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जिला अस्पताल में सुविधाओं को टोटा, लोगों को नहीं मिला रहा बेहतर इलाज

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Published : Nov 24, 2020, 8:24 PM IST

बलरामपुर जिला मेमोरियल अस्पताल डाॅक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल में सुविधाओं का टोटा है, जिस कारण लोगों को इलाज के लिए मजबूरन निजी अस्पताल में जाना पड़ता है.

जिला अस्पताल में सुविधाओं को टोटा.
जिला अस्पताल में सुविधाओं को टोटा.

बलरामपुर: नीती आयोग के तहत आने वाला बलरामपुर एक अतिमहत्वकांक्षी जिला है. बावजूद इसके जिले में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बना जिला मेमोरियल अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल में सुविधाओं का टोटा है, जिस कारण लोगों को मजबूरन इलाज के लिए निजी अस्पताल में जाना पड़ता है.

जिला अस्पताल में सुविधाओं को टोटा.

अस्पताल में संविदा के तहत नियुक्त कई डाॅक्टर अपनी संविदा खत्म कर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं. इन डाॅक्टरों के जाने से जिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोना संक्रमितों के लिए बनाया गया था एल-1 अस्पताल
जिला मेमोरियल अस्पताल को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एल-1 अस्पताल बनाया गया था. पिछले माह ही जिल अस्पताल में दोबारा से ओपीडी की सेवा शुरू हो गई है.

6 डाॅक्टरों के भरोसे चल रहा अस्पताल
मेमोरियल अस्पताल के सीएमएस डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन, डेंटल सर्जन, एएनटी सर्जन नहीं हैं. उन्होंने बताया कि 24 डॉक्टरों की अपेक्षा मौजूदा समय में अस्पताल में 6 डॉक्टर ही हैं. सीएमएस ने बताया कि हमारे पास स्टाफ नर्स नहीं है. संसाधनों का भी अभाव है, जिस कारण मरीजों को बाहर भेजना पड़ता है.

केवल ब्लड जांच की है सुविधा
डॉ.अरुण ने बताया कि अस्पताल में डिजिटल एक्स रे और अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा नहीं है. मौजूदा समय में सभी प्रकार के ब्लड जांच के लिए पैथोलॉजी संचालित है, जिससे किसी भी मरीज को ब्लड जांच के लिए बाहर न जाना पड़े.

कई बार सुविधाओं को लेकर लिखा जा चुका है पत्र
सीएमएस ने बताया कि अस्पताल में सुविधाओं और समस्याओं के समाधान के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है. अभी तक यहां की समस्याओं पर उच्च अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

बलरामपुर: नीती आयोग के तहत आने वाला बलरामपुर एक अतिमहत्वकांक्षी जिला है. बावजूद इसके जिले में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बना जिला मेमोरियल अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल में सुविधाओं का टोटा है, जिस कारण लोगों को मजबूरन इलाज के लिए निजी अस्पताल में जाना पड़ता है.

जिला अस्पताल में सुविधाओं को टोटा.

अस्पताल में संविदा के तहत नियुक्त कई डाॅक्टर अपनी संविदा खत्म कर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं. इन डाॅक्टरों के जाने से जिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोना संक्रमितों के लिए बनाया गया था एल-1 अस्पताल
जिला मेमोरियल अस्पताल को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एल-1 अस्पताल बनाया गया था. पिछले माह ही जिल अस्पताल में दोबारा से ओपीडी की सेवा शुरू हो गई है.

6 डाॅक्टरों के भरोसे चल रहा अस्पताल
मेमोरियल अस्पताल के सीएमएस डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में आर्थोपेडिक सर्जन, डेंटल सर्जन, एएनटी सर्जन नहीं हैं. उन्होंने बताया कि 24 डॉक्टरों की अपेक्षा मौजूदा समय में अस्पताल में 6 डॉक्टर ही हैं. सीएमएस ने बताया कि हमारे पास स्टाफ नर्स नहीं है. संसाधनों का भी अभाव है, जिस कारण मरीजों को बाहर भेजना पड़ता है.

केवल ब्लड जांच की है सुविधा
डॉ.अरुण ने बताया कि अस्पताल में डिजिटल एक्स रे और अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा नहीं है. मौजूदा समय में सभी प्रकार के ब्लड जांच के लिए पैथोलॉजी संचालित है, जिससे किसी भी मरीज को ब्लड जांच के लिए बाहर न जाना पड़े.

कई बार सुविधाओं को लेकर लिखा जा चुका है पत्र
सीएमएस ने बताया कि अस्पताल में सुविधाओं और समस्याओं के समाधान के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है. अभी तक यहां की समस्याओं पर उच्च अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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