने के लिए सभी थानों में व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही जिला चिकित्सालय और संयुक्त जिला चिकित्सालय में शव वाहन भी होते हैं, जिनकी सेवाएं ली जा सकती थीं. इस घटना में इस तरह का काम नहीं किया गया, जो कि मानवता को शर्मसार करने वाला है.
-कृष्णा कमलेश, जिलाधिकारी

बलरामपुर: जिले में अधेड़ व्यक्ति के शव के साथ अमानवीयता का मामला सामने आया है. दरअसल उतरौला क्षेत्र में तहसील के गेट पर एक शख्स की तबीयत खराब होने से मौत हो गई. इस मामले की सूचना जब अधिकारियों को हुई तो मेडिकल टीम ने मृतक की कोरोना जांच के लिए उसका सैम्पल लिया गया. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में नगर पालिकाकर्मी अधेड़ की लाश को कूड़ा ढोने वाली गाड़ी में लादकर कोतवाली ले गए. इस घटना में जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए 3 पुलिसकर्मियों और 4 सफाई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.

शव से अमानवीय व्यवहार मामले में कार्रवाई.

दरअसल 10 जून को सादुल्लाह नगर थाना क्षेत्र के सहजौरा गांव का रहने वाला 45 वर्षीय अनवर अली उर्फ झिनकन तहसील के काम से उतरौला आया था. शाम करीब 5 बजे तहसील गेट पर ही अचानक उसकी तबीयत खराब हुई और वह फुटपाथ पर ही लेट गया, जहां थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई. इसके बाद स्थानीय लोगों से मिली सूचना पर पहुंची पुलिस ने मेडिकल टीम को बुलाकर जांच के लिए सैंपल भिजवाया.

जांच के लिए सैंपल लेने के बाद पुलिस ने नगर पालिका की कूड़ा गाड़ी को बुलाकर बड़े ही अमानवीय तरीके से शव को कूड़ा गाड़ी पर लादकर कोतवाली पहुंचाया. कोतवाली में परिवारजनों के सामने पंचनामा करके लाश को पत्नी शाहबे के सुपुर्द कर दिया गया. इस घटना में कोतवाली के अधिकारियों ने पोस्टमार्टम कराने की जहमत तक नहीं उठाई.

इस पूरी घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी और एसपी ने कार्रवाई की है. वीडियो में दिख रहे पुलिस के उपनिरीक्षक रविन्द्र कुमार रमन, 2 आरक्षी शुभम पटेल और शैलेन्द्र शर्मा इसके अतिरिक्त नगर पालिका के चार कर्मचारियों सहित सात को प्रथमदृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित किया गया है. डीएम कृष्णा करुणेश और एसपी देवरंजन वर्मा ने मामले को संज्ञान में लेते हुए इसकी संयुक्त जांच एसडीएम उतरौला और सीओ उतरौला को दी गई है.

इस तरह के मामले को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. शव को भेजने के लिए सभी थानों में व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही जिला चिकित्सालय और संयुक्त जिला चिकित्सालय में शव वाहन भी होते हैं, जिनकी सेवाएं ली जा सकती थीं. इस घटना में इस तरह का काम नहीं किया गया, जो कि मानवता को शर्मसार करने वाला है.
-कृष्णा कमलेश, जिलाधिकारी

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