बलरामपुर: जिले के तुलसीपुर थाना पुलिस ने रविवार को शिक्षा चयन आयोग की फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले दो फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों शिक्षक तुलसीपुर बसंतलाल इंटर कॉलेज में पिछले डेढ़ वर्षों से नौकरी कर रहे थे. फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी के बाद शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी करने वाले गोरखधंधे की पोल खुल गई है.
मिली जानकारी के अनुसार, तुलसीपुर के बसंतलाल इंटर कॉलेज में शिक्षा चयन आयोग के फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले गाजीपुर जिला निवासी चंद्रशेखर सिंह और सारनाथ जिला वाराणसी निवासी सुनील कुमार दिसंबर 2021 में शिक्षा चयन आयोग द्वारा नियुक्ति पत्र लेकर आए और बसंतलाल इंटर कॉलेज तुलसीपुर में जॉइन करने के लिए कहा. कॉलेज प्रबंधन ने दोनों के अंक पत्र और प्रमाणपत्रों की जांच करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर दोनों को जॉइन करा दिया. वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर जिला विद्यालय कार्यालय द्वारा आयोग से नियुक्तियों की मिलान करने पर कई शिक्षक फर्जी पाए गए. इस पर विद्यालय निरीक्षक द्वारा फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए गए. इस पर बसंतलाल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अशोक कुमार पाण्डेय की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस ने दोनों फर्जी शिक्षकों को तुलसीपुर बलरामपुर मार्ग पर स्थित एक ढाबे से गिरफ्तार कर लिया.
दोनों फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी के बाद शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया है. पुलिस फर्जी नियुक्ति के आधार पर नौकरी हथियाने वाले फर्जी शिक्षकों की कुंडली तलाश रही है. इस बात की भी पूरी संभावना है कि कोई गिरोह है जो शिक्षा आयोग का फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर लोगों को दे रहा है. इसके आधार पर फर्जी शिक्षक नौकरी हासिल कर रहे हैं. जिले में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले कई शिक्षकों पर तलवार लटकने लगी है.
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