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दूसरी हरित क्रांति की ओर बढ़ रहे योगेन्द्र पासवान, 35 साल से लगा रहे हैं पौधे - बलिया न्यूज

बलिया के रहने वाले योगेन्द्र का प्रकृति प्रेम अनोखा रूप ले रहा है. निजी कंपनी में गार्ड की नौकरी करने वाले योगेन्द्र ने नौकरी छोड़ प्रकृति प्रेम को अपनाया. वह साल 1984 से लगातार घर-घर जाकर पौधे लगा रहे हैं. साथ ही वहां रहने वालों को उस पौधे की देखभाल की पूरी जानकारी भी देते हैं.

घर-घर जाकर लगाते हैं पौधे
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Published : Feb 28, 2019, 2:22 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

बलिया : एक ओर पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग जैसी विकट समस्या से जूझ रहा है, वहीं बलिया के योगेंद्र पासवान प्रकृति को हरा-भरा करने का संकल्प लेकर अनोखा प्रयास कर रहे हैं. वह न सिर्फ लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं बल्कि लोगों के घर-घर जाकर पौधे भी लगाते हैं. वह साल 1984 से लगातार खुशबूदार, फलदार और छायादार पौधे लगाकर योगेंद्र पासवान अपनी अलग पहचान बना रहे हैं.

घर-घर जाकर लगाते हैं पौधे

जिले के फेफना इलाके के बरौली गांव के रहने वाले योगेंद्र पासवान को लोग भोलेनाथ के नाम से भी जानते हैं. बचपन से ही इन्हें पेड़-पौधे से लगाव रहा और धीर-धीरे उनका यह लगाव प्रकृति को हरा-भरा करने में लग गया. योगेंद्र स्वयं एक प्राइवेट कंपनी में गार्ड की नौकरी करते थे, लेकिन प्रकृति से प्रेम इतना बढ़ गया कि उन्होंने नौकरी छोड़ पेड़-पौधे से खुद को जोड़ लिया. वह लोगों के घरों तक जाकर वहां पौधे लगाते हैं और फिर वहां रहने वालों को इसके रखरखाव की पूरी जानकारी भी देते हैं. बाद में जरूरत पड़ने पर यह खुद जाकर अपने लगाए पौधों की देखभाल भी करते हैं.

कस्बे के 50 से अधिक गांवों में योगेंद्र अब तक लाखों पौधे लगा चुके हैं. इसके अलावा सड़क के किनारे जिस भी जगह पर उन्हें जगह मिलती है वहां पौधा लगा देते हैं. ग्रामीण रामशंकर बताते हैं कि पौधे लगाने के लिए यह लोगों से किसी तरह की पैसे की मांग नहीं करते. जिसको जितना बन पड़ता है, वह इन को दे देते हैं, ताकि पौधे खरीदने की इनकी लागत निकल आए. लोग फोन कर उन्हें अपने घर में पौधे संबंधित समस्या के निदान के लिए बुलाते हैं.

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बलिया : एक ओर पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग जैसी विकट समस्या से जूझ रहा है, वहीं बलिया के योगेंद्र पासवान प्रकृति को हरा-भरा करने का संकल्प लेकर अनोखा प्रयास कर रहे हैं. वह न सिर्फ लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं बल्कि लोगों के घर-घर जाकर पौधे भी लगाते हैं. वह साल 1984 से लगातार खुशबूदार, फलदार और छायादार पौधे लगाकर योगेंद्र पासवान अपनी अलग पहचान बना रहे हैं.

घर-घर जाकर लगाते हैं पौधे

जिले के फेफना इलाके के बरौली गांव के रहने वाले योगेंद्र पासवान को लोग भोलेनाथ के नाम से भी जानते हैं. बचपन से ही इन्हें पेड़-पौधे से लगाव रहा और धीर-धीरे उनका यह लगाव प्रकृति को हरा-भरा करने में लग गया. योगेंद्र स्वयं एक प्राइवेट कंपनी में गार्ड की नौकरी करते थे, लेकिन प्रकृति से प्रेम इतना बढ़ गया कि उन्होंने नौकरी छोड़ पेड़-पौधे से खुद को जोड़ लिया. वह लोगों के घरों तक जाकर वहां पौधे लगाते हैं और फिर वहां रहने वालों को इसके रखरखाव की पूरी जानकारी भी देते हैं. बाद में जरूरत पड़ने पर यह खुद जाकर अपने लगाए पौधों की देखभाल भी करते हैं.

कस्बे के 50 से अधिक गांवों में योगेंद्र अब तक लाखों पौधे लगा चुके हैं. इसके अलावा सड़क के किनारे जिस भी जगह पर उन्हें जगह मिलती है वहां पौधा लगा देते हैं. ग्रामीण रामशंकर बताते हैं कि पौधे लगाने के लिए यह लोगों से किसी तरह की पैसे की मांग नहीं करते. जिसको जितना बन पड़ता है, वह इन को दे देते हैं, ताकि पौधे खरीदने की इनकी लागत निकल आए. लोग फोन कर उन्हें अपने घर में पौधे संबंधित समस्या के निदान के लिए बुलाते हैं.

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Intro:बलिया
एंकर--पूरा विश्व जब ग्लोबल वार्मिंग जैसी विकट समस्या से जूझ रहा है ऐसे में बलिया के योगेंद्र पासवान प्रकृति को हरा भरा करने का संकल्प लेकर लगातार लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और लोगों के घर जाकर पौधे भी लगाते हैं 1984 से लगातार खुशबूदार फलदार छायादार पौधे लगाकर योगेंद्र पासवान अपनी अलग पहचान बना रहे हैं


Body:वीओ1--बलिया के फेफना इलाके के बरौली गांव के रहने वाले योगेंद्र पासवान जिन्हें लोग भोलेनाथ के नाम से जानते हैं बचपन से ही इन्हें पेड़ पौधे से लगाओ रहा और धीरे धीरे उनका यह लगाओ प्रकृति और वातावरण को हरियाली युक्त बनाने में बढ़ता गया योगेंद्र पासवान एक प्राइवेट कंपनी में बतौर गार्ड की नौकरी करते थे लेकिन प्रकृति से प्रेम इतना बढ़ गया कि उन्होंने नौकरी छोड़ पेड़ पौधे से खुद को जोड़ लिया इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1984 से लगातार गांव गांव और कस्बों में जाकर लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

वीओ2--अपनी साइकिल के हैंडल झोला लटकाकर एक गांव से दूसरे गांव जाकर लोगों के घरों में पौधे लगाने और उन्हें प्रकृति के बारे में जानकारी दे रहे है। योगेंद्र पासवान लोगों कि घरों में जाकर खुशबूदार पौधे को लगाते ही हैं साथ ही लोगों को इसके रखरखाव की पूरी जानकारी भी देते हैं इतना ही नहीं लोगों द्वारा इनसे फोन कर सूचना देने पर भी यह समय-समय पर जाकर अपने द्वारा लगाए गए पौधों की देखभाल भी करते हैं योगेंद्र पासवान के अनुसार प्रकृति को हरा भरा करने का इनका एक सपना है और इसी सपने को पूरा करने के लिए यह लगातार लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक करते आ रहे हैं

बाइट1---योगेंद्र पासवान----प्रकृति प्रेमी

वीओ3-कस्बे के 50 से अधिक गांव में योगेंद्र पासवान अब तक लाखों पौधे लगा चुके हैं इसके अलावा सड़क के किनारे जिस भी जगह पर उन्हें पर्याप्त पौधा लगाना का स्थान मिलता है वहां आम जनमानस के लिए छायादार पौधे लगा देते हैं और लोगों को समय-समय पर उसमें पानी देने के लिए भी कहते हैं ग्रामीण रामशंकर बताते हैं कि पौधे लगाने के लिए यह लोगों से किसी तरह की पैसे की मांग नहीं करते जिसको जितना बन पड़ता है वह इन को दे देते हैं ताकि पौधे खरीदने का इनकी लागत निकल आए योगेंद्र पासवान को करीब 5 किलोमीटर तक लोग फोन कर अपने घर में पौधे संबंधित समस्या के निदान के लिए बुलाते हैं

बाइट2--रामशंकर---ग्रामीण




Conclusion:फाइनल वीओ-- 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस की अवसर पर प्रतिवर्ष देश में लाखों पौधे लगाए जाते हैं लेकिन इनकी सही प्रकार से देख रेख ना होने की वजह से उनमें से महज 10% पौधे ही जीवित रह पाते हैं लेकिन बलिया की योगेंद्र पासवान की लगन और मेहनत पर सरकार की अगर नजर जाती तो अब तक जीवित पौधों की संख्या कई ज्यादा हो सकती थी फिलहाल प्रकृति में एक और हरित क्रांति लाने के लिए योगेंद्र पासवान लगातार मेहनत करने में जुटे हैं।

पीटीसी---प्रशान्त बनर्जी

प्रशान्त बनर्जी
बलिया।
9455785050
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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