बलरामपुर: जिले के 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 206 एनम सेंटर में उपयोग होने वाले सीरिंज, निडिल, दवाइयों और इंजेक्शन बॉयल के बायो मेडिकल वेस्ट (कचरे) को स्वास्थ्य केंद्रों के पीछे वाले हिस्से में यूं ही फेंक दिया जाता है. जो गंभीर बीमीरियों को जन्म देता है.
क्या है पूरा मामला
- जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैसड़ी, पचपेड़वा, उतरौला, नंदनगर जैसे सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बायो मेडिकल वेस्ट को कहीं भी फेंक दिया जाता है.
- एनजीटी ने इसके निस्तारण के लिए उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से लेकर जिले में तैनात सीएमओ आदि अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी.
- इसके बाद जिले के अधिकारियों ने कागजों में यह सुनिश्चित किया कि सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बायो मेडिकल वेस्ट का एक कमरा बनाया जाएगा.
- जहां पर उसे समुचित ढंग से इकट्ठा करके कूड़ा निस्तारण वाली कंपनी को सुपुर्द कर दिया जाएगा.
- इसके बाद कंपनी बड़े-बड़े प्लांट्स में ले जाकर उन्हें सही ढंग से निस्तारित कर देगी. लेकिन ऐसा केवल कागजों में ही होता नजर आ रहा है.
बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए सभी एमओआईसीरज व पीएचसी प्रभारियों को नोटिस जारी कर दी गई है. अब उनके द्वारा निस्तारण के लिए व्यवस्था को सुनिश्चित कराना जरूरी हो गया है. हमने यहां से आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन जो अधिकारी इन आदेशों को नहीं मानते हैं. वह खुद भुक्तभोगी होंगे. हम उनके खिलाफ आने वाले समय में कार्रवाई भी करेंगे.
डॉ. घनश्याम सिंह, सीएमओ