बलरामपुर: नेपाल की खुली हुई सीमा की संवेदनशीलता को देखते हुए साथ ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने अभिनव प्रयोग करते हुए ऑपरेशन कवच की शुरुआत की है. इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने नेपाल सीमा से सटे 42 गावों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाया है. इन गावों में ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है.
इंडो-नेपाल के अन्तर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र अंतर्गत सीमा से सटे 42 गांव की भौगोलिक स्थिति प्राथमिक सूचनाओं का संकलन, जनसांख्यिकी, प्रवासन, मानव तस्करी, मादक पदार्थो की तस्करी, वन्य जीवों के अंगो को तस्करी , राष्टीय सुरक्षा संबंधी चुनौतियां के प्रति गांव में निवास कर रहे व्यक्तियों की जानकारी के लिए एकीकृत समन्वित सिक्योरिटी सर्वे टीम बनाई गई है. नेपाल सीमा से सटे इलाकों में राष्ट विरोधी तत्वों, वनों की अवैध कटान, वन जीवों का शिकार, मादक पदार्थों की तस्करी एवं अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए ड्रोन केमरों की मदद भी ली जा रही है.
पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने बताया कि एकीकृत समन्वित बॉर्डर सिक्योरिटी सर्वे टीम को विशेषकृत कार्य संपादित करने के प्रभारी एएचटीयू मय टीम, थाना कोतवाली जरवा पुलिस टीम, थाने के हल्का प्रभारी, बीट पुलिस अधिकारी, महिला बीट पुलिस अधिकारी, क्षेत्र के स्थानीय अभिसूचना इकाई के कर्मी की संयुक्त टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसमे सीमा से सटे 42 गावों में पहुंचकर ग्राम प्रधान ,चौकीदार तथा गांव के सुरक्षा समिति के सदस्यों के साथ पंचायत भवन में बैठक कर गांव की मूलभूत सूचनाओं को प्राप्त कर संकलित किया जा रहा है.
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पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने बताया कि सर्वे टीम द्वारा ग्राम प्रधान और चौकीदार के साथ संपूर्ण गांव का भ्रमण तथा धार्मिक स्थलों का भौतिक सत्यापन कर समस्त छोटे बड़े मार्गों का भ्रमण किया जा रहा है. नेपाल से आने जाने वाले समस्त रास्तों, पगडंडियों की जानकारी करने के विशेष निर्देश दिए गए है. साथ ही चौपाल का आयोजन कर उनकी समस्याओं पर चर्चा कर उनके निस्तारण तथा शासन द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न जन कल्याण कारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है. 42 गावों में टीम बनाकर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही सभी को महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों एवं संबंधित पुलिस अधिकारियों एवं प्रशासन के नंबरों के के बारे मे भी जानकारी दी जा रही है. इस कवच अभियान से नेपाल सीमा से सटे 42 गावों की संपूर्ण जानकारी पुलिस और सुरक्षा एजंसियों को मिल सकेगी. आने वाले समय में इसका फायदा पुलिस प्रशासन को मिल सकेगा. यह अभियान भारत नेपाल सीमा की सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
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