बलरामपुर: जिले में दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. अब तक करीब 18,000 मजदूर जिले में आ चुके हैं, जिन्हें विभिन्न विद्यालयों में क्वारंटाइन किया जा चुका है. बॉर्डर पर इन मजदूरों की स्क्रीनिंग करने वाली टीम लगातार मेडिकल जांच करने के साथ-साथ नाम, पता, मोबाइल नंबर भी नोट कर रही है.
परेशान नजर आ रहे कोरोना वॉरियर्स
बॉर्डर पर काम करने वाले ये कोरोना वॉरियर्स अब परेशान नजर आ रहे हैं, क्योंकि स्क्रीनिंग के कार्य में लगी हेल्थ टीम को समुचित साधन के अभाव में हाई रिस्क पर काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है. बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों को लंच पैकेट बांटने पहुंचे सदर विधायक पलटू राम से भी ड्यूटी में लगे कर्मचारियों ने शिकायत की और अपनी समस्याओं से अवगत करवाया. जिस पर विधायक ने उन्हें अपने खर्च पर मास्क उपलब्ध करवाने व उनके सुरक्षा के लिए प्रशासन से बात करने की बात कही है.
हजारों की संख्या में आ रहे प्रवासी मजदूर
बलरामपुर जिले में आठ सीमा चौकियां बनाई गई हैं, जो अन्य जिलों की सीमाओं पर पड़ती है. उनमें से सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाली सीमा बलरामपुर गोंडा रोड पर स्थित बहादुरपुर के पास है. जहां पर लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने आना शुरू कर दिया था.
इस सीमा पर मजदूरों का नाम, पता, मोबाइल नंबर नोट करने के साथ-साथ यहां पर उन्हें मेडिकल चेकअप और भोजन देने की व्यवस्था भी है. यहां पर काम करने वाले शिक्षक, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग व पुलिस विभाग के लोगों के पास समुचित सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं है.
कर्मचारियों ने बतायी परेशानी
यहां ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि हमारे पास तमाम तरह की दिक्कतें हैं. मास्क, हैंड सैनिटाइजर, हैंड ग्लव्स हमारे पास उपलब्ध नहीं है. हम लोग अपनी जान जोखिम में डालकर यहां पर काम करने को मजबूर हैं. किसी भी तरह की सुरक्षात्मक सुविधा हम लोगों को जिला प्रशासन से अभी तक प्राप्त नहीं हुई है.
जल्द दूर होगी समस्या
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने पूरे मामले कहा कि बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों की जो भी समस्या है उस पर सीएमओ डॉ. घनश्याम सिंह से बात करके समाधान करने के लिए कहूंगा. इससे पहले भी उन्हें सुरक्षा के दृष्टिकोण से तमाम चीजें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं.