बलरामपुरः जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने ईटीवी भारत द्वारा प्रमुखता से चलाई ‘बलरामपुर में बगैर शिक्षकों के ही पढ़ाई कर रहे हजारों बच्चे’, खबरों का संज्ञान लिया है. इसके तहत 20 जिलास्तरीय अधिकारियों की टीम बनाकर 6 बिंदुओं पर 86 स्कूलों की जांच करवाई गई है. जिसमें कई स्कूलों में गड़बड़ी मिली. जबकि जिले के नौ ब्लॉकों के 86 स्कूलों में से 46 स्कूलों के शिक्षामित्र, प्रधानाचार्य और सहायक अध्यापक सहित कुल 38 अनुपस्थित मिले. जिला प्रशासन ने जहां-जहां विद्यालयों में कमियां पाई गई हैं. वहां-वहां के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों का एक-एक दिन का वेतन रोक दिया है.
इतने स्कूलों में हुआ निरीक्षण-
- छह बिंदुओं पर बलरामपुर विकासखंड के 10 स्कूलों का निरीक्षण करवाया गया.
- वहीं उतरौला और पचपेड़वा विकासखंड के 8-8 स्कूलों का हुआ निरीक्षण.
- गैसड़ी, हरैया, सतघरवा, श्रीदत्तगंज विकासखंड के 7-7 स्कूलों का निरीक्षण करवाया गया.
- रेहरा विकासखंड के 9 स्कूलों का तो वहीं तुलसीपुर विकास खंड के 16 और गैंडास बुजुर्ग विकासखंड के 14 स्कूलों का निरीक्षण करवाया गया.
स्कूलों की रही यह स्थिति-
- सभी विद्यालयों को मिलाकर अनुपस्थित प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और शिक्षामित्रों की संख्या 38 बताई जा रही है.
- खराब, निष्क्रिय शौचालयों की संख्या 21 बताई जा रही है.
- वहीं विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था के तहत हैंडपंप की स्थिति खराब है, खराब हैंडपंपों की संख्या 10 बताई गई.
- 3 विद्यालयों में एमडीएम के न वितरित होने की बात भी सामने आई है.
- इसके साथ ही 19 विद्यालय ऐसे मिले हैं, जहां पर एमडीएम के अंतर्गत फल एवं दूध वितरण न होने की बात सामने आ रही है.
- वहीं 8 विद्यालय ऐसे मिले हैं जिनमें साफ-सफाई और सेनिटेशन की व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई दिखाई देती है.
तकरीबन 20 जिला स्तरी अधिकारियों की टीम बना कर के 86 स्कूल की जांच कराई गई. उसमें 38 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए. इन लोगों को निर्देशित किया गया है, फिलहाल जो अनुपस्थित थे उनका एक दिन का वेतन काटा गया है, 15 से 20 दिन के बाद दोबारा जांच की जाएगी और ये पता किया जाएगा की अब क्या स्थिति है.
-कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी