बलरामपुर: बलरामपुर जिले के खरझार नाले में 2 दिनों से बारिश होने के कारण बाढ़ आ गई. इससे करीब 25 गांवों में पानी भर गया. वहीं राप्ती के कारण तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा गांव प्रभावित नजर आ रहे हैं. ऐसे में जिला आपदा प्रबंधन इकाई द्वारा तमाम तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. लेकिन गांवों में इसका कोई प्रभाव नजर नहीं आ रहा है.
बाढ़ से गांवों में भरा पानी
- जिला आपदा प्रबंधन इकाई द्वारा तमाम तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं, लेकिन गांवों में इसका कोई प्रभाव नजर नहीं आ रहा है.
- जिले के खरझार नाले में 2 दिनों से बारिश होने के कारण बाढ़ आ गई, जिससे करीब 25 गांवों में पानी भर गया.
- आपदा प्रबंधन इकाई के प्रमुख रवि कुमार शुक्ला ने बताया कि तकरीबन 30 जगहों पर बाढ़ चौकियों का निर्माण किया गया है.
- लेखपाल व चौकी इंचार्ज जैसे लोगों को बाढ़ से जन समस्याओं पर नियंत्रण पाने व लोगों की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया है.
- जिले के तीन तहसीलों में आकस्मिक आपदा नियंत्रण कक्षों की स्थापना भी की गई है.
- बाढ़ प्रभावित ग्राम सभाओं में लोगों को बाढ़ के पानी से बाहर निकालने के लिए जिला अधिकारी द्वारा 30 से अधिक नावों की व्यवस्था करवाई गई है.
आपदा प्रबंधन इकाई द्वारा जिले में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तमाम तैयारियों को अंजाम दिया जा चुका है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को पत्र लिखकर यहां पर उनकी कंपनियों की तैनाती के लिए अनुरोध किया जा चुका है. जबकि सभी जरूरी निविदाओं को पूरा करा लिया गया है, खाने के पैकेट, लईया-चना बटवाने की व्यवस्था भी कर ली गई है.
- कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी
बलरामपुर जिला नेपाल की तराई के इलाके में बसा हुआ है. तकरीबन 2 दर्जन पहाड़ी नाले नेपाल से उतारकर भारत की सीमा में न केवल उपजाऊ मिट्टी पैदा करते हैं. वहीं, दूसरी तरफ इन्ही के द्वारा हर साल हजारों सैकड़ों की संख्या में जिंदगी भी तबाह होती हैं. किसी का घर उजड़ जाता है, तो किसी का कोई अपना बिछड़ जाता है. तमाम कवायदों के बीच जिला आपदा प्रबंधन इकाई व जिला आपदा प्रबंधन विभाग, बाढ़ और प्रकृति से जनित आपदा से निपटने की तैयारी करता है, लेकिन सुस्त व्यवस्था के कारण जब तक तैयारियां की जाती हैं तब तक बाढ़ बड़ी मात्रा में तबाही पैदा करके लोगों की जिंदगियां उजाड़ देता है.