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बलरामपुर : बिना नोटिस के गिरा दिया घर, PWD के 6 कर्मियों पर केस दर्ज

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के देवीपाटन में पुलिस ने बिना नोटिस के दलितों का घर गिराने के आरोप में लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता सहित 6 कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं सकी है.

बिना नोटिस के गिरा दिया घर.
बिना नोटिस के गिरा दिया घर.
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Published : Sep 3, 2020, 9:06 AM IST

बलरामपुर : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के देवीपाटन में पुलिस ने बिना नोटिस के दलितों के घर गिराने के आरोप में लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता सहित 6 कर्मचारियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है. आरोप है कि बिना किसी सूचना के लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता बेचन राम, जेई डीएन श्रीवास्तव, अनुपम कुमार, मेघ प्रकाश, अनुचर प्रमोद तथा वहीं के निवासी राजेश तिवारी घर पर पहुंचे और महिलाओं के विरोध करने के बाद भी जबरन उनका घर ढ़हा दिया.

पूरा मामला जिले के तुलसीपुर थाना क्षेत्र के सिरिया नाले के पास देवीपाटन क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. यहां के हर्रैया तुलसीपुर मार्ग के पास 5 लोग पक्का मकान बनाकर रह रहे थे. ये सभी व्यक्ति आदिशक्ति मां देवी पाटन शक्तिपीठ मंदिर में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात हैं. इस मंदिर के संरक्षक सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. जानकारी के अनुसार 27 अगस्त को मुख्यमंत्री के संभावित दौरे को लेकर सफाई करने के लिए सभी सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगी थी. वहीं घर में सिर्फ महिलाएं थीं.

आरोप है कि बिना किसी सूचना के लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता बेचन राम, जेई डीएन श्रीवास्तव, अनुपम कुमार, मेघ प्रकाश, अनुचर प्रमोद तथा वहीं के निवासी राजेश तिवारी घर पर पहुंचे और महिलाओं के विरोध के बाद भी जबरन उन सबका घर गिरा दिया गया. आरोप ये भी है कि इस दौरान लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने महिलाओं से अभद्रता करते हुए उन्हें जाति सूचक गालियां भी दीं.

वहीं इस मामले में पीड़ितों की तहरीर पर तुलसीपुर थाने में लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता बेचन राम, जेई डीएन श्रीवास्तव, अनुपम कुमार, मेघ प्रकाश, अनुचर प्रमोद व राजेश तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच की जा रही है. दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आप को बता दें कि किसी भी मकान को गिराने के लिए पूर्व में नोटिस दी जाती है. इसके अलावा थाना, स्थानीय तहसील प्रशासन को भी मामले की सूचना दी जाती है. लेकिन इस मामले में लोक निर्माण विभाग के द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई थी, और जबरन मकान गिरा दिया गया. हालांकि अभी तक किसी दोषी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. फिलहाल पुलिस मामले की छानबिन कर रही है.

बलरामपुर : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के देवीपाटन में पुलिस ने बिना नोटिस के दलितों के घर गिराने के आरोप में लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता सहित 6 कर्मचारियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है. आरोप है कि बिना किसी सूचना के लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता बेचन राम, जेई डीएन श्रीवास्तव, अनुपम कुमार, मेघ प्रकाश, अनुचर प्रमोद तथा वहीं के निवासी राजेश तिवारी घर पर पहुंचे और महिलाओं के विरोध करने के बाद भी जबरन उनका घर ढ़हा दिया.

पूरा मामला जिले के तुलसीपुर थाना क्षेत्र के सिरिया नाले के पास देवीपाटन क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. यहां के हर्रैया तुलसीपुर मार्ग के पास 5 लोग पक्का मकान बनाकर रह रहे थे. ये सभी व्यक्ति आदिशक्ति मां देवी पाटन शक्तिपीठ मंदिर में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात हैं. इस मंदिर के संरक्षक सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं. जानकारी के अनुसार 27 अगस्त को मुख्यमंत्री के संभावित दौरे को लेकर सफाई करने के लिए सभी सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगी थी. वहीं घर में सिर्फ महिलाएं थीं.

आरोप है कि बिना किसी सूचना के लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता बेचन राम, जेई डीएन श्रीवास्तव, अनुपम कुमार, मेघ प्रकाश, अनुचर प्रमोद तथा वहीं के निवासी राजेश तिवारी घर पर पहुंचे और महिलाओं के विरोध के बाद भी जबरन उन सबका घर गिरा दिया गया. आरोप ये भी है कि इस दौरान लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने महिलाओं से अभद्रता करते हुए उन्हें जाति सूचक गालियां भी दीं.

वहीं इस मामले में पीड़ितों की तहरीर पर तुलसीपुर थाने में लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता बेचन राम, जेई डीएन श्रीवास्तव, अनुपम कुमार, मेघ प्रकाश, अनुचर प्रमोद व राजेश तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच की जा रही है. दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

आप को बता दें कि किसी भी मकान को गिराने के लिए पूर्व में नोटिस दी जाती है. इसके अलावा थाना, स्थानीय तहसील प्रशासन को भी मामले की सूचना दी जाती है. लेकिन इस मामले में लोक निर्माण विभाग के द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई थी, और जबरन मकान गिरा दिया गया. हालांकि अभी तक किसी दोषी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. फिलहाल पुलिस मामले की छानबिन कर रही है.

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