बलरामपुर: जिले के गैंसड़ी कोतवली अंतर्गत एक ग्रामसभा में बीते दिनों नशीला इंजेक्शन देकर एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी. इसके बाद पीड़िता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मामले में मृतका के गांव में एक और दो अक्टूबर को राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं और मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा रहा. गांव में पुलिस, नेताओं और मीडिया को छोड़कर सन्नाटा पसरा है. 30 सितंबर की रात को ही पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया. पीड़िता के भाई ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि शव जलाने के लिए दबाव बनाया गया था.
थाना कोतवाली गैसड़ी के एक गांव में 29 सितंबर को एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया. छात्रा अपना एडमिशन करवाने के लिए डिग्री कॉलेज में गई हुई थी, जहां से उसका अपहरण किया गया और फिर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. घटना के बाद इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई थी. 30 सितंबर को रात को तकरीबन 9:30 बजे थाना जरवा, थाना पचपेड़वा, थाना गैंसड़ी और पीएसी की मौजूदगी में शव को परिजनों द्वारा एक श्मसान घाट पर जला दिया गया.
पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
बलरामपुर पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गांव के ही शाहिद और साहिल नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों को धारा-366, 376-डी, 302 और एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया. साथ ही अब तक पूछताछ के लिए तकरीबन 8 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया. वहीं इन गिरफ्तार लोगों में छात्रा को घर तक पहुंचाने वाला ई-रिक्शा चालक और दवा करने के लिए जाने वाला एक कंपाउंडर भी शामिल है.
मृत छात्रा की मां ने आरोपियों पर छात्रा की कमर और पैर तोड़ने का भी आरोप लगाया था. पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने इस आरोप को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर झूठा बताया है, जबकि मां अभी भी अपने बयान पर कायम है. एसपी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि मृत छात्रा की मां अपने उस बयान पर तीसरे व चौथे दिन भी कायम है.
बीते दिनों मृतक दलित छात्रा के गांव में अधिकारियों से लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का जमावड़ा पूरे दिन लगा रहा. जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश व पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने देवीपाटन महंत मिथलेशनाथ योगी के साथ पीड़ित के घर जाकर करीब 6 लाख 18 हजार रुपये की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा. साथ ही सरकार से भी सहायता दिलाये जाने का आश्वासन दिया. पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता, एक व्यक्ति को नौकरी और एक बीघा जमीन का आवासीय पट्टा दिलाने की बात जिला प्रशासन कर रहा है.
दूसरी तरफ मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश भी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल लगातार कर रहे हैं. सपा, बसपा सत्ताधारी पार्टी बीजेपी व अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नेताओं और विधायकों समेत सभी दलों के लोगों ने गांव में पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें न्याय दिलाने का ढांढस बंधाया. वहीं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्विट करके घटना की कड़े शब्दों में निंदा की. साथ ही योगी सरकार को इस जघन्य अपराध के लिए कटघरे में खड़ा करने का काम किया है.
पीड़िता ने अपनी मां को बताई थी आपबीती
पीड़ित मां ने बताया कि जब 29 सितम्बर की शाम उनकी बेटी घर पहुंची तो उसने हल्के आवाज में आपबीती बताई. हालत बिगड़ने व दर्द के कारण वो कुछ और नहीं बोल सकी. वे अपनी बच्ची को मेहनत मजदूरी करके पढ़ा रही थीं. उनका कहना है कि उनकी बेटी वकील बनना चाहती थी. वह सोचती थी कि किसी तरह परिवार की गरीबी दूर हो, लेकिन बच्ची को दरिंदों ने नोच डाला. पीड़िता की मां का कहना है कि ऐसा ही रहा तो गरीब की लड़कियां कभी पढ़ नहीं पाएंगी और न ही आगे बढ़ पाएंगी.
वहीं, मृत छात्रा के भाई का आरोप है कि पुलिस दो आरोपियों को गिरफ्तार करके अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि घटना में संलिप्त अन्य लोग अभी भी घूम रहे हैं. पुलिस अधीक्षक इस मामले में कार्रवाई करने के लिए अभी और दो दिन का समय मांग रहे हैं. भाई का आरोप है कि घटना में शामिल करीब 5-6 और लोगों पर दो दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
मृतका के मामा ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है. मामा के मुताबिक, पोस्टमार्टम के बाद तीन-तीन थानों की पुलिस और पीएसी यहां पर खड़ी थी. शव को लाने के बाद घर पर भी 5 मिनट नहीं रोक सके. पुलिस ने आनन-फानन में रात में ही छात्रा का दाह संस्कार करवा दिया.
घटना स्थल पर पीड़ित परिवार का हाल जानने पहुंचे पूर्व मंत्री डॉ. एसपी यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब से बीजेपी सरकार आई है, तभी से हत्या, बलात्कार, अपहरण आम बन गया है. आजादी के 70 साल में इतनी घटनाएं नहीं हुई थीं. एक तरफ सरकार कानून बनाने का दावा कर रही है, लेकिन इससे अपराध और बढ़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है.
सदर विधायक पल्टूराम ने घटना की निंदा की
बीजेपी से सदर विधायक पल्टूराम ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. सरकार और पार्टी पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ है. पीड़ित परिवार को 6.18 लाख रुपये की सहायता दी गई है. इसके अलावा पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये, आवासीय पट्टा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की कार्रवाई सरकार कर रही है. विधायक ने कहा कि विपक्षी प्रदेश में घटनाओं को प्रायोजित करके करवा रही है.
पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि पीड़ित परिवार को सहायता राशि उपलब्ध करवाने के बाद पुलिस की कार्रवाई से अवगत करवाया गया. उन्होंने कहा कि पूरे साक्ष्य के साथ आरोपियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाई जाएगी. मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अन्य लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. घटना में जो लोग भी शामिल हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दिलवाने की कोशिश बलरामपुर पुलिस और जिला प्रशासन करेगा.