बलरामपुर: ट्रक और बस चालकों की हड़ताल के दौरान पेट्रोल पंपों पर मची अफरातफरी को देखते हुए की गई जमाखोरी पेट्रोल पंप मालिक पर भारी पड़ गई. बलरामपुर जिलाधिकारी के निर्देश पर पेट्रोल पंपों पर की गई छापेमारी में डीजल जमाखोरी मिलने पर नगर कोतवाली में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसमें एक पेट्रोल पंप के स्वामी और प्रबंधक भी शामिल हैं.
जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि ट्रक और बस चालकों की हड़ताल के कारण दो जनवरी को नगर के कुछ पेट्रोल पंपों पर जमाखोरी करने के उद्देश्य से पेट्रोल डीजल न बेचकर सुरक्षित रख लिया गया था. शिकायत मिलने पर कई पेट्रोल पंपों की जांच की गई. इसी के तहत बलरामपुर नगर के वीर विनय चौराहे पर स्थित सिंह मोटर स्टोर पर पहुंच कर जांच की गई तो वहां पर पेट्रोल पंप बंद पाया गया.
जांच के दौरान रिटेल आउटलेट पर 13.904 डीजल उपलब्ध पाया गया. बावजूद इसके पंप धारक द्वारा ग्राहकों को डीजल की बिक्री नहीं की गई. डिस्पेंसिंग यूनिट के पास पेट्रोल पंप खर्च होने की हस्तलिखित पर्ची चस्पा कर दी गई थी. बिक्री ना किए जाने के कारण पंप पर काफी भीड़ जमा हो गई थी, जबकि पेट्रोल पंप के भूमिगत टैंक में 13000 से अधिक लीटर डीजल उपलब्ध था.
पंप परिसर की बिजली बंद करके अंधेरा कर दिया गया था. पेट्रोल डीजल न मिलने के कारण उपभोक्ता परेशान रहे और सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाई गई. इसके चलते अन्य पेट्रोल पंपों पर भी अफरातफरी मच गई. जबकि वर्किंग आवर के दौरान डीजल नहीं दिया गया. साथ ही जांच टीम को पेट्रोल पंप के मालिक तथा कर्मचारियों द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया.
उप जिलाधिकारी राजेंद्र बहादुर ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर पम्प स्वामी विष्णु अग्रवाल, उनकी पत्नी संगीता अग्रवाल, वी डिटेल आउटलेट के प्रबंधक सूरज दुबे के खिलाफ जांच टीम के सदस्य जिलापूर्ति अधिकारी मुकेश कुमार पांडेय की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है.