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यूपी में कहां है कानून व्यवस्था, यहां तो जंगलराज कायम है: आराधना मिश्रा

यूपी के बलरामपुर जिले में युवती के साथ हुई दरिंदगी के बाद तमाम राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. इसी कड़ी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी की विधानमंडल दल की नेता और प्रभारी आराधना मिश्रा 'मोना' पीड़ित परिवार से मिलने बलरामपुर पहुंचीं.

कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा.
कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा.
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Published : Oct 6, 2020, 2:55 AM IST

बलरामपुर: जिले में एक युवती के साथ हुई दरिंदगी के बाद तमाम राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही इस घटना के जरिए मौजूदा सरकार को घेरने की कोशिश की है. इसके साथ ही गैंसड़ी कोतवाली में स्थित पीड़िता के गांव पहुंचकर राजनीतिक दलों के लोगों ने पीड़ित परिवार को न केवल मदद का भरोसा दिलाया, बल्कि न्याय मिलने तक लड़ी जाने वाली लड़ाई में उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की भी बात कही. इसी कड़ी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी की विधानमंडल दल की नेता और प्रभारी आराधना मिश्रा मोना पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचीं. यहां उन्होंने पीड़ित परिवार के लोगों से मुलाकात की और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया.

जानकारी देती कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा.

पीड़ित परिवार से मुलाक़ात के बाद ईटीवी भारत ने आराधना मिश्रा से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में हुई घटनाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. वहीं, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की घटनाओं पर अपनी पार्टी का बचाव करती नजर आईं.

प्रतिनिधिमंडल दल की अगुवाई कर रही विधानमंडल दल की नेता और आराधना मिश्रा 'मोना' के साथ तनुज पुनिया और अन्य सदस्यों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर न्याय का भरोसा दिलाया. प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार को बंद लिफाफे में आर्थिक मदद भी दी. साथ ही पीड़ित परिवार की लड़ाई हर स्तर तक लड़ने की बात भी कही.

आराधना मिश्रा ने घटना के बारे में ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि हाथरस में बिटिया की चिता शांत भी नहीं हुई थी कि उसी तरह की एक वीभत्स घटना बलरामपुर की बेटी के साथ भी हुई. उन्होंने कहा, "हम लोग आज यहां आएं हैं. पीड़ित परिवार से मिले हैं. घटना के बाद परिवार बहुत दुःखी है. परिवार के लोगों ने बताया कि किस तरह से उनकी बेटी के साथ दरिंदगी की गयी. वह बेटी अपने कॉलेज में एडमिशन के लिए गई हुई थी. वह शाम तक घर नहीं लौटी. जब लौटी तो वह विक्षिप्त और अव्यवस्थित स्थिति में लौटी. उस बेटी के साथ सुबह से शाम के बीच क्या हुआ, किन लोगों ने इलाज किया, कौन-कौन सी दवा उन्हें दी गई. ये बड़े सवाल हैं, जिनका जवाब मिलना चाहिए."

आराधना ने कहा कि यहां के स्थानीय प्रशासन के लोगों ने दो मुख्य आरोपियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है, पर परिवार चाहता है कि कुछ और लोग इसमें शामिल हो सकते हैं. उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए. मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए.

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था है ही कहां, जो इस पर नजर बनाई जाए? कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और जंगलराज यहां पर कायम है. उत्तर प्रदेश में जंगलराज का उदाहरण इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता कि हाथरस में विपक्षी दलों और मीडिया को घुसने तक नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि हाथरस में जिस तरह से पीड़ित परिवार से लोगों को मिलने से रोका गया, वह पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ है. परिवार को किससे मिलना है, किससे अपना दुख दर्द बांटना है, यह तय करने का अधिकार मुझे लगता है केवल और केवल परिवार को है. परिवार अपना दर्द किससे कहेगा, किससे नहीं कहेगा यह निर्णय सरकारें नहीं ले सकती है या यह जिला प्रशासन नहीं बता सकता.

आराधना मिश्रा ने कहा कि हाथरस में बेटी के शव को 2:30 बजे रात में जलवा दिया गया. हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद शव को जलाने की कोई रीति नहीं है. इन परिस्थितियों में पुलिस वालों ने 2:30 बजे रात को मिट्टी का तेल और पेट्रोल डालकर हाथरस की बेटी की चिता को जला दिया. परिवार को उसका मुंह तक नहीं देखने दिया गया. इसके बाद कोई और प्रमाण रह जाता है कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज नहीं है?

छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए दुष्कर्म के बाद प्रमुख विपक्षी दल भाजपा द्वारा वहां के नेताओं और अधिकारियों पर लगाए जा रहे आरोपों के सवाल के जवाब देते हुए आराधना मिश्रा ने ईटीवी भारत से कहा कि इसका इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि मैं प्रदेश मुख्यालय लखनऊ से तकरीबन 400 किलोमीटर दूर इस गांव में पीड़ित परिवार और आपके साथ खड़ी हूं. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के जितने भी बड़े नेता हैं, उन्हें बारां जाने से किसने रोका. मुख्यमंत्री ने तो प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि आप आइए यहां पर, मिलिए पीड़ित परिवार से. दरअसल यह वह लोग हैं, जो एयरकंडीशन वाले कमरों में बैठकर यह तय करना चाहते हैं कि कहां की घटना बड़ी है और कहां की घटना छोटी है.

छत्तीसगढ़ के मंत्री के विवादित बयान के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए, मैं इस बारे में केवल इतना कहना चाहती हूं कि बेटी चाहे छत्तीसगढ़ की हो, चाहे राजस्थान की हो, चाहे उत्तर प्रदेश की हो. बेटी देश की होती है. बेटियों का सम्मान सबसे पहले है और बेटियों का सम्मान करते हुए ही कोई बयान देना चाहिए.

इससे पहले मीडिया के लोगों से बात करते हुए आराधना मिश्रा ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार ने नारा दिया था कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' आज अगर कोई सबसे ज्यादा पीड़ित हो रहा है तो वो है यूपी की बेटियां. उन्होंने कहा कि बलरामपुर में हुई घटना को मैं और दु:खद मानती हूं क्योकि जब हाथरस में एक बेटी की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी. उसी 24 घण्टे के भीतर उसी तरह ही एक घटना बलरामपुर में हुई.

आराधना मिश्रा ने कहा कि परिवार से मिलकर दु:खी मन से मैंने संवेदना व्यक्त की है. कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रियंका गांधी के निर्देश पर यह प्रतिनिधिमंडल आया है. जो आश्वस्त करता है कि जिस तरह हाथरस की बेटी के लिये हमने संघर्ष किया है, उसी तरह बलरामपुर की बेटी को भी उसका अधिकार व न्याय दिलाने के लिए हम वचनबद्ध हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवार की मांग के बारे में बात करते हुए कहा कि इस परिवार ने केस को फास्ट ट्रैक में चलाने, 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और 1 सरकारी नौकरी की मांग की है. मैं इन मांगों को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री जी के सामने रखूंगी.

बलरामपुर: जिले में एक युवती के साथ हुई दरिंदगी के बाद तमाम राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही इस घटना के जरिए मौजूदा सरकार को घेरने की कोशिश की है. इसके साथ ही गैंसड़ी कोतवाली में स्थित पीड़िता के गांव पहुंचकर राजनीतिक दलों के लोगों ने पीड़ित परिवार को न केवल मदद का भरोसा दिलाया, बल्कि न्याय मिलने तक लड़ी जाने वाली लड़ाई में उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की भी बात कही. इसी कड़ी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर कांग्रेस पार्टी की विधानमंडल दल की नेता और प्रभारी आराधना मिश्रा मोना पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचीं. यहां उन्होंने पीड़ित परिवार के लोगों से मुलाकात की और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया.

जानकारी देती कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा.

पीड़ित परिवार से मुलाक़ात के बाद ईटीवी भारत ने आराधना मिश्रा से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में हुई घटनाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. वहीं, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की घटनाओं पर अपनी पार्टी का बचाव करती नजर आईं.

प्रतिनिधिमंडल दल की अगुवाई कर रही विधानमंडल दल की नेता और आराधना मिश्रा 'मोना' के साथ तनुज पुनिया और अन्य सदस्यों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर न्याय का भरोसा दिलाया. प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार को बंद लिफाफे में आर्थिक मदद भी दी. साथ ही पीड़ित परिवार की लड़ाई हर स्तर तक लड़ने की बात भी कही.

आराधना मिश्रा ने घटना के बारे में ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि हाथरस में बिटिया की चिता शांत भी नहीं हुई थी कि उसी तरह की एक वीभत्स घटना बलरामपुर की बेटी के साथ भी हुई. उन्होंने कहा, "हम लोग आज यहां आएं हैं. पीड़ित परिवार से मिले हैं. घटना के बाद परिवार बहुत दुःखी है. परिवार के लोगों ने बताया कि किस तरह से उनकी बेटी के साथ दरिंदगी की गयी. वह बेटी अपने कॉलेज में एडमिशन के लिए गई हुई थी. वह शाम तक घर नहीं लौटी. जब लौटी तो वह विक्षिप्त और अव्यवस्थित स्थिति में लौटी. उस बेटी के साथ सुबह से शाम के बीच क्या हुआ, किन लोगों ने इलाज किया, कौन-कौन सी दवा उन्हें दी गई. ये बड़े सवाल हैं, जिनका जवाब मिलना चाहिए."

आराधना ने कहा कि यहां के स्थानीय प्रशासन के लोगों ने दो मुख्य आरोपियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है, पर परिवार चाहता है कि कुछ और लोग इसमें शामिल हो सकते हैं. उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए. मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए.

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था है ही कहां, जो इस पर नजर बनाई जाए? कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और जंगलराज यहां पर कायम है. उत्तर प्रदेश में जंगलराज का उदाहरण इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता कि हाथरस में विपक्षी दलों और मीडिया को घुसने तक नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि हाथरस में जिस तरह से पीड़ित परिवार से लोगों को मिलने से रोका गया, वह पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ है. परिवार को किससे मिलना है, किससे अपना दुख दर्द बांटना है, यह तय करने का अधिकार मुझे लगता है केवल और केवल परिवार को है. परिवार अपना दर्द किससे कहेगा, किससे नहीं कहेगा यह निर्णय सरकारें नहीं ले सकती है या यह जिला प्रशासन नहीं बता सकता.

आराधना मिश्रा ने कहा कि हाथरस में बेटी के शव को 2:30 बजे रात में जलवा दिया गया. हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद शव को जलाने की कोई रीति नहीं है. इन परिस्थितियों में पुलिस वालों ने 2:30 बजे रात को मिट्टी का तेल और पेट्रोल डालकर हाथरस की बेटी की चिता को जला दिया. परिवार को उसका मुंह तक नहीं देखने दिया गया. इसके बाद कोई और प्रमाण रह जाता है कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज नहीं है?

छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए दुष्कर्म के बाद प्रमुख विपक्षी दल भाजपा द्वारा वहां के नेताओं और अधिकारियों पर लगाए जा रहे आरोपों के सवाल के जवाब देते हुए आराधना मिश्रा ने ईटीवी भारत से कहा कि इसका इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि मैं प्रदेश मुख्यालय लखनऊ से तकरीबन 400 किलोमीटर दूर इस गांव में पीड़ित परिवार और आपके साथ खड़ी हूं. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के जितने भी बड़े नेता हैं, उन्हें बारां जाने से किसने रोका. मुख्यमंत्री ने तो प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि आप आइए यहां पर, मिलिए पीड़ित परिवार से. दरअसल यह वह लोग हैं, जो एयरकंडीशन वाले कमरों में बैठकर यह तय करना चाहते हैं कि कहां की घटना बड़ी है और कहां की घटना छोटी है.

छत्तीसगढ़ के मंत्री के विवादित बयान के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए, मैं इस बारे में केवल इतना कहना चाहती हूं कि बेटी चाहे छत्तीसगढ़ की हो, चाहे राजस्थान की हो, चाहे उत्तर प्रदेश की हो. बेटी देश की होती है. बेटियों का सम्मान सबसे पहले है और बेटियों का सम्मान करते हुए ही कोई बयान देना चाहिए.

इससे पहले मीडिया के लोगों से बात करते हुए आराधना मिश्रा ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार ने नारा दिया था कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' आज अगर कोई सबसे ज्यादा पीड़ित हो रहा है तो वो है यूपी की बेटियां. उन्होंने कहा कि बलरामपुर में हुई घटना को मैं और दु:खद मानती हूं क्योकि जब हाथरस में एक बेटी की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी. उसी 24 घण्टे के भीतर उसी तरह ही एक घटना बलरामपुर में हुई.

आराधना मिश्रा ने कहा कि परिवार से मिलकर दु:खी मन से मैंने संवेदना व्यक्त की है. कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रियंका गांधी के निर्देश पर यह प्रतिनिधिमंडल आया है. जो आश्वस्त करता है कि जिस तरह हाथरस की बेटी के लिये हमने संघर्ष किया है, उसी तरह बलरामपुर की बेटी को भी उसका अधिकार व न्याय दिलाने के लिए हम वचनबद्ध हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवार की मांग के बारे में बात करते हुए कहा कि इस परिवार ने केस को फास्ट ट्रैक में चलाने, 1 करोड़ रुपये का मुआवजा और 1 सरकारी नौकरी की मांग की है. मैं इन मांगों को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री जी के सामने रखूंगी.

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