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बलरामपुर: 4 प्राइवेट अस्पतालों को भेजा नोटिस,  2 का कैंसिल हुआ अनुबंध

बलरामपुर जिले के अस्पताल और निजी अस्पतालों के कार्यों में सुधार न होने पर चिकित्सा अधिकारी ने 4 प्राइवेट हास्पिटलों को नोटिस भेजा. वहीं दो अस्पतालों के अनुबंध रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए गए है.

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Published : Sep 27, 2019, 11:30 PM IST

चिकित्सा अधिकारी ने चार निजी अस्पतालों को भेजा नोटिस

बलरामपुर: केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवाने के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना में प्राइवेट अस्पताल पलीता लगा रहे हैं. जिला प्रशासन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर ने ऐसे प्राइवेट अस्पतालों को चिन्हित कर कार्रवाई कर रहे हैं. इसके तहत अब तक चार अस्पतालों को नोटिस दिया जा चुका है. वहीं दो अस्पतालों का योजना अनुबंध निरस्त किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में अपनी कार्यशैली में सुधार न लाने वाले प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों पर शिकंजा कसेगा.

जानकारी देते सीएमओ.

क्यों निरस्त हो रहा है पंजीकरण

  • मरीजों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना निजी अस्पतालों को रास नहीं आ रही है.
  • निजी अस्पतालों ने चिकित्सा विभाग से साठ-गांठ करके पंजीकरण करा लिया है, लेकिन अब मरीजों को मुफ्त सेवा देने से कतरा रहे हैं.
  • निजी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कर लिया जाता है, लेकिन उन्हें मुफ्त सेवाएं देने के लिए आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड मुहैया नहीं करवाया जाता.
  • इस कारण से मरीजों को अतिरिक्त पैसा हॉस्पिटल को देना पड़ता है, जबकि उन्हें पूरी दवाइयां और सारी सुविधाएं मुफ्त में ही मिलनी चाहिए.
  • इस कारण इनके अनुबंध रजिस्ट्रेशन निरस्त किए जा रहे है. अस्पतालों में योजना के तहत किसी भी लाभार्थी का इलाज नहीं किया गया.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह ने झारखंडी रेलवे स्टेशन के निकट स्थित राघव हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी सेंटर और धुसाह स्थित बीटीएम हॉस्पिटल का आयुष्मान भारत योजना का अनुबंध पंजीकरण निरस्त करते हुए संस्तुति के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी है. साथ ही योजना के लाभार्थियों को अस्पताल में मुफ्त इलाज मुहैया कराने में लापरवाही करने पर चार अन्य निजी नर्सिंग होम को भी नोटिस भेजा गया है. कार्य में सुधार न होने पर जल्द ही उनका भी पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा.

क्या है योजना
मुख्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत योजना है. इसके तहत जिले में कुल 1 लाख 20 हजार 675 परिवार पंजीकृत हैं. इन सभी परिवारों को योजना के लिए पंजीकृत अस्पतालों में पांच लाख तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाता है. इसके लिए प्रत्येक अस्पताल में आयुष्मान मित्र भी तैनात हैं, जो वहां आने वाले सभी मरीजों का मिलान आयुष्मान सूची से करते हैं. मरीज का नाम सूची में होने पर उसे मुफ्त गोल्डन कार्ड बनाने के साथ वहां पर फ्री इलाज की सुविधा भी मिलती है. निर्धारित पैकेज के अनुसार संबंधित मरीज के इलाज पर होने वाला खर्च का बजट प्रदेश व केंद्र सरकार अस्पतालों द्वारा बिल भेजने के बाद देती है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जिले में कुल 10 निजी व प्राइवेट अस्पताल अनुबंधित हैं. इन अस्पतालों में पंजीकृत मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं, लेकिन कुछ अस्पताल ऐसे हैं, जिन्होंने अपने रजिस्ट्रेशन के बाद से किसी मरीज को लाभ नहीं दिया. आयुष्मान भारत योजना में हीला हवाली करने के लिए अब उन पर कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत अब तक दो अस्पतालों का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है, जबकि चार अस्पतालों को नोटिस भी भेजी गई है.

बलरामपुर: केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवाने के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना में प्राइवेट अस्पताल पलीता लगा रहे हैं. जिला प्रशासन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर ने ऐसे प्राइवेट अस्पतालों को चिन्हित कर कार्रवाई कर रहे हैं. इसके तहत अब तक चार अस्पतालों को नोटिस दिया जा चुका है. वहीं दो अस्पतालों का योजना अनुबंध निरस्त किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में अपनी कार्यशैली में सुधार न लाने वाले प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों पर शिकंजा कसेगा.

जानकारी देते सीएमओ.

क्यों निरस्त हो रहा है पंजीकरण

  • मरीजों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना निजी अस्पतालों को रास नहीं आ रही है.
  • निजी अस्पतालों ने चिकित्सा विभाग से साठ-गांठ करके पंजीकरण करा लिया है, लेकिन अब मरीजों को मुफ्त सेवा देने से कतरा रहे हैं.
  • निजी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कर लिया जाता है, लेकिन उन्हें मुफ्त सेवाएं देने के लिए आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड मुहैया नहीं करवाया जाता.
  • इस कारण से मरीजों को अतिरिक्त पैसा हॉस्पिटल को देना पड़ता है, जबकि उन्हें पूरी दवाइयां और सारी सुविधाएं मुफ्त में ही मिलनी चाहिए.
  • इस कारण इनके अनुबंध रजिस्ट्रेशन निरस्त किए जा रहे है. अस्पतालों में योजना के तहत किसी भी लाभार्थी का इलाज नहीं किया गया.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह ने झारखंडी रेलवे स्टेशन के निकट स्थित राघव हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी सेंटर और धुसाह स्थित बीटीएम हॉस्पिटल का आयुष्मान भारत योजना का अनुबंध पंजीकरण निरस्त करते हुए संस्तुति के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी है. साथ ही योजना के लाभार्थियों को अस्पताल में मुफ्त इलाज मुहैया कराने में लापरवाही करने पर चार अन्य निजी नर्सिंग होम को भी नोटिस भेजा गया है. कार्य में सुधार न होने पर जल्द ही उनका भी पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा.

क्या है योजना
मुख्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत योजना है. इसके तहत जिले में कुल 1 लाख 20 हजार 675 परिवार पंजीकृत हैं. इन सभी परिवारों को योजना के लिए पंजीकृत अस्पतालों में पांच लाख तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाता है. इसके लिए प्रत्येक अस्पताल में आयुष्मान मित्र भी तैनात हैं, जो वहां आने वाले सभी मरीजों का मिलान आयुष्मान सूची से करते हैं. मरीज का नाम सूची में होने पर उसे मुफ्त गोल्डन कार्ड बनाने के साथ वहां पर फ्री इलाज की सुविधा भी मिलती है. निर्धारित पैकेज के अनुसार संबंधित मरीज के इलाज पर होने वाला खर्च का बजट प्रदेश व केंद्र सरकार अस्पतालों द्वारा बिल भेजने के बाद देती है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जिले में कुल 10 निजी व प्राइवेट अस्पताल अनुबंधित हैं. इन अस्पतालों में पंजीकृत मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं, लेकिन कुछ अस्पताल ऐसे हैं, जिन्होंने अपने रजिस्ट्रेशन के बाद से किसी मरीज को लाभ नहीं दिया. आयुष्मान भारत योजना में हीला हवाली करने के लिए अब उन पर कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत अब तक दो अस्पतालों का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है, जबकि चार अस्पतालों को नोटिस भी भेजी गई है.

Intro:केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गरीब परिवारों को 500000 रुपए तक का मुफ्त इलाज करवाने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्यक्रम और मुख्यमंत्री जन स्वास्थ्य कार्यक्रम यानी आयुष्मान भारत योजना में प्राइवेट अस्पताल पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। जिला प्रशासन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर ने ऐसे प्राइवेट अस्पतालों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई करने की सोची है। इसके तहत अब तक चार अस्पतालों को जहां नोटिस थमाया जा चुका है। वहीं दो अस्पतालों का योजना अनुबंध निरस्त किया जा चुका है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में अपनी कार्यशैली में सुधार ना लाने वाले प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों पर शिकंजा और कसेगा।Body:क्यों निरस्त हो रहा है पंजीकरण :-

मरीजों को पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना निजी अस्पतालों को रास नहीं आ रही है। निजी अस्पतालों ने पहले तो चिकित्सा विभाग से साठ-गाँठ करके पंजीकरण करा लिया। लेकिन अब मरीजों को मुफ्त सेवा देने से क़तरा काट रहे हैं। इन निजी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती तो कर लिया जाता है। लेकिन उन्हें मुफ्त सेवाएं देने के लिए आयुष्मान लयोजना का गोल्डन कार्ड मुहैया नहीं करवाया जाता। जिस कारण से मरीजों को अतिरिक्त पैसा हॉस्पिटल को देना पड़ता है। जबकि उन्हें पूरी दवाइयां और सारी सुविधाएं मुफ्त में ही मिलनी चाहिए।
अपने रजिस्ट्रेशन के चार महीने तक इसके साथ ही इनके अनुबंध निरस्त होने का मुख्य कारण यह भी है कि इन अस्पतालों में योजना के तहत किसी भी लाभार्थी का इलाज नहीं किया गया। इस कारण मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह ने झारखंडी रेलवे स्टेशन के निकट स्थित राघव हॉस्पिटल एंड मैटरनिटी सेंटर व धुसाह स्थित बीटीएम हॉस्पिटल का आयुष्मान भारत योजना का अनुबंध पंजीकरण निरस्त करते हुए संस्तुति के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी है। साथ ही योजना के लाभार्थियों को अस्पताल में मुफ्त इलाज मुहैया कराने में लापरवाही करने पर चार अन्य निजी नर्सिंग होम को भी नोटिस भेजा गया है। कार्य सुधारना होने पर जल्द ही उनका भी पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा।

क्या है योजना :

मुख्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्यक्रम यानी आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में कुल 120675 परिवार पंजीकृत है। इन सभी परिवारों को योजना के लिए पंजीकृत अस्पतालों में पांच लाख तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाता है। इसके लिए प्रत्येक अस्पताल में आयुष्मान मित्र भी तैनाती है। जो वहां आने वाले सभी मरीजों का मिलान आयुष्मान सूची से करता है।
मरीज का नाम सूची में होने पर उसे मुफ्त गोल्डन कार्ड बनाने के साथ वहां पर फ्री इलाज की सुविधा भी मिलती है। निर्धारित पैकेज के अनुसार संबंधित मरीज के इलाज पर होने वाला खर्च का बजट प्रदेश व केंद्र सरकार अस्पतालों द्वारा बिल भेजने के बाद देती है।Conclusion:क्या कहते हैं जिम्मेदार :-
इस मामले पर बात करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ घनश्याम सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गतजिले में कुल 10 निजी व प्राइवेट अस्पताल अनुबंधित हैं। इन अस्पतालों में पंजीकृत मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। लेकिन कुछ अस्पताल ऐसे हैं, जिन्होंने अपने रजिस्ट्रेशन के बाद से किसी मरीज को लाभ नहीं दिया। आयुष्मान भारत योजना में हीला हवाली करने के लिए अब उन पर कार्यवाही की जा रही है। इसके तहत अब तक 2 अस्पतालों का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है। जबकि चार अस्पतालों को नोटिस भी भेजी गई है।
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