बलरामपुर: जिले में हुई दर्दनाक और बेहद शर्मसार कर देने वाली घटना के बाद अब जिला प्रशासन इस पूरे मामले पर लीपापोती करने में लगा हुआ है. पुलिस ने पहले तो घटना को छिपाने की कोशिश की, लेकिन उसके बाद जब तमाम तथ्य सामने आने लगे, मीडिया में खबर चलने लगी तो पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने मामले पर अपना बयान जारी किया. अब पीड़िता के परिवार को शासन द्वारा 6 लाख 18 हजार रुपये का मुआवजा दिया गया है.
क्या है घटना
थाना कोतवाली गैंसड़ी में 22 वर्षीय दलित छात्रा बुधवार की सुबह तकरीबन 8:00 बजे अपने घर से निकलती है और एक कॉलेज में एडमिशन के लिए जाती है. कॉलेज से निकलते समय उसका अपहरण कर लिया जाता है और उसे नशीला इंजेक्शन देकर उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया जाता है. लड़की घर तकरीबन 7:00 बजे शाम में पहुंचती है और वह बेहोशी की हालत में होती है. परिजन लेकर उसे अस्पताल भागते हैं, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर उसे रेफर कर देते हैं. रास्ते में उसकी मौत हो जाती है.
आलाधिकारी इस घटना को दबाने का प्रयास कर रहे हैं जबकि परिजनों का आरोप है कि उनकी लड़की को नशीला पदार्थ खिलाकर गैंगरेप किया गया है. जिला प्रशासन ने इस घटना में शामिल में दो आरोपियों शाहिद और साहिल को गिरफ्तार कर लिया है और जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही कुछ और लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. वहीं फॉरेंसिक टीम और अन्य जांच टीमों ने मौका-ए-वारदात पर जाकर साक्ष्य संकलन किया.
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डीएम कृष्णा करुणेश और पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने पीड़िता के गांव पहुंचकर मृतका की मां को 6.18 लाख रुपये का चेक दिया, जो उनके खाते में आ गई है. इसकी पुष्टि सीओ सिटी ने की है.
प्रारंभिक जांच के लिए मैं यहां पर आया हूं. मामले में विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी. अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
राधा रमन सिंह, सीओ सिटी