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बलरामपुर अस्पताल: डॉक्टरों ने दिया सफल ऑपरेशन को अंजाम, 2 किडनी के बीच फंसी पथरी निकाली - patient relief from ayushman bharat yojana

केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में इस योजना के तहत एक मरीज की सर्जरी कर उसकी जान बचाई गई. दरअसल, मरीज की दोनों किडनी आपस में चिपकी हुई थी, जिसकी वजह से ऑपरेशन मुश्किल माना जा रहा था.

डॉ. राजीव लोचन, निदेशक बलरामपुर अस्पताल.
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Published : Jul 27, 2019, 6:26 PM IST

लखनऊ: राजधानी के मोहनलालगंज के रहने वाले लवकुश को एक गंभीर बीमारी थी. बीमारी के चलते उसकी दोनों किडनी आपस में चिपकी हुई थी. इन्हीं दोनों किडनी के बीच में पथरी फंसी हुई थी. कई अस्पतालों में दिखाया गया, लेकिन सभी ने उसे इलाज देने से मना कर दिया. मरीज को केजीएमयू भी रेफर किया गया, लेकिन वहां पर डॉक्टर इलाज देने के बजाय उसे दौड़ाते रहे. बाद में मरीज को बलरामपुर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन किया.

जानकारी देते बलरामपुर अस्पताल के निदेशक.

जानें मरीज के सफल ऑपरेशन पर क्या बोले अस्पताल के निदेशक

  • मरीज के सफल ऑपरेशन की जानकारी बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने साझा की.
  • डॉ. राजीव लोचन बताया कि दोनों किडनी के बीच पथरी फंसी होने से मामला बहुत गंभीर था.
  • ऑपरेशन में जरा सी लापरवाही में भी मरीज की जान भी जा सकती थी.
  • मोहनलालगंज के रहने वाले लवकुश के दोनों किडनी चिपकी हुई थी और उनके बीच में पथरी फंसी हुई थी.
  • करीब छह दिन पहले मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ था.
  • डॉक्टरों ने जांच के बाद ऑपरेशन करने का फैसला किया.
  • करीब एक घंटे चले ऑपरेशन के बाद किडनी के बीच में फंसी पथरी को निकाल दिया गया.
  • इस पूरे ऑपरेशन का खर्च आयुष्मान भारत योजना के तहत उठाया गया है.

लखनऊ: राजधानी के मोहनलालगंज के रहने वाले लवकुश को एक गंभीर बीमारी थी. बीमारी के चलते उसकी दोनों किडनी आपस में चिपकी हुई थी. इन्हीं दोनों किडनी के बीच में पथरी फंसी हुई थी. कई अस्पतालों में दिखाया गया, लेकिन सभी ने उसे इलाज देने से मना कर दिया. मरीज को केजीएमयू भी रेफर किया गया, लेकिन वहां पर डॉक्टर इलाज देने के बजाय उसे दौड़ाते रहे. बाद में मरीज को बलरामपुर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन किया.

जानकारी देते बलरामपुर अस्पताल के निदेशक.

जानें मरीज के सफल ऑपरेशन पर क्या बोले अस्पताल के निदेशक

  • मरीज के सफल ऑपरेशन की जानकारी बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने साझा की.
  • डॉ. राजीव लोचन बताया कि दोनों किडनी के बीच पथरी फंसी होने से मामला बहुत गंभीर था.
  • ऑपरेशन में जरा सी लापरवाही में भी मरीज की जान भी जा सकती थी.
  • मोहनलालगंज के रहने वाले लवकुश के दोनों किडनी चिपकी हुई थी और उनके बीच में पथरी फंसी हुई थी.
  • करीब छह दिन पहले मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ था.
  • डॉक्टरों ने जांच के बाद ऑपरेशन करने का फैसला किया.
  • करीब एक घंटे चले ऑपरेशन के बाद किडनी के बीच में फंसी पथरी को निकाल दिया गया.
  • इस पूरे ऑपरेशन का खर्च आयुष्मान भारत योजना के तहत उठाया गया है.
Intro:राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में आयुष्मान भारत के तहत मरीज को जटिल सर्जरी कर उसकी जान बचाई गई। इस मरीज की दोनों किडनी आपस में चिपकी हुई थी। इसके वजह से यह ऑपरेशन जटिल माना जा रहा था। हालांकि आयुष्मान भारत के तहत इस मरीज का इलाज किया गया है।




Body:बलरामपुर अस्पताल में मोहनलालगंज से लवकुश को एक गंभीर बीमारी थी। दरअसल इस बीमारी के तहत उसकी दोनों किडनी आपस में चिपकी हुई थी। जिसके बीच में पथरी फंसी हुई थी कि सरकार री अस्पतालों में दिखाया गया जहां पर इन सभी अस्पतालों ने उसे इलाज देने से मना कर दिया। डॉक्टरों ने मरीज को केजीएमयू भी रेफर कर दिया। वहां पर मरीज को डॉक्टर कर्मचारी के लिए दौड़ाते रहे। इसके बाद राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में जटिल ऑपरेशन करके पथरी को निकाल दिया गया है। इस पूरे मामले की जानकारी निदेशक डॉ राजीव लोचन ने हमसे साझा करी। उन्होंने बताया कि दोनों किडनी के बीच पथरी फंसी होने से मामला बहुत गंभीर था और जरा सी लापरवाही में मरीज की जान भी जा सकती थी।
दरअसल मोहनलालगंज के रहने वाले लवकुश के दोनों किडनी चिपकी हुई थी और उनके बीच में पथरी फंसी हुई थी। मरीज द्वारा कई अस्पतालों के चक्कर लगाए गए। डॉक्टरों ने जांच रिपोर्ट देखने के बाद मामला गंभीर देख उसे केजीएमयू भी रेफर किया था। करीब 6 दिन पहले मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ डॉक्टरों ने जांच पड़ताल कर आने के बाद ऑपरेशन का फैसला लिया। करीब 1 घंटे चले ऑपरेशन के बाद किडनी के बीच में पथरी फंसी को निकाल दिया गया। इस पूरे सर्जरी की खास बात यह है कि यह पूरा इलाज बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टर द्वारा इस कठिन ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और या पूरा आयुष्मान भारत योजना के तहत सारा खर्चा उठाया गया है।


बाइट- डॉ राजीव लोचन, निदेशक, बलरामपुर असपताल




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
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