बलरामपुर: जिले में पंचायत चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो गई हैं. समाजवादी पार्टी ने जहां किरण यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने बलरामपुर जिले से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 21 वर्षीय आरती तिवारी को उम्मीदवार बनाया है. आरती तिवारी प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य चुनाव को जीतने वाली सबसे कम उम्र की कैंडिडेट थी. इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को चौधरीडीह वार्ड नंबर 17 से तकरीबन 8,500 मतों से मात दी थी. बीजेपी के इस कदम की प्रशंसा की जा रही है.
बीजेपी ने दिया आरती को टिकट
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए सभी प्रमुख दल मैदान में हैं. सभी राजनीतिक दल लगातार अपने प्रत्याशियों की सूची लगातार जारी कर रहे हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 25-26 तारीख को नामांकन किया जाएगा और 3 जुलाई को चुनाव होगा. उसी दिन रिजल्ट भी जारी किया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी का इस चुनाव में दबदबा होना तय माना जा रहा है. लेकिन भाजपा के एक कदम की चर्चा अब चारों तरफ हो रही है. बीजेपी ने बलरामपुर की महिला सामान्य रिजर्व सीट के लिए पहली बार चुनाव जीत कर आईं आरती तिवारी को उम्मीदवार बनाया है.
कैसा रहा आरती का सफर
आरती तिवारी जिले के स्थानीय महारानी लाल कुंवरि महाविद्यालय में स्नातक अंतिम वर्ष की छात्रा हैं. इनकी उम्र 21 वर्ष बताई जा रही है. आरती तिवारी का संबंध न ही किसी राजनीतिक घराने से है और न ही परिवार के किसी सदस्य ने बड़े पद के लिए चुनाव लड़ा था, लेकिन उनके चाचा श्याम मनोहर तिवारी ने जिले के बरदौलिया क्षेत्र के विकास काम में अपना सहभाग दिया है. जिसके कारण क्षेत्र में उनके और उनके परिवार का काफी सम्मान किया जाता है.
जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने आरती तिवारी के टिकट की घोषणा करते हुए जानकारी दी कि आरती पढ़ी-लिखी उम्मीदवार है. राजनीति में इन जैसे नौजवान के आने से न केवल युवाओं को राजनीति में आने की प्रेरणा मिलेगी. बल्कि यदि यह जीतकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनती हैं तो इनके विजन के कारण जिले का चौमुखी विकास भी हो सकेगा. उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त अगर उनके राजनीतिक रुझान की बात की जाए तो उनके चाचा श्याम मनोहर तिवारी बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता हैं. वह काफी समय से हर्रैया सतघरवा क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
क्या बोले विधायक तुलसीपुर
तुलसीपुर क्षेत्र से विधायक कैलाश नाथ शुक्ला ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं की किस तरह कद्र की जाती है. आरती तिवारी को टिकट मिलना. इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. आरती तिवारी जैसे सामान्य कार्यकर्ता भी बीजेपी में चुनाव लड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि आरती तिवारी जैसे नौजवानों के आने से न केवल जिले में विकास अच्छा होगा बल्कि लोगों युवाओं में राजनीति के प्रति रुचि भी बढ़ेगी.
आरती तिवारी के चाचा और बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता श्याम मनोहर तिवारी ने बताया कि आरती अभी 21 वर्ष की है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को जिला पंचायत सदस्य के चुनावों में तकरीबन 8500 वोटों से मात दी थी. आरती कुमारी के चुनाव जीतने का मुख्य कारण उनका शिक्षित होना व परिवार द्वारा जनता के बीच किया गया काम है. यदि आरती जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में जिले का प्रतिनिधित्व करेंगी तो निश्चय ही उनके विजन से महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ने के साथ-साथ विकास की एक नई गाथा लिखी जा सकेगी.
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